दिल्ली चुनाव परिणाम: भाजपा की प्रंचड जीत, आप एक दशक बाद सत्ता से बाहर

भाजपा की बढ़त पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष विरेंद्र सचदेवा ने कहा है, 'हम रुझानों का स्वगत करते हैं. परिणाम का इंतजार है. दिल्ली के लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ वोट किया है. दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल के मॉडल को नकार दिया है. इनके बड़े चेहरे चुनाव हारेंगे.'

(फोटो:X/@CeodelhiOffice)

दिल्ली: दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए वोटों की गिनती शुरू हो गई है. 27 साल बाद दिल्ली में वापसी की कोशिश कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 42 सीटों पर शुरुआती बढ़त बना ली है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) 28 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.

कालकाजी से भाजपा के रमेश बिधूड़ी, आप की आतिशी के खिलाफ बढ़त बनाए हुए हैं. ओखला में भाजपा के मनीष चौधरी, आप के अमानतुल्लाह खान से आगे हैं. मुस्तफाबाद में भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट, आप के अदील अहमद खान से आगे हैं. तिमारपुर से आप के सुरिंदर पाल सिंह बिट्टू बढ़त बनाए हुए हैं। कोंडली से आप के कुलदीप कुमार आगे हैं. नांगलोई जाट में भाजपा के मनोज कुमार शौकीन बढ़त बनाए हुए हैं. शकरपुर बस्ती से भाजपा के कर्नैल सिंह आगे हैं.

केजरीवाल को कानूनी नोटिस

इस बीच दिल्ली की एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने शुक्रवार (7 फरवरी) को आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक क़ानूनी नोटिस भेजा है. इस नोटिस में अरविंद केजरीवाल की ओर से भारतीय जनता पार्टी पर लगाए गए आरोपों के संबंध में विवरण और सबूत मांगे गए हैं.

मालूम हो कि एसीबी का ये नोटिस दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए होने वाली वोटों की गिनती से ठीक एक दिन पहले आया.

इससे पहले ‘आप’ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम से पहले उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को रिश्वत देने के प्रयास का आरोप लगाया था.

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने गुरुवार को कहा था कि भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले उनकी पार्टी के 7 विधायकों को फ़ोन कर 15 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था.

ज्ञात हो कि बुधवार (5 फरवरी) को हुए एक चरण के चुनाव में दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर कुल 60.44 प्रतिशत मतदान हुआ. उत्तर-पूर्व जिले में सबसे अधिक 66.25% मतदान दर्ज किया गया, जबकि दक्षिण-पूर्व जिले में सबसे कम 56.31% मतदान हुआ.

रिपोर्ट के मुताबिक़, मतगणना के लिए चुनाव आयोग से जुड़े करीब 5,000 कर्मियों को तैनात किया गया है, जिनमें मतगणना पर्यवेक्षक, माइक्रो ऑब्जर्वर, सांख्यिकी कर्मचारी और अन्य सहायक स्टाफ शामिल हैं. किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में पुनर्मतदान नहीं होगा क्योंकि चुनाव आयोग को कोई शिकायत नहीं मिली है.

राजधानी दिल्ली में कुल मतदाता लगभग 1.56 करोड़ हैं, जिनमें 2 लाख से अधिक फर्स्ट टाइम वोटर थे. इस चुनाव में कुल 699 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

एक्ज़िट पोल में कौन आगे?

पांच फरवरी को को अधिकांश एग्जिट पोल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत की भविष्यवाणी की, जबकि तीन एग्जिट पोल ने आप की सत्ता में वापसी का अनुमान लगाया और दो ने कड़ा मुकाबला दिखाया.

दिलचस्प बात यह है कि कई एग्जिट पोल में कांग्रेस के लिए एक सीट मिलने की संभावना जताई गई है, हालांकि, पिछले चुनाव में वह एक भी सीट नहीं जीत पाई थी.

भाजपा ने जहां एग्जिट पोल के अनुमानों का स्वागत किया है, वहीं आप ने कहा है कि पार्टी के लिए ये कभी भी सही नहीं रहे. ताजा एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में सर्वेक्षणों को ‘फर्जी’ करार दिया है.

उन्होंने लिखा है, ‘कुछ एजेंसीज दिखा रही हैं कि गाली गलौज पार्टी की 55 से ज़्यादा सीट आ रही हैं. पिछले दो घंटे में हमारे 16 उम्मीदवारों के पास फ़ोन आ गए हैं कि ‘आप’ छोड़ के उनकी पार्टी में आ जाओ, मंत्री बना देंगे और हरेक को 15-15 करोड़ देंगे. अगर इनकी पार्टी की 55 से ज़्यादा सीटें आ रहीं हैं तो हमारे उम्मीदवारों को फ़ोन करने की क्या ज़रूरत है? ज़ाहिर तौर पे ये फ़र्ज़ी सर्वे करवाये ही इसलिए गए हैं ताकि ये माहौल बनाकर कुछ उम्मीदवारों को तोड़ा जा सके. पर गाली गलौज वालों, हमारा एक भी आदमी नहीं टूटेगा.’

बता दें कि एग्जिट पोल चुनाव सर्वेक्षण एजेंसियों द्वारा मतदाताओं के साक्षात्कार के आधार पर किए गए अनुमान होते हैं. यह अनुमान वास्तविक परिणामों से काफी भिन्न हो सकते हैं. 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में अधिकांश एग्जिट पोल के अनुमान गलत साबित हुए थे. लोकसभा चुनाव और हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी एग्जिट पोल गलत साबित हुए थे.

क्या कहते हैं पिछले आंकड़े?

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ, जहां आम आदमी पार्टी (आप) तीसरी बार लगातार जीत की कोशिश कर रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 27 साल बाद वापसी की उम्मीद कर रही है.

2015 में आप ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 67 पर जीत हासिल की थी. 2020 में 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि 2015 की तुलना में 2020 में आपने ने भले ही पांच सीटें कम जीतीं, लेकिन पार्टी ने 61 निर्वाचन क्षेत्रों को बरकरार रखा और एक नई सीट जीती.

लेकिन इन 61 सीटों में से ज़्यादातर पर आप की जीत का अंतर और वोट शेयर में गिरावट देखी गई. 32 सीटों पर उसका वोट शेयर गिरा, जबकि 42 सीटों पर जीत का अंतर कम हुआ. इनमें से लगभग सभी सीटों पर भाजपा ने अपना वोट शेयर बढ़ाने में कामयाब हुई थी.