महाराष्ट्र: आरएसएस कार्यकर्ताओं को अपने मंत्रियों का निजी सहायक बनाएगी भाजपा

महाराष्ट्र में भाजपा और आरएसएस ने सरकार की नीतियों और फैसलों में पार्टी की विचारधारा को प्रतिबिंबित करने के लिए भाजपा मंत्रियों के नेतृत्व वाले सरकारी विभागों में आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ताओं को निजी सहायकों (पीए) के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया है.

भाजपा और आरएसएस के झंडे. (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

मुंबई: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके वैचारिक संरक्षक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सरकार की नीतियों और फैसलों में पार्टी की विचारधारा को प्रतिबिंबित करने के लिए भाजपा मंत्रियों के नेतृत्व वाले सरकारी विभागों में निजी सहायकों (पीए) की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ये निजी सहायक आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों से लिए जाएंगे. उन्हें ‘पार्टी और सरकार के बीच बेहतर समन्वय’ सुनिश्चित करने का काम सौंपा जाएगा. यह कदम दिखाता है कि भाजपा अपने शासन को अपनी वैचारिक दृष्टि के साथ तालमेल में रखना चाहती है.

निजी सहायकों की नियुक्ति का निर्णय सप्ताह के आखिर में महाराष्ट्र में आरएसएस और भाजपा मंत्रियों के बीच एक विचार-मंथन सत्र के दौरान लिया गया. राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने एक बयान में कहा कि पार्टी ने सरकार और पार्टी के बीच मुख्य समन्वयक के रूप में सुधीर देउलगांवकर को नियुक्त किया है.

देउलगांवकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के मंत्रालय में विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) हैं, और पिछले साल लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के चुनाव समन्वयक थे.

हालांकि, भाजपा नेतृत्व की पार्टी शासित सरकारों में आरएसएस कार्यकर्ताओं को नियुक्त करने की परंपरा रही है, लेकिन यह पहली बार है जब भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने इस प्रणाली को संस्थागत बनाया है.

दरअसल, राज्य सरकार ने पिछले हफ्ते मंत्रियों के कार्यालय में गैर-सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित अपने नियमों में संशोधन किया था, जिससे ऐसी नियुक्तियों की संख्या दो से बढ़कर चार हो गई है. इसके बाद मंत्रियों को पीए और ओएसडी की एक सूची सौंपी गई और पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे मंजूरी दे दी. इस सूची में विभिन्न सरकारी विभागों में मुट्ठी भर आरएसएस कार्यकर्ता शामिल थे.

देउलगांवकर ने कहा, ‘इसके पीछे का विचार पार्टी और सरकार के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करना है, पार्टी कार्यकर्ताओं और लोगों के बीच विश्वास पैदा करना है कि यह हमारी सरकार है. भाजपा के मंत्री उन कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए सप्ताह या पखवाड़े में एक बार पार्टी कार्यालय में जनता दरबार लगाएंगे, जिनकी मंत्रालय तक आसान पहुंच नहीं है.’

वरिष्ठ भाजपा नेता ने इस ओर भी इशारा कि भाजपा ने पीए की नियुक्ति को अपने मंत्रियों के नेतृत्व वाले विभागों तक ही सीमित किया है, मुख्यमंत्री के पास सभी विभागों की नियुक्तियों में अंतिम अधिकार है, जिसमें उसके सहयोगी दलों- शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेतृत्व वाले विभाग भी शामिल हैं.

एक अन्य भाजपा नेता ने कहा, ‘मुख्यमंत्री को अपने कार्यालयों में प्रमुख नियुक्तियों में दखल देना होता है. जब पार्टी के हित में प्रस्तावों को मंजूरी देने की बात आती है तो यह पार्टी को समन्वय में मदद करता है.’

इस बीच, बावनकुले ने पार्टी कार्यकर्ताओं से नवनियुक्त पीए से संपर्क करने की अपील की है. एक भाजपा नेता ने अखबार को बताया कि इससे पार्टी को कार्यकर्ताओं के माध्यम से स्थानीय स्तर पर अपना प्रदर्शन दिखाने में मदद मिलेगी. यह आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले भी महत्वपूर्ण है.