नई दिल्ली: राजस्थान में कांग्रेस के छह विधायकों, जिनमें राज्य पार्टी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी शामिल हैं, को शुक्रवार (21 फरवरी) को विधानसभा के बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर एक मंत्री की टिप्पणी का विरोध किया था.
विपक्षी सदस्यों ने माफी मांगने और टिप्पणी को हटाने की मांग को लेकर हंगामा किया.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, टिप्पणी पर मचे हंगामे के बीच कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के अंदर अपना धरना जारी रखा और शुक्रवार की रात सदन के वेल में सोकर बिताई.
विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि तीन मंत्रियों ने शुक्रवार रात वरिष्ठ विधायकों के साथ बातचीत की, लेकिन यह बेनतीजा रही और धरना जारी रहा.
जूली ने शनिवार (22 फरवरी) को संवाददाताओं से कहा, ‘हम मांग करते हैं कि मंत्री अपनी टिप्पणी वापस लें. ऐसे कई उदाहरण हैं जब शब्दों को हटाया गया है, लेकिन सरकार खुद सदन चलाना नहीं चाहती है और इसलिए यह मुद्दा बनाया गया है.’
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को अध्यक्ष द्वारा छह विधायकों को निलंबित करने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई और इसके बाद से पार्टी विधायक सदन में धरना दे रहे हैं.
अन्य निलंबित किए गए विधायकों में रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गेसावत, हकीम अली खान और संजय कुमार हैं.
गौरतलब है कि इससे पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक के सवाल का जवाब देते हुए गांधी को ‘आपकी दादी’ कहा.
गहलोत ने कहा, ‘2023-24 के पिछले बजट में आपने (कांग्रेस ने) हमेशा की तरह इस योजना का नाम अपनी दादी इंदिरा गांधी के नाम पर रखा.’
विपक्ष के नेता टीकाराम जूली के नेतृत्व में नाराज कांग्रेस सदस्यों ने गहलोत के कटाक्ष पर कड़ी आपत्ति जताई और सदन के वेल में आकर कहा कि यह असंसदीय भाषा है जिसके लिए माफ़ी मांगनी चाहिए. हंगामे के बीच स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कई बार विधानसभा की कार्यवाही स्थगित की.
दोपहर में जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो सरकार के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस के छह विधायकों को उनके ‘अशोभनीय और निंदनीय आचरण’ के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया. प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया और स्पीकर ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी. इसके बाद कांग्रेस विधायक विरोध में वेल में बैठ गए.
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बाद में कहा कि हंगामे के दौरान कांग्रेस विधायक आक्रामक तरीके से स्पीकर के आसन की ओर बढ़ रहे थे और देवनानी पर हमला होने की आशंका थी. उन्होंने कहा, ‘टकराव की स्थिति से बचने के लिए विधायकों को निलंबित किया गया. इस तरह से सदन नहीं चलाया जा सकता था.’
उधर, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने कहा कि गहलोत ने आपत्तिजनक टिप्पणी करके विपक्ष को भड़काने की कोशिश की, जो भाजपा की रणनीति का हिस्सा है, ताकि कठिन सवालों के जवाब देने से बचने के लिए सदन को बाधित किया जा सके.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा विधानसभा में विपक्ष को ‘जानबूझकर भड़का रही है.’
उन्होंने कहा, ‘उनके पास इंदिरा गांधी के बारे में अनावश्यक रूप से व्यंग्यात्मक टिप्पणी करने का कोई कारण नहीं था. इसके बाद भी स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.’
गहलोत ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘ऐसा लगता है कि राजस्थान विधानसभा में भी लोकसभा और राज्यसभा की पद्धति अपनाई जा रही है. जैसे वहां सत्ताधारी पार्टी की विफलताओं को छिपाने के लिए सांसदों को निलंबित किया जाता है, वैसा ही यहां भी किया गया है.’
उन्होंने कहा कि देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाली पूर्व प्रधानमंत्री पर की गई अभद्र टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
इस बीच, शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उदयपुर में इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी के लिए अविनाश गहलोत से माफी मांगने और कांग्रेस विधायकों के निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.