‘कान पकड़ते हैं जीवन में कभी नहीं आएंगे’, महाकुंभ से लगे महाजाम से श्रद्धालु ही नहीं स्थानीय भी परेशान

इलाहाबाद में महाकुंभ को लेकर उमड़ी भीड़ के बीच शहर तक पहुंचने के साथ ही शहर के अंदर के रास्ते भी जाम की चपेट में हैं. श्रद्धालु तो परेशान हैं ही, साथ ही स्थानीय लोगों का जीवन भी अस्त-व्यस्त हो चुका है.

इलाहाबाद शहर में विभिन्न जगहों पर ट्रैफिक जाम.(स्क्रीनग्रैब साभार: ट्विटर / @ppisoffline)

नई दिल्ली: इलाहाबाद में महाकुंभ की शुरुआत से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था किमहाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, लेकिन तैयारी 100 करोड़ लोगों के लिए की जा रही है.’

हालांकि, अब तक 100 करोड़ लोगों के वहां पहुंचने का आंकड़ा तो सरकार की तरफ से नहीं दिया गया, लेकिन जितनी भी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, उन्हें संभालने में प्रशासन के हांथपांव फूले हुए हैं.

न सिर्फ संगम तक पहुंचने वाले रास्तों पर भीड़ रेंग रही है, बल्कि इलाहाबाद तक पहुंचने के अन्य जिलों और प्रदेशों के रास्तों में भी भारी जाम लगा है. ऐसे कुल सात रास्ते हैं, जिससे इलाहाबाद शहर में दाखिल हुआ जा सकता है, वे सभी करीब दो दिनों से भीषण जाम की चपेट में हैं.

मीडिया रिपोर्ट से पता चल रहा है कि लोग उन्हीं गाड़ियों में क़ैद हो गए हैं, जिनसे वह इलाहाबाद पहुंचने के लिए निकले थे. घंटों में जाम में फंसे रहने के कारण महिलाएं बाथरूम आदि जाने तक के लिए परेशान हैं.

ख़बरें बताती हैं कि कटनी (मध्य प्रदेश) से इलाहाबाद की दूरी क़रीब 300 किलोमीटर है, लेकिन जाम इस कदर लगा है कि कुंभ जाने वालों को रास्ते में कटनी बॉडर से पहले रोकर पुलिस अपना फैसला बदलने का आग्रह कर रही है.

मध्य प्रदेश पुलिस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वह कह रहे हैं, ‘प्रयागराज जाने वाले सभी लोगों से निवेदन है कि पुन: विचार कर लें. घर वापस चले जाइए. आगे सड़क पर बहुत जाम है. आगे कटनी के बॉर्डर पर बहुत जाम लग चुका है. टीआई साहब ने कहा है कि जिन्हें हम समझा सकते हैं, समझाएं. निवेदन करें. सड़क पूरी तरह से भर चुकी है. कटनी से इलाहाबाद 300 किलोमीटर दूर है, अगर हम आपको यहां रोककर निवेदन कर रहे हैं तो कुछ तो गंभीरता होगी. अब भी सोच लें, आगे से यूटर्न ले लें. पुलिस बिलकुल नहीं चाहती कि आप लोग मुसीबत में फंसे. आप लोग अपने आसपास देखिए, हर जिले हर शहर से लोग आ रहे हैं.

महाकुंभ से लेकर ‘महाजाम’

संगम तक पहुंचना दुश्वार हो चुका है. कानपुर की एक महिला बताती हैं, ‘संगम नहीं मिला नहाने को, हम तो गंगा नहाकर आ रहे हैं. चौराहे से गंगाजी जाने के लिए सवारी गाड़ी मिल रही है, उसे गए और वहीं नहा लिए.अब तो कान पकड़ते हैं, जीवन में कभी नहीं आएंगे.

बदहाल शहर से हलकान इलाहाबाद निवासी दीपक साहू ने द वायर हिंदी को बताया, ‘भीड़ सिर्फ मेला में नहीं है, पूरे शहर में है. मेला आने वाले लोग तो अपना समय लेकर आए हैं कि उन्हें नहाना है, ठहरना है. लेकिन इस भीड़ से स्थानीय लोगों का जीवन तो बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. सिविल लाइन से नैनी या चौक से नैनी की तरफ जाने के लिए पंद्रह किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है. गाड़ी से जाने पर तो पांच से सात घंटा आराम से लग जा रहा है. झूसी या फाफामऊ की तरफ जाने में तो जाम देखकर ही कलेजा कांप जा रहा है.’ 

एक अन्य स्थानीय व्यक्ति बताते हैं, ‘शहर के जितने भी चौराहे हैं, उन चौराहों को एक एसआई के भरोसे छोड़ दिया गया, कोई सीनियर अधिकारी नहीं है. पूरा सिस्टम ध्वस्त हो चुका है. मौनी अमावस्या के बाद से तो सरकार ने जैसे यहां के लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है. हम लोग अपने काम से भी शहर में नहीं निकल नहीं पा रहे हैं. पेट्रोल पंप में तेल नहीं है. कारोबारी परेशान हैं क्योंकि बाहर से माल नहीं आ पा रहा है. गांवों तक सामान नहीं पहुंच रहा है.

मेले की व्यवस्था में तैनात नितिन बताते हैं, ‘बसंत पंचमी के बाद से भीड़ बढ़ गई है. शहर के एंट्री प्वाइंट्स के पहले 20-20 किलोमीटर लंबा जाम है. पूरा शहर जाम है. प्रशासन की हालत ख़राब है. रूट डाइवर्ट कर लोगों को इधरउधर घुमाया जा रहा है. बेचारे श्रद्धालु भूखेप्यासे 15-20 किलोमीटर पैदल चल रहे हैं.

नितिन का मानना है कि अगर अगर प्राइवेट गाड़ियों को रोककर सरकारी बसें चलाई जाए तो हालत कुछ ठीक हो सकता है, जाम से थोड़ी राहत मिल सकती है.

राज्य सरकार भले ही भगदड़ के बाद वीआईपी कल्चर पर रोक लगाने का दावा करे लेकिन मेला क्षेत्र में मौजूद लोग का कहना है कि वह अपनी आंखों से लालबत्ती चमकाते और सायरन बजाते गाड़ियों को निकलते देख रहे हैं.

वीआईपी तो निकल जा रहे हैं लेकिन उनके लिए रास्ता बनाने में बाकी लोग फंस जा रहे हैं. सरकार को इस पर रोक लगाना ही चाहिए’, नितिन कहते हैं.

हाईकोर्ट की कार्यवाही प्रभावित, कई मामलों की सुनवाई टली

कुंभ मेले के कारण यातायात प्रतिबंध और भारी जाम की वजह से इलाहाबाद हाईकोर्ट में कई मामलों की सुनवाई पिछले कुछ हफ्तों से टल रही है. सोमवार (10 फरवरी) को कोर्ट ने ऑल्ट न्यूज के पत्रकार और फैक्ट-चेकर मोहम्मद जुबैर की याचिका की सुनवाई स्थगित कर दी.

बार एंड बेंच के मुताबिक, जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की पीठ को यह मामला इसलिए स्थगित करना पड़ा क्योंकि ट्रैफिक के चलते दोनों पक्ष कोर्ट नहीं पहुंच सके. इसके साथ ही, कोर्ट ने जुबैर को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत 17 फरवरी तक बढ़ा दी. अगली सुनवाई इसी तारीख को होनी है.

इस तरह के स्थगन अन्य मामलों में भी किए गए हैं. हालांकि, हाईकोर्ट वकीलों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा प्रदान करता है. कोर्ट की वेबसाइट पर वेबेक्स लिंक उपलब्ध हैं ताकि वकील वर्चुअल रूप से कार्यवाही में शामिल हो सकें.