नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट की प्रमुख घरेलू प्रतियोगिता ‘रणजी ट्राफी’ के फइनल में प्रवेश कर केरल ने इतिहास रच दिया है. केरल ने इस प्रतियोगिता में पदार्पण करने के 68 साल बाद पहली बार फाइनल में जगह बनाई है. अब फाइनल में केरल का सामना विदर्भ से होगा, जिसने दूसरे सेमीफाइनल में मुंबई को 80 रन से हराया है.
मालूम हो कि केरल की टीम ने 1957 में रणजी डेब्यू किया था. इसके बाद टीम लगातार कोशिशों के बावजूद कभी फाइनल तक का सफर नहीं तय कर पाई थी. साल 2018-19 में आखिरी बार केरल ने सेमीफाइनल में जगह बनाई थी.
हालांकि, इस बार भी केरल का फाइनल तक पहुंचने का रास्ता बिल्कुल आसान नहीं था. टीम ने अपने पिछले सेमीफाइनल मुकाबले में महज दो रन की लीड से गुजरात की टीम को मात दी है. इस मैच में एक अलग ही रोमांच देखने को मिला, जहां जीत का श्रेय खिलाड़ियों से ज्यादा एक हेलमेट को दिया जा रहा है.
आदित्य सरवटे का शानदार प्रदर्शन, गुजरात को 174.4 ओवर में 455 रन पर समेटा
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इससे पहले 2016-17 की रणजी ट्रॉफी चैंपियन रही गुजरात की टीम ने अंतिम दिन पहली पारी में बढ़त हासिल करने के लिए सिर्फ 29 रन की दरकार थी और टीम ने सुबह सात विकेट पर 429 रन के स्कोर से खेलना शुरू किया था. लेकिन बाएं हाथ के स्पिनर आदित्य सरवटे ने दबाव में अच्छा प्रदर्शन किया और तीनों विकेट लेकर गुजरात को 174.4 ओवर में 455 रन पर समेट दिया.
दरअसल, इनिंग के 175वें ओवर में गुजरात को स्कोर बराबर करने के लिए दो रन चाहिए थे. क्रीज पर अरजन नागवासवाला और प्रियजित जडेजा थे. सामने केरल की ओर से आदित्य सरवटे गेंदबाजी कर रहे थे. तभी ओवर की चौथी बॉल पर नागसवाला ने करारा शॉट लगाया. गेंद उनके बल्ले से लगकर सीधा शॉट लेग पर खड़े फील्डर के हेलमेट से टकराई और हवा में उछल गई और स्लिप में खड़े सचिन बेबी ने आसानी से कैच लपक लिया. कुल मिलाकर, जिस शॉट पर गुजरात की झोली में जीत आ सकती थी, उस पर नागसवाला आउट हो गए.
जीत में मोहम्मद अजहरुद्दीन की महत्वपूर्ण भूमिका
शुक्रवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में गुजरात पर पहली पारी में दो रन की बढ़त हासिल करने के बाद केरल को जो जीत मिली, उसमें मोहम्मद अजहरुद्दीन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी केरल ने अजहरुद्दीन के शानदार 177 रनों की बदौलत 457 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया. जवाब में गुजरात ने कड़ी टक्कर दी.
प्रियांक पंचाल के शानदार 148 रनों और आर्य देसाई और जयमीत पटेल के महत्वपूर्ण 70 रनों की बदौलत टीम केरल के स्कोर को पार करने के बेहद करीब पहुंच गई, लेकिन केरल की स्पिन जोड़ी आदित्य सरवटे और जलज सक्सेना ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए मैच को अपनी टीम के पक्ष में मोड़ दिया और गुजरात की टीम महज़ दो रन से फाइनल में पहुंचने से चूक गई.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने भी टीम की सराहना की है.
Kerala made the semi-finals for the second time ever by one run. Now we have made finals for the first time ever by two runs! You can’t make this up!! #ranjitrophy2025 https://t.co/r8SElrqhSi
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 21, 2025
केरल से आने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने वाले संजू सैमसन ने टीम की इस जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘यह देख कर काफी खुशी हो रही है. 10 साल पहले हमने जो सपना देखा था और जिसे जीते आ रहे थे, वो अब बस एक कदम दूर है. ट्रॉफी अब हमारी है, जाओ और इसे हासिल करो.’
Instagram story by Sanju Samson for Kerala team 🤍
– A match to remember forever in Kerala Sporting history. pic.twitter.com/G5ts8xiN0R
— Johns. (@CricCrazyJohns) February 21, 2025
गौरतलब है कि केरल का फाइनल में मुकाबला अब विदर्भ की टीम से होगा. विदर्भ ने सेमीफाइनल में 42 बार की चैंपियन मुंबई को उसी के घरेलू मैदान में 80 रनों से मात दी है.
इसी के साथ टीम ने रणजी ट्रॉफी-2023-24 के खिताबी मुकाबले में मिली हार का भी बदला ले लिया है. तब अजिंक्य रहाणे की मुंबई टीम ने विदर्भ को हराकर 42वीं बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था.