महाराष्ट्र: सरपंच की हत्या की तस्वीरें, वीडियो सामने आने के बाद धनंजय मुंडे का मंत्री पद से इस्तीफ़ा

पिछले साल दिसंबर में बीड के मासाजोग गांव के सरपंच और स्थानीय भाजपा नेता संतोष देशमुख ने कथित तौर पर जबरन वसूली की कोशिश को रोकने का प्रयास किया था, उन्हें अगवा कर प्रताड़ित किया था और फिर बेरहमी से मार दिया गया था. इनमें से एक आरोपी वाल्मिक कराड को एनसीपी नेता धनंजय मुंडे का करीबी माना जाता है.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (बाएं), धनंजय मुंडे (दाएं) (फोटो: X/@dhananjay_munde)

नई दिल्ली: पिछले साल दिसंबर में एक गांव के सरपंच की भयानक मौत की खबर ने पूरे महाराष्ट्र में हलचल मचा दी थी. बीड के मासाजोग गांव के सरपंच और स्थानीय भारतीय जनता पार्टी के नेता 45 वर्षीय संतोष देशमुख ने कथित तौर पर जबरन वसूली की कोशिश को रोकने का प्रयास किया था, उन्हें अगवा कर प्रताड़ित किया गया और फिर बेरहमी से मार दिया गया था.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जब सरपंच संतोष देशमुख को प्रताड़ित कर उनकी हत्या की जा रही थी, तो उनके कथित हमलावरों ने 15 वीडियो रिकॉर्ड किए, आठ तस्वीरें खींचीं और दो वीडियो कॉल भी कीं.

ये सामग्री, जो अब अपराध जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा पिछले सप्ताह बीड अदालत में पेश किए गए आरोपपत्र का हिस्सा हैं. यह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता धनंजय मुंडे के लिए अंतिम झटका साबित हुए, जिन्होंने अंततः मंगलवार को राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया.

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, ‘मुंडे ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दिया है.’ मंत्री पर विपक्ष और मारे गए सरपंच के परिवार की ओर से पद छोड़ने का दबाव था. हालांकि, वे तब तक पद पर बने रहने पर अड़े रहे जब तक कि वीडियो और तस्वीरें ऑनलाइन सामने नहीं आ गईं.

इस्तीफे के बाद अपने एक्स पोस्ट में मुंडे ने तस्वीरों का भी जिक्र करते हुए कहा, ‘कल जो तस्वीरें सामने आईं, उन्हें देखकर मैं बहुत व्यथित हुआ. इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है और अदालत में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है. साथ ही न्यायिक जांच भी प्रस्तावित है. चूंकि पिछले कुछ दिनों से मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है, डॉक्टर ने मुझे अगले कुछ दिनों तक उपचार लेने की सलाह दी है. इसलिए, चिकित्सा कारणों से भी मैंने मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंप दिया है.’

बीड से एनसीपी (एसपी) विधायक संदीप क्षीरसागर ने कहा, ‘जब बीड के लोगों ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें देखीं, तो तनाव बढ़ गया. नागरिक विरोध में इकट्ठा होने लगे. यह अच्छा है कि मुंडे ने अब इस्तीफा दे दिया है, भले ही यह देर से आया हो.’

देशमुख को दिसंबर में एक ऊर्जा कंपनी पर जबरन वसूली की कोशिश को विफल करने के लिए अपहरण कर लिया गया था और उनकी हत्या कर दी गई थी. उनकी लाश, जिस पर अत्यधिक क्रूरता के निशान थे, सड़क किनारे फेंकी हुई मिली थी.

आरोपियों में एक धनंजय मुंडे का करीबी

मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक व्यक्ति अभी भी फरार है. कराड को परली में मुंडे का दाहिना हाथ माना जाता है और वह उनके चुनाव अभियान का प्रबंधन करते थे. मुंडे की चचेरी बहन और भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने कहा था कि धनंजय मुंडे कराड के बिना काम नहीं कर सकते.

रिपोर्ट के अनुसार, देशमुख की मौत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता धनंजय मुंडे के एक विश्वासपात्र की स्थानीय सांठगांठ को भी उजागर किया है. वाल्मिक कराड को एक आरोपी और ‘मुख्य साजिशकर्ता’ के रूप में नामजद किया गया है. देशमुख की हत्या के तुरंत बाद उनके परिवार और गांव के अन्य लोगों ने अपहरण और हत्या में कराड की भूमिका की ओर इशारा किया था. तब से मुंडे पर दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि क्षेत्र में कराड का प्रभाव पूरी तरह से उन्हीं की वजह से है.

कराड, जो कभी अपने चाचा गोपीनाथ मुंडे के करीबी थे, बीड में मुंडे के सभी राजनीतिक और वित्तीय लेन-देन की देखभाल करते थे. इसलिए, जब कराड का नाम हत्या के मामले में सामने आया, तो यह स्पष्ट था कि मुंडे पर उंगलियां उठेंगी.

अन्य गिरफ्तार आरोपियों में विष्णु चाटे, जयराम चाटे, सुदर्शन घुले, प्रतीक घुले, महेश केदार, सुधीर सांगले और सिद्धार्थ सोनवणे शामिल हैं. ये सभी न्यायिक हिरासत में हैं.

देशमुख एक मराठा व्यक्ति थे और मामले में आरोपी व्यक्ति वंजारी नामक खानाबदोश जाति से हैं. मुंडे भी वंजारी समुदाय से आते हैं. माना जाता है कि देशमुख ने विधानसभा चुनाव में मुंडे के खिलाफ प्रचार किया था.

वीडियो क्रूरता को उजागर करते हैं

आरोपी महेश केदार के स्मार्टफोन से शूट किए गए वीडियो की अवधि 2 सेकंड से लेकर 2.04 मिनट तक है. आरोप पत्र के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में पांच आरोपी कथित तौर पर देशमुख को पाइप और डंडे से पीटते और लात-घूंसे मारते नजर आ रहे हैं. वीडियो में देशमुख को आधे कपड़े पहने हुए दिखाया गया है, जबकि उन्हें जबरन बैठने के लिए मजबूर किया जा रहा है.

एक अन्य वीडियो में देशमुख को कथित तौर पर यह नारा लगाने के लिए मजबूर किया गया कि ‘सुदर्शन घुले (आरोपियों में से एक) सभी का पिता है.’ चार्जशीट में कहा गया है कि एक आरोपी ने देशमुख पर पेशाब किया, जिससे उनका काफी खून बह गया.

देशमुख को प्रताड़ित किए जाने के दौरान आरोपी कृष्ण अंधाले, जो अभी भी फरार है, ने दो वॉट्सऐप वीडियो कॉल किए – एक शाम 5.14 बजे और दूसरा शाम 5.26 बजे. चार्जशीट में उस व्यक्ति की पहचान नहीं की गई है जिसे कॉल किए गए थे.

चार्जशीट में कहा गया है कि पुलिस ने देशमुख को प्रताड़ित करने के लिए इस्तेमाल की गई पाइप के 15 टूटे हुए टुकड़े बरामद किए हैं. जांचकर्ताओं ने पाया कि आरोपी घुले बीड में एक अपराध सिंडिकेट चलाता था. उसके गिरोह पर 11 मामले दर्ज हैं. यह गिरोह बीड के केज, अंबाजोगाई, धारुर और धाराशिव जिले के कलंब में सक्रिय रहा है.

जब सरकार के पास सरपंच की हत्या की तस्वीरें थीं तो मुंडे के इस्तीफे में इतना समय क्यों लगा?: विपक्ष

एनसीपी (सपा) नेता सुप्रिया सुले ने मंगलवार (4 मार्च) को पूछा कि जब सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित तस्वीरें और फुटेज सरकार के पास उपलब्ध थे, तो धनंजय मुंडे को महाराष्ट्र कैबिनेट से इस्तीफा देने में 84 दिन क्यों लगे?

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पत्रकारों से बात करते हुए लोकसभा सांसद ने कहा कि हालांकि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और राकांपा नेता छगन भुजबल ने कहा कि उनके पार्टी सहयोगी मुंडे ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दिया है, लेकिन उन्होंने खुद स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा देने का फैसला किया है.

सुले ने कहा, ‘क्या मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों ने (हत्या की) तस्वीरें नहीं देखीं? उन्होंने ये तस्वीरें आपसे पहले देखी होंगी और मैंने कल देखीं. अगर उन्होंने ये तस्वीरें देखी हैं, तो उस व्यक्ति (मुंडे) को इस्तीफ़ा देने में 84 दिन क्यों लगे?’

उन्होंने दावा किया कि हत्या से संबंधित तस्वीरें और फुटेज सामने आने के बाद से राज्य के लोग निराश और सदमे में हैं.

सुले ने मामले की पारदर्शी जांच की मांग की और कहा कि देशमुख की हत्या में शामिल अपराधियों को फांसी दी जानी चाहिए.

एनसीपी (शरद पवार) नेता ने कहा कि वह और पार्टी के अन्य सांसद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे और उन्हें स्थिति से अवगत कराएंगे.

वहीं, एनसीपी (शरद पवार) नेता जितेंद्र आव्हाड ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने तस्वीरों और वीडियो के बारे में जानने के बावजूद मुंडे के खिलाफ देर से कार्रवाई की.

अव्हाड ने कहा, ‘सरकार के पास पहले से ही ये सभी तस्वीरें और वीडियो थे. इन सभी सबूतों के बावजूद इस्तीफा नहीं लिया गया. कल रात ये तस्वीरें और वीडियो सार्वजनिक होने के बाद आज सुबह मुंडे का इस्तीफा ले लिया गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि यह सरकार कितनी निर्दयी है.’

राकांपा (सपा) नेता ने सरकार पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह जनभावना की कद्र नहीं करती और देशमुख की नृशंस हत्या के अपराध को बर्दाश्त कर रही है.