नई दिल्ली: राजस्थान की भाजपा सरकार पर जासूसी का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद राजस्थान के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी कर उनके बयान पर स्पष्टीकरण मांगा गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटनाक्रम उस वीडियो के बाद सामने आया है – जिस पर तारीख नहीं है लेकिन हाल ही का बताया जा रहा है– जिसमें कथित तौर पर मीणा ने अपनी ही सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने पेपर लीक के आरोपों पर 2021 में सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग की थी, जिसके बाद उसका फोन टैप किया जा रहा है.
यह परीक्षा पिछली अशोक गहलोत सरकार के तहत आयोजित की गई थी.
सोमवार (10 फरवरी) को उन्हें भेजे गए नोटिस में भाजपा ने दावा किया कि राजस्थान के कृषि मंत्री और सवाई माधोपुर से विधायक मीणा ने जो आरोप लगाए हैं, उनसे ‘भाजपा और राजस्थान में भाजपा नीत सरकार की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है.’ साथ ही, मीणा को जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौर की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है, ‘आप भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और राजस्थान विधानसभा के लिए सवाई माधोपुर निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए हैं. हाल ही में आपने अखबारों में एक सार्वजनिक बयान दिया था जिसमें आपने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर आपका टेलीफोन टैप करवाने का आरोप लगाया था, जो कि गलत है.’
इसमें आगे कहा गया है, ‘आपके उपरोक्त बयान को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पार्टी के संविधान के अनुसार अनुशासनहीनता माना है. यह ‘कारण बताओ नोटिस’ आपको भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर भेजा जा रहा है.’
पिछले हफ़्ते सामने आए वीडियो में जयपुर के आमगढ़ मंदिर में जनसभा को संबोधित करते हुए मीणा कथित तौर पर यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, ‘मुझे उम्मीद थी कि चीज़ें बदलेंगी और जब हम सत्ता में आएंगे तो भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसेंगे. पिछली सरकार में मैंने जो विरोध प्रदर्शन किए थे और जिसके कारण आपने हमारा समर्थन किया और हमने सरकार बनाई – उन मुद्दों पर काम नहीं हुआ.’
उन्होंने कहा कि उन्होंने वर्तमान सरकार के समक्ष 2021 सब इंस्पेक्टर पेपर लीक सहित भ्रष्टाचार के कुछ मुद्दे उठाए हैं.
उन्होंने कहा था, ‘मैंने जब कहा कि वो परीक्षा रद्द करो, तो सरकार ने मेरी बात नहीं मानी. उल्टा सरकार की तरफ से – जैसा पिछले राज में हुआ करता था – चप्पे चप्पे पर मेरे लिए सीआईडी लगाई जाती है और मेरा टेलीफोन भी रिकॉर्ड किया जाता है. लेकिन मैं कोई बुरा काम करता नहीं, इसलिए मैं डरता नहीं, इसलिए मैं झुकता नहीं, इसलिए मैं टूटता भी नहीं. मैं सच बोलने से नहीं चूकता.’
इस बयान ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान हंगामा खड़ा कर दिया था, जिसमें गहलोत और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व वाली विपक्षी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के इस्तीफे की मांग की थी.
राज्य सरकार ने मीणा के आरोपों से इनकार किया है.
अखबार के अनुसार, जब किरोड़ी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें नोटिस के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैं पार्टी का समर्पित और अनुशासित कार्यकर्ता हूं. जब भी मुझे नोटिस मिलेगा, मैं पार्टी नेताओं को जवाब दूंगा.’
हरियाणा भाजपा ने अनिल विज को कारण बताओ नोटिस भेजा
इस बीच, हरियाणा भाजपा ने सोमवार को हरियाणा के मंत्री अनिल विज को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली की आलोचना करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, नोटिस में बडोली ने कहा, ‘यह सूचित किया जाता है कि आपने हाल ही में पार्टी (प्रदेश) अध्यक्ष (बडोली) और मुख्यमंत्री पद के खिलाफ सार्वजनिक बयान दिए हैं. ये गंभीर आरोप हैं और पार्टी की नीति और आंतरिक अनुशासन के खिलाफ हैं.’
उन्होंने आगे कहा कि यह नोटिस भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर जारी किया गया है. उन्होंने कहा, ‘हम आपसे तीन दिन के भीतर इस विषय पर लिखित स्पष्टीकरण देने की अपेक्षा करते हैं.’
पिछले हफ़्ते अनिल विज ने कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसमें बताया गया कि सैनी के एक ‘मित्र’ के साथ देखे गए कुछ कार्यकर्ता एक निर्दलीय उम्मीदवार के साथ भी देखे गए थे, जिसे उन्होंने 2024 के राज्य विधानसभा चुनाव में हराया था. अनिल विज ने अक्टूबर में अंबाला कैंट निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा को हराकर सातवीं बार जीत हासिल की थी.
कारण बताओ नोटिस में अनिल विज को कहा गया कि उनके कार्य न केवल पार्टी की विचारधारा के विरुद्ध हैं. नोटिस में कहा गया है, ‘यह कदम न केवल पार्टी की विचारधारा के विरुद्ध है, बल्कि यह ऐसे समय में उठाया गया है, जब पार्टी पड़ोसी राज्य (दिल्ली) में चुनाव प्रचार कर रही थी.’
नोटिस में विज पर ऐसे बयान देने का भी आरोप लगाया गया है जो चुनाव के अहम दौर में पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं. नोटिस में कहा गया है, ‘चुनाव के समय में एक सम्मानित मंत्री पद पर रहते हुए, आपने यह जानते हुए भी ये बयान दिए हैं कि इससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचेगा. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है.’
अंबाला कैंट से सात बार विधायक रहे 71 वर्षीय विज लगातार सैनी की आलोचना करते रहे हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री ने इस विवाद को कमतर आंकते हुए कहा कि ऊर्जा और परिवहन मंत्री नाराज नहीं हैं और एक वरिष्ठ नेता के तौर पर उन्हें अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है.