अमित शाह की टिप्पणी पर शरद पवार का जवाब, कहा- कोई अन्य गृह मंत्री राज्य से तड़ीपार नहीं किया गया

अमित शाह की टिप्पणी पर शरद पवार का जवाब, कहा- कोई अन्य गृह मंत्री राज्य से तड़ीपार नहीं किया गया

गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत ने 1978 में शरद पवार की तरफ से शुरू की गई 'धोखे' की राजनीति का ख़ात्मा कर दिया है. अब शरद पवार ने उन्हें अपने पद की गरिमा बनाए रखने को कहा है.

शरद पवार और अमित शाह. (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) प्रमुख शरद पवार की आलोचना करने और उन पर धोखाधड़ी की राजनीति का आरोप लगाने के बाद अब शरद पवार ने अमित शाह पर पटलवार करते हुए उन्हें अपने पद की गरिमा बनाए रखने को कहा है.

रिपोर्ट के अनुसार, अमित शाह ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जोरदार जीत ने 1978 में शरद पवार की तरफ से शुरू की गई ‘धोखे और विश्वासघात’ की राजनीति का खात्मा कर दिया है.

डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, अमित शाह ने रविवार (12 जनवरी) को शिर्डी में राज्य भाजपा सम्मेलन को संबोधित करते हुए 1978 में उस समय के वसंतदादा पाटिल-नेतृत्व वाले महाराष्ट्र सरकार से शरद पवार के साथ 40 विधायकों के बाहर निकलने की घटना को याद करते हुए कहा था, ‘ महाराष्ट्र में भाजपा की जीत ने शरद पवार की ओर से 1978 में शुरू की गई अस्थिरता और पीठ में छुरा घोंपने की राजनीति का अंत कर दिया. आप (भाजपा कार्यकर्ता) ने ऐसी राजनीति को जमीन में 20 फीट गहरा दफन कर दिया है.’

उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से आगे कहा था, ‘आपने राजनीति का इतिहास बदल दिया है. आपने उन लोगों को करारा तमाचा मारा है जिन्होंने अब तक वंशवाद की राजनीति की है. आपने न केवल हमें मजबूत किया है बल्कि शिवसेना और एनसीपी को भी जिताया है. आपने उद्धव ठाकरे जैसे गद्दारों को घर बैठा दिया है.’

अब इस बयान पर शरद पवार ने पलटवार करते हुए कहा, ‘मैं 1978 में मुख्यमंत्री था. मुझे उनका नहीं पता कि वो कहां थे. जब मैं मुख्यमंत्री था तो जनसंघ के उत्तमराव पाटिल जैसे लोग मेरे मंत्रालय में थे. गृह मंत्री पद की गरिमा को बरकरार रखा जाना चाहिए.’

पवार ने शाह पर निशाना साधते हुए कहा, ‘इस देश ने कई बेहतरीन गृह मंत्री देखे हैं, लेकिन किसी को भी उनके राज्य से निर्वासित नहीं किया गया था. जब वे गुजरात में नहीं रह सकते थे, तो वे बालासाहब ठाकरे की मदद मांगने आए थे.’

मालूम हो कि साल 2010 में शोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर मामले में अमित शाह को गुजरात से तड़ीपार कर दिया गया था. साल 2014 में अमित शाह को सभी आरोपों से बरी कर दिए गए.

महाराष्ट्र के चार बार मुख्यमंत्री और तीन बार केंद्रीय मंत्री रह चुके पवार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले राजनीतिक नेताओं के बीच अच्छा संवाद हुआ करता था, जो अब नदारद है.

पवार ने उस समय का भी उदाहरण दिया जब भुज में आए भूकंप के बाद वाजपेयी ने उन्हें विपक्ष में होने के बावजूद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया था.