अगर विपक्ष शासित राज्य में भगदड़ होती तो भाजपा राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही होती: अभिषेक बनर्जी

तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने महाकुंभ भगदड़ के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए उन पर योजना बनाने की बजाय प्रचार को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: X/@MahaKumbh_2025_)

नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और सासंद अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार (31 जनवरी) को कहा कि अगर बंगाल या विपक्ष शासित किसी अन्य राज्य में महाकुंभ भगदड़ जैसी त्रासदी होती तो भाजपा अब तक राष्ट्रपति शासन की मांग कर रहा होता.

बनर्जी ने भगदड़ के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहराया और उस पर योजना बनाने की बजाय प्रचार को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, महाकुंभ भगदड़ में मरने वाले पश्चिम बंगाल के तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़कर चार हो जाने के बाद अभिषेक बनर्जी ने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उसने आयोजन की योजना और उचित व्यवस्थाओं की तुलना में प्रचार पर अधिक निवेश किया.

बनर्जी ने पत्रकारों से कहा, ‘अगर यह (त्रासदी) किसी गैर-भाजपा राज्य में हुई होती, तो वे (भाजपा) राष्ट्रपति शासन की मांग करते.’

भगदड़ को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए डायमंड हार्बर के सांसद ने कहा कि अगर महाकुंभ मेले में इतने सारे लोग आ रहे हैं तो उचित व्यवस्था होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हालांकि व्यवस्थाएं और योजनाएं कम और घटिया थीं, लेकिन प्रचार अपने चरम पर था.’

तृणमूल कांग्रेस नेता ने महाकुंभ मेले में वीआईपी संस्कृति पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ‘लोगों ने देखा है कि कैसे वे महाकुंभ में नेताओं और मंत्रियों के लिए विशेष रास्ते बना रहे हैं, यहां तक ​​कि उनके वाहनों को संगम के पास जाने की अनुमति दी जा रही है. इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी.’

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस त्रासदी पर शोक व्यक्त किया था जिसमें कई लोगों की जान चली गई है. तृणमूल कांग्रेस ने भी इस बात पर जोर दिया कि ‘बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी में तीर्थयात्रियों के जीवन से जुड़े मामलों में योजना और देखभाल अधिकतम होनी चाहिए.’

तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने पश्चिम बंगाल में गंगासागर मेले के साथ तुलना करने की भी कोशिश की है, जो गंगा नदी और समुद्र के संगम पर आयोजित होने वाला सालाना तीर्थ है, और कहा है कि ममता बनर्जी प्रशासन हर साल बिना किसी घटना के सफलतापूर्वक मेले का आयोजन करता रहा है.

इस बीच, शुक्रवार को कुंभ में जान गंवाने वाले पश्चिम बंगाल के तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़कर चार हो गई. मालदा जिले के बैष्णबनगर इलाके के अमिया साहा (28) और पश्चिम बर्धमान के जमुरिया के बिनोद रुइदास (35) की भी कुंभ में मची भगदड़ में मौत हो गई है. गुरुवार को शहर के गोल्फ ग्रीन इलाके की दो महिलाओं बसंती पोद्दार और पश्चिम मेदिनीपुर जिले के सालबोनी की उर्मिला भुनिया के परिजनों ने दावा किया था कि बुधवार को कुंभ में मची भगदड़ में उनकी मौत हो गई थी.

पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्रियों ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और सहायता की पेशकश की. पश्चिम बंगाल लौटे कई तीर्थयात्रियों ने कहा है कि बुधवार तड़के हुई त्रासदी के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार से बहुत कम मदद मिली.