नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने एक्स को स्टेशन भगदड़ के वीडियो हटाने का निर्देश दिया

रेल मंत्रालय द्वारा एक्स को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की भगदड़ के वीडियो का प्लेटफॉर्म पर होना न केवल नैतिक मानदंडों, बल्कि एक्स की कंटेंट नीति के भी ख़िलाफ़ है, क्योंकि इस तरह के वीडियो साझा करने से क़ानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है.

15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के बाद एक फुट ओवर ब्रिज. (फोटो साभार: ट्विटर / @TuchIndia)

नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुई भगदड़ में हताहतों के वीडियो वाले 285 सोशल मीडिया लिंक हटाने का निर्देश दिया है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 15 फरवरी की भगदड़ से संबंधित मंत्रालय का यह आदेश पिछले साल दिसंबर में सीधे हटाने की शक्ति पाने के बाद से इसकी पहली बड़ी प्रवर्तन कार्रवाई है.

मंत्रालय द्वारा 17 फरवरी को एक्स को भेजे गए नोटिस में कहा गया है, ‘यह न केवल नैतिक मानदंडों के खिलाफ है, बल्कि एक्स डॉट कॉम की सामग्री नीति के भी खिलाफ है, क्योंकि इस तरह के वीडियो को साझा करने से कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है.’

नोटिस में कहा गया है कि इन दिनों ‘ट्रेनों की भारी भीड़’ को देखते हुए यह सामग्री भारतीय रेलवे के संचालन को प्रभावित कर सकती है.

नोटिस में एक्स को कई एकाउंट से पोस्ट हटाने के लिए 36 घंटे की समयसीमा तय की गई है, जिसमें प्रमुख समाचार नेटवर्क शामिल हैं, जिसमें ‘मृत व्यक्तियों को चित्रित करने वाले संवेदनशील या परेशान करने वाले मीडिया’ के बारे में चिंता जताई गई है.

ज्ञात हो कि पिछले साल दिसंबर में रेल मंत्रालय ने सूचना और प्रचार (रेलवे बोर्ड) के कार्यकारी निदेशक को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 (3) (बी) के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को सीधे नोटिस जारी करने का अधिकार दिया था.

17 फरवरी के नोटिस में मंत्रालय ने कहा कि उसे इस धारा के तहत ‘उन यूआरएल, एकाउंट आदि तक पहुंच को हटाने/ब्लॉक करने के लिए नोटिस जारी करने का अधिकार दिया गया है, जहां गैरकानूनी विज्ञापन, समर्थन, प्रचार सामग्री आदि प्रकाशित की जाती हैं.

यह पहली बार नहीं है जब मंत्रालय ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया है. जनवरी में इसने यूट्यूब और इंस्टाग्राम को भी इसी तरह का नोटिस भेजा था, जिसमें उनसे ऐसी सामग्री हटाने के लिए कहा गया था जिसमें ‘भ्रामक और भड़काऊ जानकारी’ हो, जो सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ सकती हो.

जनवरी के नोटिस में एक यूट्यूब वीडियो, एक इंस्टाग्राम पोस्ट और दो इंस्टाग्राम रील का हवाला दिया गया था. इंस्टाग्राम की मूल कंपनी मेटा ने पुष्टि की कि उसने कानूनी अनुरोध प्राप्त करने के बाद कार्रवाई की थी.