यूएई में हत्या के आरोप में दो अन्य भारतीयों को फांसी दी गई, शहजादी ख़ान को दफ़नाया गया

विदेश मंत्रालय को 28 फरवरी को बताया गया कि संयुक्त अरब अमीरात में हत्या के आरोप में दो भारतीयों को फांसी दे दी गई. उनकी पहचान केरल के दो निवासियों के तौर पर हुई है. उसी दिन यूपी निवासी शहजादी खान को फांसी दिए जाने की भी जानकारी दी गई.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Tum Hufner/Unsplash)

नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय को 28 फरवरी को बताया गया कि संयुक्त अरब अमीरात में हत्या के आरोप में दो भारतीयों को फांसी दे दी गई. उसी दिन मंत्रालय को बताया गया कि एक शिशु की कथित हत्या के लिए शहजादी खान को फांसी दिए जाने की भी जानकारी दी गई.

रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच, विदेश मंत्रालय के बाह्य प्रचार प्रभाग ने घोषणा की कि 33 वर्षीय खान को गुरुवार (6 मार्च) को दफना दिया गया.

जिन दो लोगों को फांसी दी गई उनकी पहचान मुहम्मद रिनाश अरंगीलोट्टू और मुरलीधरन पेरुमथट्टा वलप्पिल के रूप में की गई है. दोनों केरल के निवासी हैं.

अरंगिलोट्टू को एक अमीराती नागरिक की हत्या के लिए और वलाप्पिल को एक भारतीय की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था. विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूएई की सर्वोच्च अदालत ने उनकी मौत की सज़ा को बरकरार रखा था.

यह जानकारी नहीं है कि उन दोनों को किस दिन फांसी दी गई.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात में भारत के दूतावास ने दया याचिकाएं और क्षमा अनुरोध भेजने सहित सभी संभव कांसुलर और कानूनी सहायता प्रदान की.

अरंगीलोट्टू को गुरुवार को उनके परिवार के सदस्यों द्वारा अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करने और प्रार्थना के बाद दफना दिया गया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल के कन्नूर का रहने वाले रिनाश यूएई के एक नागरिक की हत्या के आरोप में गिरफ्तार होने से पहले अल ऐन में एक ट्रैवल एजेंसी में काम करते थे.

यूएई में मौत की सजा पाए तीसरे भारतीय नागरिक मुरलीधरन पीवी को औपचारिकताएं पूरी होने के तुरंत बाद दफनाया जाएगा. उनकी फांसी की खबर सबसे पहले मलयालम प्रेस में छपी.

उधर, विदेश मंत्रालय ने कहा कि शहज़ादी खान को गुरुवार को अबू धाबी में दफनाया गया, जिसके पहले उनके परिवार के ‘अधिकृत प्रतिनिधियों’ ने श्रद्धांजलि अर्पित की और जनाजे की नमाज़ में शामिल हुए.

उनके पिता शब्बीर खान ने बुधवार को कहा कि उसके दफ़न में देरी हुई है और उनके परिवार को इसकी जानकारी ‘अबू धाबी में रहने वाले दूर के रिश्तेदारों’ से मिली. द हिंदू ने उनके हवाले से आरोप लगाया, ‘विदेश मंत्रालय की ओर से कोई संवाद नहीं किया गया है.’

इस सप्ताह के आरंभ में जब केंद्र सरकार ने अदालत में यह दलील दी कि खान को फांसी दे दी गई है और उनका अंतिम संस्कार बुधवार को किया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि फरवरी 2023 में चार महीने के बच्चे की कथित हत्या के आरोप में शहजादी खान गिरफ्तार किए जाने के बाद उनके पिता ने उनकी स्थिति के बारे में जानकारी मांगते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद सरकार ने 3 मार्च को कहा कि उन्हें 15 फरवरी को फांसी दे दी गई.

बाद में विदेश मंत्रालय के बाह्य प्रचार प्रभाग ने पुष्टि की कि अमीराती अधिकारियों ने 28 फरवरी को भारतीय दूतावास को सूचित किया कि खान को फांसी दे दी गई है.

यह स्पष्ट नहीं है कि खान की फांसी की सूचना भारत सरकार को मिलने में 13 दिन की देरी क्यों हुई.

16 फरवरी को एक रिपोर्ट में बताया गया था कि खान ने अपने पिता से दो दिन पहले अंतिम बार फोन पर बात की थी, लेकिन प्रेस में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से 17 फरवरी को- फांसी के दो दिन बाद – कहा गया कि यह रिपोर्ट ‘गलत’ थी.

उत्तर प्रदेश की बांदा जिले की निवासी शहजादी खान दिसंबर 2021 में कानूनी वीजा पर अबू धाबी गई थीं. अगस्त 2022 में उनके नियोक्ता ने एक बेटे को जन्म दिया, जिसकी देखभाल करने के लिए शहज़ादी को काम पर रखा गया. 7 दिसंबर, 2022 को शिशु को नियमित टीके लगाए गए और उसी शाम उसकी मृत्यु हो गई.

दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार (3 मार्च) को सरकारी वकील ने कहा, ‘हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की. हमने अदालत में उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए वहां एक कानूनी फर्म को नियुक्त किया. लेकिन वहां के कानून शिशु हत्या से बहुत सख्ती से निपटते हैं.’

खान को फांसी दिए जाने से दो दिन पहले केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने संसद में कहा था कि संयुक्त अरब अमीरात में कुल 29 भारतीय नागरिक मौत की सजा का सामना कर रहे हैं.

उनके जवाब में यह भी कहा गया कि सऊदी अरब में 12, कुवैत में तीन और कतर में एक को मौत की सजा दी गई है.