राजस्थान: कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी ही पार्टी भाजपा पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए

यह पहली बार नहीं है जब वरिष्ठ मंत्री ने अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ आरोप लगाए हैं. इससे पहले भी वे बार-बार सरकार पर विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार और भर्ती परीक्षाओं में अनियमितता का आरोप लगा चुके हैं. एक बार तो उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा देने का भी संकेत दे दिया था.

किरोड़ी लाल मीणा. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी ही सरकार पर फोन टैपिंग और जासूसी करवाने के आरोप लगाकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, किरोड़ी लाल मीणा का आरोप है कि हाई-प्रोफाइल एसआई (सब-इंस्पेक्टर) भर्ती परीक्षा में भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर चिंता जाहिर करने के बाद उनके खिलाफ ये कार्रवाई की जा रही है.

मालूम हो कि जयपुर के एक कार्यक्रम में बोलते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने कहा था, “मैंने जब कहा कि सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा रद्द करो तो सरकार ने मेरी बात को नजरअंदाज कर दिया. सरकार ने चप्पे चप्पे पर सीआईडी से मेरी जासूसी करवा रही है और मेरा टेलीफोन भी रिकॉर्ड किया जाता है.’

उन्होंने आगे कहा था, ‘मैं सरकार के इस कदम से डरता नहीं हूं. मैं कोई बुरा काम नहीं करता, इसलिए मैं झुकता नहीं. मैं सच कहने से नहीं चूकता हूं. मैंने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि जो हां कहता जाएगा वो लंबा चलेगा, चाहे मंत्री हो या अफ़सर हो और थोड़ा भी जो ना कहेगा तो उसका इलाज कर दिया जाएगा.’

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले डॉ. मीणा ने राजस्थान विधानसभा में एक चौकाने वाला बयान देते हुए कहा था, ‘यह धोखे का युग है. अगर हम हमेशा सहमत होते हैं, तो रिश्ते बरकरार रहते हैं. लेकिन ‘हां में हां मिलाने वालों’ की इस दुनिया में अगर कोई ‘ना’ कहने की हिम्मत करता है, तो वह खत्म हो जाएगा. मैं आंख मूंदकर सहमत होने में विश्वास नहीं करता हूं, मैं सच बोलता हूं, भले ही इससे मुझे दुख पहुंचे.’

ज्ञात हो कि यह पहली बार नहीं है जब वरिष्ठ मंत्री ने अपनी ही सरकार द्वारा लिए जा रहे फैसलों पर आपत्ति जताई है. उन्होंने बार-बार सरकार पर विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार और भर्ती परीक्षाओं में अनियमितता का आरोप लगाया है. एक बार तो उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा देने का भी संकेत दे दिया था.

इससे पहले किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक पत्र लिखकर एक बहुमंजिला आवासीय परियोजना में सरकारी खजाने को 1,146 करोड़ रुपये के संभावित नुकसान सहित अनियमितताओं का आरोप लगाया था. उनका कहना था कि राज्य का सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी)कैबिनेट की मंजूरी के बिना भी इस पर काम कर रहा है. जीएडी मुख्यमंत्री शर्मा के अधीन है.

उन्होंने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के तहत बेची जा रही जमीनों पर चिंता जताते हुए भ्रष्टाचार होने के संकेत भी दिए थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने कार्रवाई की थी.

ज्ञात हो कि जब वे विपक्ष में थे, तो मीणा राज्य में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपने विरोध प्रदर्शन के लिए नियमित रूप से ख़बरों में रहते थे. राज्य के कैबिनेट मंत्री के रूप में वह आखिरी बार तब खबरों में आए थे जब उन्होंने कहा था कि वह राजस्थान के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की मांग करेंगे.

वर्तमान में उनके पास कृषि और बागवानी, ग्रामीण विकास, आपदा प्रबंधन और राहत और नागरिक सुरक्षा और सार्वजनिक मुकदमेबाजी का निवारण विभाग है. सरकारी पदानुक्रम में वह मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के बाद हैं.

पिछली गहलोत सरकार के पांच वर्षों के दौरान 72 वर्षीय मीणा, जो उस समय राज्यसभा सांसद थे, ने अपने नियमित विरोध प्रदर्शनों के लिए सुर्खियां बटोरी थी. अपनी पार्टी के कई सहयोगियों की तुलना में वे अधिक बार सड़क पर उतरे और राजस्थान भाजपा में लगभग एक समानांतर ताकत के रूप में उभरे.

इस मामले पर अखबार को सूत्रों ने बताया कि मीणा को भजनलाल शर्मा सरकार में चिकित्सा विभाग जैसा महत्वपूर्ण विभाग न सौंपे जाने से मिली निराशा ने उनकी नाराजगी को और बढ़ा दिया है.

ध्यान रहे कि इससे पहले भाजपा ने उनके भाई को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट देकर उन्हें शांत करने का प्रयास किया था, लेकिन मीणा अपने गढ़ में जीत हासिल करने में विफल रहे, जिससे ये दरार और भी गहरी हो गई.

डॉ. मीणा के आरोपों के बाद राजस्थान विधानसभा में बड़ा सियासी घमासान देखने को मिला. विपक्ष ने शुक्रवार (7 फरवरी) की सुबह विधानसभा सत्र की कार्रवाई शुरू होते ही सरकार को घेरते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफ़े की मांग की. वहीं, प्रदेश सरकार ने किरोड़ी लाल मीणा के आरोपों को निराधार बताया है.

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, ‘इस सरकार के कैबिनेट मंत्री का फोन टैप हो रहा है और एक कैबिनेट मंत्री ही मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. मुख्यमंत्री का इस्तीफ़ा होना चाहिए.’

इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने ‘मुख्यमंत्री इस्तीफ़ा दो’ के नारे भी लगाए.

इस संबंध में राज्य सरकार के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘अशोक गहलोत सरकार ने अपने उपमुख्यमंत्री और 25 से ज़्यादा विधायकों के फोन टैप करवाए थे. लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूं हमारी सरकार किसी विधायक का कोई फोन टैप नहीं कराती है.’