नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच फर्जी वोटर के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता आपस में भिड़े हुए हैं.
इस विवाद की शुरुआत हाल ही में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने की, जब उन्होंने आरोप लगाया कि नई दिल्ली विधानसभा सीट पर बड़ी संख्या में फर्जी वोटरों को जोड़ा जा रहा है.
अपने बयान में केजरीवाल ने कहा, ‘एक लाख की छोटी सी विधानसभा सीट है, उसमें पिछले 15 दिन में 13 हज़ार नए वोटर बनने की एप्लिकेशन कहां से आ गई? ज़ाहिर तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार से ला लाकर, आस-पास के स्टेट से लाकर फर्जी वोट बनवा रहे हैं ये लोग..’
इस संबंध में उन्होंने चुनाव आयोग से पत्र के माध्यम से शिकायत भी की है.
AAP National Convenor Arvind Kejriwal writes to Chief Election Commissioner regarding allegations of irregularities in the voter list in the New Delhi Assembly constituency
‘Union ministers and leaders of BJP are getting fake votes made at their home addresses. FIR should be… pic.twitter.com/PHibqeMp3L
— ANI (@ANI) January 11, 2025
केजरीवाल के आरोप लगाते ही भाजपा ने बिना किसी देरी के इस मामले को पूर्वांचली वोटरों के अपमान से जोड़ते हुए केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को घेर लिया. वहीं, कांग्रेस ने भी ‘नए वोटरों’ के मुद्दे पर केजरीवाल पर जोरदार हमला बोला.
पूर्वांचली वोटरों को लेकर राजनीति
इस संबंध में दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ‘पूर्वांचल समाज के भाई बहनों को फर्जी वोटर कहकर पूरे पूर्वांचल समाज का नाम खराब किया है और बेहद निंदनीय है. ये कोई पहली बार आपने नहीं किया है केजरीवाल जी. ये आपने मन का काला सच है जो बार बार आपकी ज़ुबान पर आता है.’
#WATCH | Delhi BJP President Virendraa Sachdeva says, ‘I am pained to see how attempts are being made to defame my Delhi. Seeing the language used by the three-time CM who can see power slip away from his hands, it appears that he has lost his mental balance. I have a request… pic.twitter.com/dOfOvbY3gq
— ANI (@ANI) January 10, 2025
इस मामले में दिल्ली प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और मूल रूप से पूर्वांचल से संबंध रखने वाले सांसद मनोज तिवारी ने भी केजरीवाल पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं, जिससे पता चलता है कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल यूपी-बिहार के लोगों से नफरत करते हैं.
#WATCH | #DelhiElection2025 | BJP MP and former Delhi BJP chief Manoj Tiwari says, ‘There are multiple examples showing how AAP and Arvind Kejriwal hate people of UP and Bihar. Today, once again Arvind Kejriwal called the people of UP and Bihar ‘farzi’. He said that people of UP… pic.twitter.com/NBOMsnKlHE
— ANI (@ANI) January 9, 2025
वहीं, आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि अगर यूपी और बिहार के कार्यकर्ताओं को लाकर फर्जी वोट बनवाए जाएंगे तो क्या उसके ख़िलाफ़ बोला नहीं जाएगा, उसे रोका नहीं जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘इसमें पूर्वांचलियों का या यूपी-बिहार के लोगों के अपमान का सवाल कहां हैं? ये तो जो फर्जी वोट बनाने का अभियान बीजेपी चला रही है, उसको रोकने के लिए शिकायत करने हम चुनाव आयोग गए थे.’
ये रहा ORIGINAL VIDEO ✅
पूर्वांचलियों का हक मारने पर BJP बेनकाब हुई तो झूठ फैलाने पर उतर आयी 🚨
दिल्ली में 30-40 सालों से रह रहे पूर्वांचली भाइयों और बहनों का वोट काटकर भाजपा बाहर से लाये अपने कार्यकर्ताओं का वोट दिल्ली में बनवाना चाहती है। पूर्वांचल समाज से आने वाले AAP सांसद… https://t.co/kppxqoSgrv pic.twitter.com/0nYdLU39RA
— Aam Aadmi Party Delhi (@AAPDelhi) January 10, 2025
केजरीवाल के आरोपों के बाद पूर्व सांसद और केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित भी उन पर हमला कर रहे हैं.
संदीप दीक्षित ने कहा है, ‘पूर्वांचली हो या दिल्ली का वोटर हो, कोई भी वोटर हो. सारे वोटर महत्वपूर्ण हैं, चाहे वो एक हो या ज़्यादा हों. चुनाव आयोग को निष्पक्ष होकर देखना चाहिए कि वोट बनने में या वोट कटने में, चाहे वो किसी भी समुदाय का हो, वह क़ानून सम्मत होना चाहिए.’
मालूम हो कि इससे पहले इससे पहले अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में पुराने वोटरों के नाम जबरन वोटर लिस्ट से हटाने के आरोप लगाए थे, इसमें खास तौर पर नई दिल्ली विधानसभा सीट का जिक्र किया गया था, जहां से अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे हैं.
हज़ारों Vote कटवाने की BJP की साज़िश का ऐसे हुआ खुलासा👇
👉 बीजेपी ने 11018 लोगों को मृत या Shift हुआ बताकर उनके वोट कटवाने की Application दी
👉 AAP ने इसमें से Randomly 500 लोगों की जांच की, इसमें 372 लोग ज़िंदा और वहीं रहते हुए मिले
👉 मतलब 11018 की लिस्ट में से लगभग 75%… pic.twitter.com/L1KC5r01sn
— AAP (@AamAadmiParty) December 6, 2024
अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि नई दिल्ली विधानसभा सीट पर कुल मिलाकर 18 हज़ार से ज़्यादा वोट ‘इधर से उधर’ किए जा रहे हैं.
केजरीवाल ने कहा है, ‘साढ़े अठारह प्रतिशत वोट अगर किसी विधानसभा की इधर से उधर कर तो फिर यह चुनाव थोड़े ही है, यह केवल तमाशा है, नाटक है.’
ज्ञात हो कि दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीटें हैं. लेकिन राष्ट्रीय राजधानी और देश की राजनीति का केंद्र होने की वजह से दिल्ली की हर ख़बर पर देश और दुनियाभर की नज़रें होती हैं.
दिल्ली भाजपा और आप के लिए क्यों जरूरी है?
भाजपा को यहां मुख्य रूप से आम आदमी पार्टी से टक्कर मिलती है. क्योंकि देश में सत्ता गवां चुकी कांग्रेस दिल्ली के बीते दो विधानसभा चुनावों में खाता तक नहीं खोल पाई थी. हालांकि, ये भी एक सच्चाई है कि आप के आने से दिल्ली को एक तरह से कांग्रेस का गढ़ माना जाता था.
भाजपा के लिए यह चुनाव इसलिए भी काफी अहम है कि क्योंकि वह दिल्ली में लगातार 6 विधानसभा चुनावों में हार चुकी है. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी साल 2015 और साल 2020 में विधानसभा चुनावों में भाजपा को हार का स्वाद ही चखना पड़ा.
वहीं, आम आदमी पार्टी की बात करें, तो उसकी सियासत की नींव ही दिल्ली है और ऐसे में उसके लिए दिल्ली राजनीतिक तौर पर काफी अहम है.
अरविंद केजरीवाल के फर्जी वोटर के आरोप को देखें, तो उन्होंंने वोटर लिस्ट में 18.5 फ़ीसदी बदलाव का आरोप लगाया है. हालांकि हर पांच साल में किसी भी लोकसभा, विधानसभा या स्थानीय निकायों की सीट पर वोटरों की संख्या में बदलाव स्वाभाविक होता है, लेकिन इसके पीछे की वजहों को देखना भी जरूरी है.
इस बदलाव के कई कारण हो सकते हैं, जैसे नए वोटरों का जुड़ना, पहले से रह रहे कुछ लोगों की वोट देने की उम्र हो जाना, नए लोगों का इलाक़े में बसना आदि. इसके अलावा कुछ लोगों का इलाक़े से दूर चले जाना और कुछ वोटरों का निधन होना भी वोटर लिस्ट में बदलाव का कराण होता है.
नई दिल्ली विधानसभा सीट की बात करें, तो चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक़ साल 2020 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कुल 1,46,122 वोटर थे. जबकि साल 2015 के चुनाव में इस सीट पर 1,37,924 वोटर थे.
इस तरह से पांच साल में कुल वोटरों की संख्या में 8198 वोटर बढ़ गए थे. यानी पांच साल में क़रीब 6% वोटर बढ़े थे.
मतदाताओं की बदलती संख्या
वोटरों की संख्या में बदलाव को समझने के लिए दिल्ली की कुछ अन्य सीटों पर मतदाताओं की बदली संख्या को भी देख लेते हैं.
पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज सीट पर साल 2015 में 2,14,368 वोटर थे, जो साल 2020 में 2,31,461 हो गए. इस सीट पर पांच साल में 17,093 नए वोटर जुड़े. यानी क़रीब 8 फ़ीसदी नए वोटर.
वहीं, बुराड़ी सीट पर वोटरों की संख्या देखें, तो साल 2015 में यहां कुल 2,88,420 मतदाता थे, जिनकी संख्या साल 2020 में 73,283 बढ़ गई. यानी 2020 में यहां 3,61,703 वोटर हो गए. यानी यहां 25 फ़ीसदी से ज़्यादा नए वोटर जुड़ गए.
अब दक्षिणी दिल्ली के रिहाइशी इलाके मालवीय नगर की बात करें, तो यहां 2020 में कुल मतदाताओं की संख्या 1,48,921 थी, जबकि 2015 में यहां 1,39,987 वोटर थे. यानी पांच सालों में यहां 8,934 बढ़े, जो करीब 6 प्रतिशत है.
पश्चिमी दिल्ली के इलाके पटेल नगर के आंकड़े बताते हैं कि यहां 2020 के विधानसभा चुनावों में मतदान करने वालों की संख्या 1,92,482 थी, जबकि 2015 में कुल मतदाता 1,71,077 थे. यहां पांच सालों में कुल 21,405 नए वोटर जुड़े. ये बढ़ोत्तरी करीब 12.5 प्रतिशत की रही.
इन पांच सीटों में वोटरों की संख्या का बदलाव तो आसानी से समझ आता है, लेकिन यहां ये भी ध्यान रखने वाली बात है कि इन इलाकों में लोगों की बसावट में भी बड़ा अंतर नज़र आता है. जैसे नई दिल्ली सीट एक व्यवस्थित पूरी तरह से बसा हुआ इलाक़ा माना जाता है, इसमें बड़ी संख्या सरकारी नौकरी करने वाले लोगों की है. इसलिए इस सीट पर वोटरों में बहुत बड़ा बदलाव एक कई सवाल खड़े कर सकता है.
वहीं, मालवीय नगर की बात करें, तो यहां ज्यादातर लोग आजादी के समय पाकिस्तान से हिंदू और सिख शरणार्थी आकर बसे थे, जिन्हें खुद सरकार ने जमीनें आवंटित की थीं. ये दिल्ली का एक पॉश इलाका माना जाता है, यहां भी नए लोगों के बहुत अधिक संख्या में जुड़ने की संभावना कम है. पटेल नगर का भी अमूमन यही हाल है.
वहीं, बुराड़ी में पूर्वांचल और बिहार के लोग बड़ी संख्या में बसते हैं और इस इलाक़े में नए बसावट लगातार जारी हैं, वहीं पटपड़गंज दिल्ली के प्रमुख रिहाइशी इलाक़े में आता है, जहां कई सारे अपार्टमेंट और सोसाइटी हैं.
हालांकि, पुराने वोटरों के नाम सूची से हटाने के आरोप के जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दावा किया था कि वोटरों के नाम सूची से हटाने में पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाता है.
VOTER LIST FRAUD 🚨
Many journalists have proved that names from the voter lists are deleted by BJP in Elections . Opposition parties have complained about it but here ECI is completely denying this claim and acting as a BJP agent .#DelhiElection2025pic.twitter.com/VmqNbwO91S
— Surbhi (@SurrbhiM) January 7, 2025
गौरतलब है कि दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है और आठ फरवरी को इसके नतीज़े सामने आएंगे. ऐसे में फर्जी वोटर का मामला वाकई संगीन है, जिस पर चुनाव आयोग को अपना रुख स्पष्ट करते हुए सभी पार्टियों को निष्पक्ष चुनाव के लिए आश्वस्त करना चाहिए, जिससे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की राजधानी की चुनावी प्रक्रिया को लेकर किसी के मन में कोई संशय न रहे.