नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. सत्ताधारी आम आदमी पार्टी नित नए वादे कर रही है. इसी तरह वादों की झड़ी पिछले विधानसभा चुनाव में भी लगी थी. 2020 में आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में जनता को तारों के जंजाल से मुक्ति दिलाने का वादा किया था.
लेकिन दिल्ली सरकार के पावर डिपार्टमेंट से पता चला है कि पिछले पांच वर्षों में दिल्ली में कहीं भी तारों को अंडरग्राउंड करने का काम नहीं हुआ है. कार्यकाल खत्म होने को है लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने इसके लिए न तो कोई योजना शुरू की है, न ही राशि जारी की है. जबकि दिल्ली में तमाम जगहों पर नंगे तार झूल रहे हैं और करंट लगने से मौत हो रही हैं.
केजरीवाल की गारंटी का हाल
साल 20202 के घोषणा-पत्र के तीसरे पन्ने पर ‘केजरीवाल की 10 गारंटी’ दर्ज हैं. सूची की पहली ही गारंटी बिजली से जुड़ी है, जिसमें 24 घंटे बिजली और 200 यूनिट मुफ्त बिजली की योजना को जारी रखने और दिल्ली को तारों के जंजाल से मुक्त कर, हर घर अंडरग्राउंड केबल से बिजली पहुंचाने का वादा किया गया था.
आपको दस्तावेजों की जांच करने की ज़रूरत नहीं. दिल्ली में घूमते हुए पता किया जा सकता है कि हर घर अंडरग्राउंड केबल से बिजली पहुंचाने का वादा पूरा नहीं हुआ. द वायर हिंदी ने 14 नवंबर, 2024 को दिल्ली सरकार के पावर डिपार्टमेंट को आरटीआई आवेदन किया था. 6 दिसंबर, 2024 को प्राप्त हुई जानकारी ‘केजरीवाल की गारंटी’ की पोल खोलती है.
मांगी गई जानकारी
क्या दिल्ली में बिजली के तारों को भूमिगत करने के लिए कोई आधिकारिक योजना बनाई गई है? अगर हां, तो कृपया इस योजना का पूरा विवरण दें, जिसमें इसके प्रारंभिक उद्देश्य, बजट, समयसीमा और कार्यान्वयन की प्रक्रिया शामिल हो.
जवाब: बिजली विभाग ने स्पष्ट किया कि दिल्ली में बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने की कोई योजना नहीं है. हालांकि, 3 अगस्त 2018 की एक नीति के तहत, केवल उन बिजली लाइनों को शिफ्ट किया जाता है जो मानव जीवन के लिए खतरा पैदा करती हैं.
इस जवाब के साथ एक दस्तावेज भी संलग्न था, जो दरअसल दिल्ली सरकार का आदेश हैं. यह आदेश हाई टेंशन और लो टेंशन बिजली लाइनों को शिफ्ट करने से संबंधित है, खासकर उन लाइनों को जो मानव जीवन के लिए खतरा पैदा कर रही हैं. लेकिन इसके लिए भी ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ (एनओसी) लेना अनिवार्य है, जो प्रक्रिया को और जटिल बनाता है.
इस वादे को न पूरा करने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार और मीडिया से बातचीत के दौरान पूरी गंभीरता से दावा कर रहे हैं कि उन्होंने तीन वादों (पीने का पानी, यमुना की सफ़ाई और दुरुस्त सड़क) को छोड़कर सभी पूरे कर दिए हैं.
दिल्ली में करंट लगने की घटनाएं
पिछले कुछ वर्षों में तारों के जंजाल और खुले बिजली के तारों के कारण दिल्ली में कई दुर्घटनाएं हुई हैं.
नवंबर 2024 में शाहबाद डेरी के 50 वर्षीय निवासी चंद्रशेखर तिवारी लोहे की ग्रिल छत पर चढ़ा रहे थे, तभी ग्रिल बिजली के खंभे से टकरा गया, जिससे करंट लगने से उनकी मौत हो गई.
पिछले साल अक्टूबर में कालकाजी मंदिर में करंट लगने से 17 साल के लड़के की मौत हो गई थी. छह लोग घायल भी हुए थे. यह हादसा नवरात्रि के दौरान हुआ था.
अगस्त 2024 में किराड़ी में करंट लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. दरअसल, भारी बारिश के कारण सड़क से पानी मृतक के घर में घुस आया और बिजली के सर्किट के संपर्क में आने से पानी में करंट आ गया.
11 अगस्त, 2024 को बाहरी दिल्ली के रनहोला इलाके में क्रिकेट खेलते समय बिजली के खंभे के संपर्क में आने से 13 वर्षीय लड़के की मौत हो गई थी.
22 जुलाई, 2024 को पटेल नगर में 26 वर्षीय आईएएस अभ्यर्थी नीलेश राय की करंट लगने से मौत हो गई थी. लायब्रेरी से लौटते समय जलभराव वाली सड़क पर पैर फिसलने पर उन्होंने संतुलन के लिए लोहे का गेट पकड़ा, जिससे उन्हें करंट लग गया.
आप की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस विषय पर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी का बयान लेने के लिए द वायर हिंदी 15 जनवरी को उनके मुख्यालय गया. पार्टी के प्रवक्ता दिलीप पांडे को फोन किया, लेकिन उत्तर नहीं मिला. उनके आधिकारिक ईमेल पते पर सवाल भेजे गए हैं. जवाब आने पर उसे ख़बर में अपडेट कर दिया जाएगा.
आप प्रवक्ता दिलीप पांडे को भेजे गए कुछ सवाल:
1. 2020 के घोषणा पत्र में दिल्ली को तारों के जंजाल से मुक्त करने और हर घर को अंडरग्राउंड केबल से बिजली पहुंचाने की गारंटी दी गई थी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि उन्होंने तीन वादों को छोड़कर सभी वादे पूरे कर दिए हैं. लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. क्यों?
2. दिल्ली में खुले बिजली के तारों के कारण करंट लगने से हुई मौतों के लिए सरकार की क्या जिम्मेदारी है?
3. क्या सरकार ने करंट लगने से होने वाली इन घटनाओं को रोकने के लिए कोई विशेष कदम उठाए हैं?