महाकुंभ 2025: सीएम योगी आदित्यनाथ ने भगदड़ में मौतों को दबाने की बात स्वीकारी

योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उन्होंने महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान से पहले 29 जनवरी की सुबह हुई भगदड़ को इसलिए उजागर नहीं होने दिया, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि इससे दहशत की स्थिति पैदा हो. इससे पहले उनकी सरकार पर भगदड़ में हताहतों की संख्या दबाने का आरोप लगा है.

कुंभ में मची भगदड़ को लेकर योगी आदित्यनाथ ने खुलासे किए. (फोटो साभार: X/@myogiadityanath)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद के महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या के दिन (29 जनवरी) हुई भगदड़ की घटना और मौतों को दबाने की बात स्वीकार की है. इस हादसे में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार (3 मार्च) को भारतीय प्रबंधन संस्थान, लखनऊ और भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों के एक कार्यक्रम ‘महाकुंभ के माध्यम से राष्ट्र निर्माण’ को संबोधित करते हुए इस बात का खुलासा किया.

आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने मौनी अमावस्या के स्नान से पहले 29 जनवरी की सुबह हुई भगदड़ को इसलिए नहीं उजागर होने दिया, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि इससे दहशत की स्थिति पैदा हो.

उन्होंने कहा कि घटना के समय कुंभ मेला क्षेत्र के साथ-साथ इलाहाबाद शहर में लगभग आठ करोड़ लोग थे. इस दौरान उनकी सरकार ने चीजों को नियंत्रण में लाने के लिए तेजी से काम किया.

आदित्यनाथ ने कहा, ‘घटना के बाद कोई घबराहट न हो… इसलिए हम घायल लोगों को अस्पताल ले गए, जहां कुछ की दुखद मौत हो गई, लेकिन हमने इसे उजागर नहीं होने दिया, ताकि कोई घबराहट की स्थिति पैदा न हो.’

मालूम हो कि योगी सरकार पिछले महीने महाकुंभ में हुई भगदड़ में हताहतों की संख्या को दबाने का आरोपों का सामना कर रही है.

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मौनी अमावस्या के दिन संगम तट के पास भगदड़ के कारण 30 लोगों की मौत हो गई थी. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उसी दिन मेले के एक अन्य क्षेत्र में इसी तरह की घटना में सात अन्य लोग मारे गए थे.

योगी आदित्यनाथ ने कुंभ मेले की व्यवस्था के बारे में विस्तार से बात करते हुए वहां पहुंचे श्रद्धालुओं की तुलना नदी की धाराओं से की.

उन्होंंने कहा यदि प्रवाह या धाराओं में कोई बाधा उत्पन्न की गई, तो वह या तो टूट जाएगी या किनारों पर फैल जाएगी. भीड़ का चरित्र भी ऐसा ही होता है.

उन्होंने बताया कि मौनी अमावस्या पर भगदड़ 29 जनवरी की रात 1:15-1:30 बजे के बीच मची. हर जगह भीड़ का दबाव था. लेकिन चुनौतियों और कठिनाइयों के बावजूद भगदड़ के बाद रास्ता साफ करने के लिए 15 मिनट के भीतर एक ‘ग्रीन कॉरिडोर’ बनाया गया और उनके अनुरोध पर 13 हिंदू अखाड़ों का अमृत स्नान भी स्थगित कर दिया गया.

मालूम हो कि आदित्यनाथ ने हाल ही में यूपी विधानसभा में बताया था कि भीड़ के दबाव के कारण संगम के पास बैरिकेड गिरने के बाद मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई थी. इन 30 मृतकों में से 29 की पहचान हो चुकी है.

आदित्यनाथ ने बताया कि अज्ञात पीड़िता का डीएनए संरक्षित करने के बाद प्रशासन द्वारा उनका अंतिम संस्कार किया गया.

उन्होंने बताया कि इस घटना में छत्तीस लोग घायल हो गए थे, जिसमें से 35 को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और वे घर लौट गए हैं, जबकि एक का अभी भी इलाज चल रहा है.

गौरतलब है कि आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि इलाहाबाद में अन्य स्थानों पर 30-35 लोग घायल हुए हैं. ‘इलाहाबाद में अन्य स्थानों पर भी दबाव बिंदु बन रहे थे.’

उन्होंने मौनी अमावस्या पर कम से कम दो भगदड़ की बात स्वीकार करते हुए कहा कि अस्पताल ले जाते समय या अस्पताल ले जाते समय सात लोगों की मौत हो गई.

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