जन सेवाएं लोगों के घर तक पहुंचाने के दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के प्रस्ताव को उपराज्यपाल ने वापस लौटाया.
नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल पर नए सिरे से हमला बोलते हुए पूछा कि क्या वह जन सेवाएं लोगों के घर तक पहुंचाने के आम आदमी पार्टी सरकार के प्रस्ताव को लौटाकर भ्रष्ट व्यवस्था को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
बैजल ने बीते मंगलवार को दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को पुनर्विचार के लिए वापस कर दिया था. इस पर सिसोदिया ने ट्वीट किया था, भ्रष्टाचार मुक्त शासन उपलब्ध कराने के प्रयासों को बड़ा झटका.
प्रस्ताव में ड्राइविंग लाइसेंस, जाति प्रमाणपत्र और नए पानी कनेक्शन जैसी 40 जन सेवाएं लोगों के घर पर ही उपलब्ध कराने की बात कही गई है.
सिसोदिया ने बुधवार को बैजल पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या उपराज्यपाल के पास निर्वाचित सरकार के फैसलों को लौटाने की शक्ति होनी चाहिए. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मुझे उनका नोट पढ़कर दुख हुआ. क्या वह भ्रष्ट व्यवस्था को बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं.’
BJP पूरी दिल्ली में सीलिंग करा रही है,
BJP ने 'द्वार पर सरकारी सेवा' पहुँचाने वाला प्रस्ताव रद्द करा दिया
BJP ने LG के ज़रिए मोहल्ला क्लीनिक रोकने की पूरी कोशिश की
BJP दिल्ली वालों को बर्बाद क्यों करना चाहती है.
— Manish Sisodia (@msisodia) December 27, 2017
मनीष सिसोदिया ने इसके लिए भाजपा को भी ज़िम्मेदार ठहराया है. एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘भाजपा पूरी दिल्ली में सीलिंग करा रही है. भाजपा ने ‘द्वार पर सरकारी सेवा’ पहुंचाने वाला प्रस्ताव रद्द करा दिया. भाजपा ने एलजी ज़रिये मोहल्ला क्लीनिक रोकने की पूरी कोशिश की. भाजपा दिल्ली वालों को बर्बाद क्यों करना चाहती है?’
प्रस्ताव को सुपर डिजिटल प्रदायगी प्रणाली क़रार देते हुए उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस क़दम से लोगों को विभागों तक जाना नहीं पड़ेगा. मौजूदा प्रणाली में लोगों को एक या दो बार सरकारी कार्यालयों में जाना पड़ता है.
सिसोदिया ने कहा, ‘लेकिन घर पर ही सेवा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव के तहत लोगों को ऐसा करने के लिए सरकारी कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी और इसकी जगह सरकार द्वारा अधिकृत व्यक्ति ख़ुद ही आवेदक के घर जाएगा और उसके दस्तावेज़ एकत्र करेगा तथा बायोमीट्रिक रिकॉर्ड लेगा.’
उपराज्यपाल ने प्रस्ताव लौटाने के अपने फैसले का बचाव किया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रस्ताव को ख़ारिज नहीं किया गया है. उनके कार्यालय ने कहा है कि प्रस्ताव में महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा संबंधी जटिलताएं हैं.
LG rejects proposal of doorstep delivery of 40 govt services like caste-birth-address certificates, licences, social welfare schemes, pensions, registrations..etc
LG sends it back for reconsideration. LG says digitalization of services enough. No need for doorstep delivery. 1/N
— Manish Sisodia (@msisodia) December 26, 2017
इसने यह भी कहा कि प्रस्ताव में भ्रष्टाचार की संभावना, ख़राब व्यवहार, निजता के उल्लंघन दस्तावेज़ों के गुम होने संबंधी जटिलताएं भी हैं और इससे सरकार तथा लोगों के लिए अनावश्यक ख़र्च बढ़ेगा.
एक ट्वीट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उपराज्यपाल के इस कदम पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, ‘एलजी ने कहा है कि सेवाओं का डिजिटलीकरण करना पर्याप्त है. चुनी हुई सरकार ने कहा है कि डिजिटलीकरण के साथ द्वार पर जन सेवाएं पहुंचाने की भी ज़रूरत है. लेकिन उपराज्यपाल राज़ी नहीं हुए. इसलिए सवाल है कि लोकतंत्र में ऐसी स्थितियों पर निर्णायक फैसला किसे लेना चाहिए- उपराज्यपाल या चुनी हुई सरकार?’
LG says digitisation enough.
Elected govt says digitisation needs to be coupled wid doorstep delivery
LG does not agree
So, the question is – in a democracy, in such a situation, who shud have final say – LG or elected govt?? https://t.co/o1iNid6sxa
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 27, 2017
तकरीबन एक महीने पहले अरविंद केजरीवाल ने इस योजना की घोषणा की थी. इस योजना को जन सहयोगी पहल के रूप में देखा गया था. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने इसे विश्व में अपनी तरह की पहली योजना होने का दावा किया था.
योजना के तहत एक एजेंसी बनाए जाने की तैयारी है, जो ज़रूरी दस्तावेजों की काग़ज़ी कार्रवाई के लिए घरों तक जाती ताकि सरकारी कार्यालयों में लंबी लाइनों में लगने की लोगों को ज़रूरत नहीं पड़ती.
बता दें कि साल 2015 में जब से अरविंद केजरीवाल की सरकार आई है तब से सरकार और उपराज्यपाल के बीच खींचतान जारी है. आम आदमी पार्टी सरकार पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग और उनके बाद पद संभालने वाले अनिल बैजल पर शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाती रही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)