नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने बुधवार (5 फ़रवरी) को अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे 104 भारतीयों को स्वदेश भेज दिया है. अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 से इन प्रवासियों को अमृतसर के श्रीगुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचाया गया.
मालूम हो कि इस विमान के यात्रियों के साथ हुए अमानवीय बर्ताव की तीखी आलोचना हो रही है. इस बीच भारतीय दक्षिणपंथ इसका बचाव कर रहा है. वह दलीलें दे रहा है कि अगर ‘कोई अपराध करेगा, तो उसके साथ अपराधियों जैसा ही बर्ताव किया जाएगा.’
दक्षिणपंथी लोगों का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं है जब अवैध तरीके से रह रहे भारतीय प्रवासियों को वापस भारत भेजा गया है, कांग्रेस की सरकार के दौरान भी ऐसा हुआ था.
-1972: Uganda expelled hundreds of people of Indian origin who were living there legally
-2007: UAE deported 90 Indians
-2013: USA deported 567 Indians
-2013: UAE deported 90 more IndiansCongress was in power during all these years.
Today, the ecosystem is attacking PM Modi…
— Mr Sinha (@MrSinha_) February 7, 2025
रिपोर्ट के मुताबिक, विमान में सवार लोगों ने बताया कि उन्हें अमेरिका से भारत लाने के क्रम में 40 घंटों तक हथकड़ी लगाकर रखा गया. उनके पैर जंजीरों से बंधे थे. इन लोगों को सीट से एक इंच भी हिलने की इजाजत नहीं थी. बार-बार आग्रह करने के बाद उन्हें खुद को घसीटकर शौचालय तक जाने की अनुमति दी गई.
गौरतलब है कि इन भारतीयों की दुर्दशा को खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नकार दिया. उन्होंने गुरुवार (6 फरवरी) को सदन में दिए अपने बयान में कहा कि इस प्रक्रिया में औरतों और बच्चों को हथकड़ियां नहीं लगाई जातीं.
हालांकि, विदेश मंत्री के इस दावे से इतर सैन्य विमान से वापस भेजे गए प्रवासियों और उनके परिजनों ने बताया कि महिलाओं को भी विमान में हथकड़ियां लगाई गई थी. स्वदेश भेजे गए प्रवासियों में से एक मनजीत कौर के रिश्तेदार ने द वायर को बताया कि मनजीत समेत सभी अन्य महिलाओं को हथकड़ियां लगाई गई थी.
पंजाब के कपूरथला जिले की लवप्रीत कौर ने अजीत अखबार को बताया कि उन्हें भी हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां लगाई गई थी. उन्होंने कहा, ‘औरत-मर्द दोनों के साथ समान बर्ताव किया गया था.’
अमेरिकी सरकार के इस अमानवीय रवैए को लेकर आलोचकों का कहना है कि जिन्हें वापस भेजा गया है वे आम नागरिक हैं, आतंकवादी या ख़ूंख़ार अपराधी नहीं. विश्लेषकों के अनुसार, भारत सरकार को अमेरिका के इस बर्ताव का कड़ा विरोध दर्ज करना चाहिए, लेकिन विदेश मंत्री के बयान से लगता है कि ख़ुद को महाशक्ति कहने वाली भारत सरकार अमेरिका के समक्ष विरोध दर्ज करने से बचना चाहती है.
यूएस बॉर्डर चीफ माइकल वांक ने ट्वीट कर कहा कि सैन्य विमान के जरिए यह अब तक का सबसे लंबा निर्वासन अभियान था, जिसके अंतर्गत अवैध ‘एलियंस’ को भारत वापस भेजा गया है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नागरिकों को सैन्य विमानों में भेजने का बचाव किया और कहा कि अवैध तरीके से रह रहे लोगों को हथकड़ी लगा कर भेजना अमेरिका की नीति है. मेक्सिको, ब्राजील और कोलंबिया जैसे प्रमुख दक्षिण अमेरिकी देशों द्वारा केवल गैर-सैन्य उड़ानों को स्वीकार करने के फैसले के बावजूद, जयशंकर ने सैन्य विमानों के उपयोग का बचाव किया.
उन्होंने कहा ‘निर्वासित लोगों के खाने-पीने, संभावित चिकित्सा जरूरतों सहित अन्य जरूरतों को यात्रा के दौरान पूरा किया जाता है. इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर टॉयलेट ब्रेक के दौरान निर्वासित लोगों की हथकड़ियां भी अस्थायी रूप से खोली जाती हैं.’
उनका बयान ऐसे समय में आया है, जब भारतीय निर्वासितों ने बताया है कि कैसे उनके हाथ और पैर जंजीरों से बंधे हुए थे. अमेरिकी सीमा सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख ने एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें जंजीरों में जकड़े भारतीयों को सी-17 ग्लोबमास्टर विमान में ख़ुद को घसीटते हुए प्रवेश करते दिखाया गया था.
दक्षिणपंथ समूह भारत सरकार से प्रश्न न पूछकर अमेरिका के इस कदम का बचाव कर रहा है.
एक प्रमुख हिंदी टीवी चैनल के एंकर सुशांत सिंह ने एक्स पर लिखा कि अगर गलत तरीके से विदेश जाओगे तो अपराधी की तरह ही वापस भेजा जाएगा. शुक्र है कि अमेरिकी और भारत सरकार ने उन्हें जेल में नहीं भेजा सड़ने के लिए.
देश छोड़कर ग़लत तरीक़े से एक तो विदेश गए, ग़ैरक़ानूनी काम किया और उसके बाद अपराधी की तरह नहीं भेजे जाएँगे वापस तो क्या बारात निकालकर गाजे बाजे के साथ भेजा जाएगा क्या? वो तो शुक्र है कि वापस भेज दिया और यहाँ कि सरकार ने घर भेज दिया, नहीं तो सड़ते अमेरिका की जेल में । लेकिन कुछ…
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) February 6, 2025
दक्षिणपंथ से जुड़ी प्रख्यात लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने एक्स पर लिखा, ‘जब अवैध तरीके से बाहर गए तो अपमान क्यों बुरा लग रहा है? अवैध चीज़ तो अवैध ही है. अमेरिका अपने यहां बसे अवैध नागरिकों को उनके देश वापस भेज रहा है, बड़े सारे भारतीय भी बेइज्जत कर वापस लौटाए गए हैं. मैं इस बात के लिए अमेरिका की प्रशंसा करती हूं. अब भारत को भी अपने यहां बसे अवैध नागरिकों के प्रति ऐसी ही सख्त नीति अपनाने की जरूरत है.’
दिलीप मंडल ने प्रवासी भारतीयों को अमेरिका द्वारा स्वदेश वापस भेजे जाने के लिए राहुल गांधी को जिम्मेवार ठहराया है. उन्होंने एक्स पर लिखा कि हरियाणा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि कई राज्यों के भारतीय अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे हैं.
उन्होंने आगे लिखा, ‘हर देश अवैध तरीक़े से आए लोगों से अपने तरीक़े से निपटता है. ऐसा करते समय भारत कहां किसी और देश की सुनता है? कोई भी देश अपने क़ानून से चलेगा.’
राहुल गांधी ने हरियाणा चुनाव जीतने के चक्कर में सारी दुनिया को 📢 बताया कि हरियाणा और कई भारतीय राज्यों के हज़ारों लोग अमेरिका में अवैध तरीक़े से पहुँचे हैं और वहाँ चुपचाप रह रहे हैं।
ये वीडियो सैम पित्रोदा का चुनावी आइडिया था। ये अमेरिका के डैलस शहर में शूट हुआ है।
आपको क्या… pic.twitter.com/NzspdPPb0H
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) February 6, 2025
दक्षिणपंथी एक्स हैंडल स्किन डॉक्टर ने प्रवासी भारतीयों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार की निंदा करने वाले लोगों की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे लोग हत्यारों, बलात्कारियों और आतंकवादियों के साथ भी सहानुभूति रखते हैं. अपराधियों के साथ सहानुभूति रखना और उन्हें माफ कर देना भारत के लोगों की प्रवृति हो गई है.
‘अवैध अप्रवासी अपराधी हैं और उनके साथ भारत के विपरीत, अपराधियों जैसा व्यवहार किया जाता है. भारत में उन्हें शरणार्थी माना जाता है और बाद में वोट बैंक में बदल दिया जाता है. प्रत्येक देश को अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करने का अधिकार है.’
Sympathy for those who illegally went to US is nothing. Here, even rapists, killers, and terrorists get sympathy—not just from the common man but even the judiciary. Forgiveness and sympathy have been institutionalized.
Indians, especially Hindus, have always been forgiving, a…
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) February 6, 2025