नितिन पटेल ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शामिल हुए.
गांधीनगर: विजय रूपाणी ने मंगलवार को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की. राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद यह उनका लगातार दूसरा कार्यकाल होगा.
गुजरात की राजधानी गांधीनगर में एक भव्य समारोह में राज्यपाल ओपी कोहली ने 61 वर्षीय रूपाणी को मुख्यमंत्री और नितिन पटेल को उपमुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलवाई.
इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और भाजपा शासित विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्री शामिल हुए. शपथ ग्रहण से पहले रूपाणी और पटेल ने समारोह में शरीक होने आए भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का अभिवादन किया.
शपथ ग्रहण से पहले रूपाणी और उनकी पत्नी ने पंचदेव महादेव मंदिर में पूजा अर्चना की. रूपाणी और पटेल को 22 दिसंबर को हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में क्रमश: नेता और उप नेता चुना गया था.
रंगून मौजूदा समय में यंगून में जन्मे रूपाणी (61 वर्ष) एक छात्र के रूप में ही आरएसएस शाखा में शामिल हुए. इसके बाद, वह आरएसएस की छात्र शाखा- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से भी जुड़े रहे.
विधानसभा चुनाव में रूपाणी के गृहनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार का चेहरा थे. जैन समुदाय से ताल्लुक रखने वाले रूपाणी ने पार्टी की मशीनरी को सक्रिय करते हुए अपनी सरकार के ख़िलाफ़ सत्ता विरोधी कारकों को निष्क्रिय कर दिया और राज्य में पार्टी के वोटों के सबसे बड़े आधार रहे पाटीदार समुदाय के आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन के नकारात्मक प्रभाव को भी ख़त्म किया.
उन्होंने राज्य के विभिन्न हिस्सों में कृषि से जुड़ी समस्याओं, नोटबंदी तथा जीएसटी की वजह से कारोबार के क्षेत्र में आई सुस्ती से उपजे मोहभंग पर भी पार पा लिया.
राज्य में लंबे समय बाद विधानसभा चुनाव में भाजपा की सीटें कम आने के बावजूद पार्टी नेतृत्व द्वारा रूपाणी का मुख्यमंत्री के रूप में चुना जाना यह बताता है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव तक भाजपा राज्य में यथास्थिति बरक़रार रखना चाहती है.
हालांकि रूपाणी दूसरी बार ही विधायक बने हैं लेकिन उन्होंने यह साबित किया है कि वह कुशल प्रशासक हैं.
रूपाणी पहले गुजरात में ज़्यादातर पार्टी के संगठन से संबंधित जुड़े काम करते थे. उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव साल 2014 में लड़ा. राजकोट पश्चिम विधानसभा सीट खाली हुई थी और उपचुनाव में रूपाणी को जीत मिली. इस बार भी उन्हें इस सीट पर 53,000 से ज़्यादा मतों से जीत मिली है.
कानून से स्नातक रूपाणी साल 2006-2012 के बीच राज्यसभा के भी सदस्य चुके हैं.
गुजरात पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष के रूप में रूपाणी ने 2006 में ‘खुशबू गुजरात की’ का सफल विज्ञापन अभियान चलाया था. इस विज्ञापन में मेगास्टार अमिताभ बच्चन थे और यह विज्ञापन राज्य को पर्यटन के बड़े स्थल के रूप में प्रचार के लिए बनाया गया था.
वह साल 2013 में गुजरात म्यूनिसिपल फाइनेंस बोर्ड के अध्यक्ष भी थे. विधानसभा अध्यक्ष वाजुभाई वाला को अक्टूबर 2014 मे कर्नाटक का राज्यपाल बनाए जाने के बाद राजकोट वेस्ट का सीट खाली हो गई थी.
रूपाणी को यहां से विधानसभा उपचुनाव में सफलता मिली. रूपाणी को 19 फरवरी 2016 को गुजरात में भाजपा अध्यक्ष बनाया गया. इस कदम को राज्य इकाई में अमित शाह के धड़े की जीत बताई गई थी.
राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के 2016 में अपने पद से इस्तीफा देने के बाद रूपाणी राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. आनंदीबेन पर पाटीदार और दलित आंदोलन को संभालने में विफल रहने का आरोप था.
रूपाणी ने अपनी राजनीतिक कुशलता का परिचय 1974 के सामाजिक राजनीतिक आंदोलन गुजरात नवनिर्माण आंदोलन के दौरान दिया था. यह आंदोलन आर्थिक संकटों और सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ छात्रों और मध्य वर्ग ने किया था.
यह आंदोलन शीघ्र ही अन्य स्थानों पर भी फैलने लगा खासकर के समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की संपूर्ण क्रांति की मांग के बाद यह बिहार में बड़े पैमाने पर फैला.
इस आंदोलन की वजह से इंदिरा गांधी की सरकार गिर गई और पहली बार मोरारजी देसाई के नेतृत्व में केंद्र में गैर-कांग्रेस सरकार बनी.
आपातकाल के दौरान एबीवीपी के नेता के रूप में रूपाणी करीब एक साल तक जेल में रहे थे. रूपाणी की राजनीतिक कुशलता और नेतृत्व क्षमता की दोबारा परीक्षा साल 2019 के चुनाव में होगी.
18 मंत्रियों ने भी शपथ ली
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल के अलावा मंगलवार को 18 मंत्रियों ने भी शपथ ली. राज्य सचिवालय के निकट हुए इस आयोजन में रूपाणी के अलावा पटेल समेत कैबिनेट दर्जे के नौ मंत्रियों और प्रदेश के 10 राज्यमंत्रियों ने भी शपथ ली.
पटेल के अलावा शपथ लेने वाले कैबिनेट दर्जा प्राप्त मंत्री हैं- भूपेंद्र सिंह चुड़ास्मा, आरसी फालड़ू, कौशिक पटेल, सौरभ पटेल, गणपत सिंह वासवा, जयेश रादड़िया, दिलीप ठाकोर और ईर परमार.
शपथ लेने वाले राज्यमंत्री हैं- प्रदीप सिंह जडेजा, परबत पटेल, जयद्रथ सिंह परमार, रमन पाटकर, पुरुषोत्तम सोलंकी, ईर सिंह पटेल, वासन अहीर, किशोर कानानी, बच्चूभाई खबाड़ और विभावरीबेन दवे.
कुल नौ कैबिनेट मंत्रियों में से पांच पिछली सरकार में भी मंत्री थे. इसी तरह शपथ लेने वाले दस राज्यमंत्रियों में से पांच पिछली सरकार से हैं. छह मंत्री पटेल समुदाय से हैं जबकि भावनगर पूर्व से विधायक विभावासी बेन देव नए मंत्रिमंडल में इकलौती महिला हैं.
रूपाणी और पटेल को 22 दिसंबर को हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में क्रमश: नेता और उप नेता चुना गया था.