नई दिल्ली: मेटा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग द्वारा कोरोना महामारी के बाद 2024 में सत्ता परिवर्तन को लेकर दिए गए बयान पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के बाद अब भाजपा सांसद और संसद की संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर गठित स्थायी समिति के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने मंगलवार (14 जनवरी) को कहा कि मेटा को गलत जानकारी फैलाने के लिए माफी मांगनी पड़ेगी.
रिपोर्ट के अनुसार, मार्क जुकरबर्ग ने हाल ही मे एक पॉडकास्ट के दौरान कहा था कि कोरोना महामारी के बाद हुए चुनाव में भारत सहित विश्व के कई देशों में सरकारें गिर गई. मार्क जुकरबर्ग के इस बयान पर भारत में कड़ी आपत्ति देखने को मिली है.
इस संबंध में निशिकांत दुबे ने बताया कि भारत की संसदीय समिति, मेटा को मानहानि का समन भेजने की तैयारी कर रही है.
दुबे ने जुकरबर्ग के बयान को भारतीय लोकतंत्र और जनता के मताधिकार का अपमान करार देते हुए कहा कि इससे भारत की लोकतांत्रिक छवि धूमिल होती है. उन्होंने कहा कि समिति मेटा के सीईओ जुकरबर्ग या कंपनी के प्रतिनिधियों को नोटिस भेजकर तलब करेगी. उनसे इस बयान पर स्पष्टीकरण और माफी की मांग की जाएगी.
मेरी कमिटि इस ग़लत जानकारी के लिए @Meta को बुलाएगी । किसी भी लोकतांत्रिक देश की ग़लत जानकारी देश की छवि को धूमिल करती है । इस गलती के लिए भारतीय संसद से तथा यहाँ की जनता से उस संस्था को माफ़ी माँगनी पड़ेगी https://t.co/HulRl1LF4z
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 14, 2025
सोशल मीडिया मंच एक्स पर सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, ‘हमने तय किया है कि हम मेटा के लोगों को बुलाएंगे. जुकरबर्ग ने बयान देकर दिखाया है कि कोविड-19 के बाद सरकार के खिलाफ माहौल बनाया गया है, जिसमें उन्होंने भारत का भी जिक्र किया है. उनका यह बयान चिंताजनक है. इस तरह के बयान से पता चलता है कि वह देश के लोकतंत्र में हस्तक्षेप कर रहे हैं और दुनिया को गलत जानकारी देकर गुमराह कर रहे हैं कि भाजपा-एनडीए हार गई है.’
मालूम हो कि इससे पहले रेल, सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मार्क जुकरबर्ग के बयान की आलोचना कर चुके हैं.
उन्होंने इसके खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा था, ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत ने 640 मिलियन से अधिक मतदाताओं के साथ 2024 का लोकसभा चुनाव कराया. भारत के लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए में अपना भरोसा दोहराया. जुकरबर्ग का ये दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकार, कोविड के बाद हार गईं, तथ्यात्मक रूप से गलत है.’
As the world’s largest democracy, India conducted the 2024 elections with over 640 million voters. People of India reaffirmed their trust in NDA led by PM @narendramodi Ji’s leadership.
Mr. Zuckerberg’s claim that most incumbent governments, including India in 2024 elections,…
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) January 13, 2025
मेटा की माफ़ी
इस बीच मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष शिवनाथ ठुकराल ने मार्क जुकरबर्ग की तरफ से दिए गए बयान पर माफी मांगी है.
उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि भारत मेटा के लिए एक अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण देश है. हम इस अनजाने में हुई गलती के लिए माफी मांगना चाहते हैं.
Dear Honourable Minister @AshwiniVaishnaw , Mark’s observation that many incumbent parties were not re-elected in 2024 elections holds true for several countries, BUT not India. We would like to apologise for this inadvertent error. India remains an incredibly important country…
— Shivnath Thukral (@shivithukral) January 14, 2025
गौरतलब है कि हाल ही में मेटा ने समुदाय-संचालित दृष्टिकोण और फ्री स्पीच का हवाला देते हुए पेशेवर फैक्ट चेक संगठनों के साथ अपनी साझेदारी को खत्म करने का फैसला किया है.
इससे पहले मेटा के इस फैसले पर अश्विनी वैष्णव ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह जानकारी के निकटतम लोगों द्वारा इसकी सटीकता को सत्यापित करने के महत्व पर प्रकाश डालता है.