अमेरिका: ट्रंप के आदेश पर एथलेटिक एसोसिएशन ने महिलाओं के खेल में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (5 फरवरी) को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे. ये आदेश ट्रांसजेंडर महिलाओं को महिलाओं के खेलों में मुकाबला करने से रोकने का था. अब एनसीएए, जो अमेरिका में इंटरकॉलेजिएट एथलेटिक्स को नियंत्रित करता है ने इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रांसजेंडर महिलाओं को महिलाओं के खेलों में मुकाबला करने से रोकने का आदेश जारी किया. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: यूएस नेशनल कॉलेजिएट एथलेटिक एसोसिएशन (एनसीएए) ने गुरुवार (6 फरवरी) को आधिकारिक तौर पर अपनी लिंग पात्रता नीति को अपडेट किया है, जिसमें ट्रांसजेंडर महिलाओं को महिलाओं के खेलों में प्रतिस्पर्धा करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है.

मालूम हो कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक दिन पहले ही एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे.ये आदेश ट्रांसजेंडर महिलाओं को महिलाओं के खेलों में मुकाबला करने से रोकने का था.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, ट्रंप के आदेश को एनसीएए ने तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है. नए नियम में कहा गया है कि जन्म के समय से एक छात्र-एथलीट, जो पुरुष है महिला टीम में प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकता है. हालांकि, जैविक महिलाओं को अभी भी पुरुषों के खेलों में भाग लेने की अनुमति है.’

इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर ट्रंप ने लिखा कि यह हमारे देश की लड़कियों और महिलाओं के लिए बड़ा दिन है.

ट्रंप ने लिखा, ‘कल मैंने एक एग्ज़ीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए. इस कारण एनसीएए ने आधिकारिक तौर पर महिलाओं के खेलों में पुरुषों को अनुमति देने की अपनी नीति में बदलाव किया है. अब यह प्रतिबंधित है.’

मालूम हो कि एनसीएए अमेरिका में इंटरकॉलेजिएट एथलेटिक्स को नियंत्रित करता है.

ट्रंप ने आगे लिखा, ‘पुरुषों को कभी भी महिलाओं के ख़िलाफ़ मुकाबला करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी. मैं महिला खेलों को बचाने वाले राष्ट्रपति के तौर पर गौरवान्वित हूं. हम यह उम्मीद करते हैं कि ओलंपिक समिति भी कॉमन सेंस का इस्तेमाल करेगी, और इस नीति को लागू करेगी, जो अमेरिकी जनता और पूरी दुनिया के बीच लोकप्रिय है.’

फॉक्स न्यूज के अनुसार, यह कदम एनसीएए की पिछली नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है, जो 2010 में लागू की गई थी. पुराने नियमों में ट्रांसजेंडर महिलाओं को टेस्टोस्टेरोन अवरोध के कम से कम एक वर्ष पूरा करने के बाद महिलाओं के खेलों में प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति दी गई थी. नई नीति ट्रंप के कार्यकारी आदेश के अनुरूप है, जो इस मुद्दे को अलग-अलग राज्यों या शासी निकायों पर छोड़ने के बजाय देश भर में एक समान मानक स्थापित करना चाही है.

एनसीएए के अध्यक्ष चार्ली बेकर ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह विरोधाभासी राज्य कानूनों और अदालती फैसलों के बीच बहुत जरूरी स्पष्टता प्रदान करता है.

न्यूयॉर्क टाइम्स ने बेकर के हवाले से कहा, ‘हम दृढ़ता से मानते हैं कि स्पष्ट, सुसंगत और समान पात्रता मानक आज के छात्र-एथलीटों के लिए सर्वोत्तम होंगे.’

ज्ञात हो कि ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों पर प्रतिबंध का यह मुद्दा अमेरिका में ट्रांसजेंडर अधिकारों पर चल रही व्यापक बहस का हिस्सा है. फॉक्स न्यूज के अनुसार, एनसीएए की पूर्व तैराक और रूढ़िवादी कार्यकर्ता रिले गेनेस 2022 की राष्ट्रीय चैंपियनशिप में ट्रांसजेंडर तैराक लिया थॉमस के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने के अपने अनुभव को लेकर कानूनी लड़ाई का नेतृत्व कर रही हैं.

वहीं, कई अन्य महिला एथलीटों ने भी साझा लॉकर रूम में अनुचित प्रतिस्पर्धा और असुविधा का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया है.

इसके अलावा शिक्षा विभाग (डीओई) ने पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय और सैन जोस स्टेट यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों में संभावित ‘Title IX’ कानून के उल्लंघनों की जांच शुरू की है, यह कानून स्कूलों में लिंग-आधारित भेदभाव को रोकने के लिए बनाया गया था.