दक्षिणी दिल्ली में रेस्टोरेंटों के बाहर डिस्प्ले पर नहीं लगा सकेंगे नॉन-वेज खाना

सदन में पेश किए गए प्रस्ताव के अनुसार खाने के दूषित होने की संभावना के साथ मांसाहारी खाना देखने से शाकाहारी लोगों की भावनाएं आहत होती हैं. कांग्रेस पार्षद ने प्रस्ताव को निजी ज़िंदगी में दख़ल बताया.

(फोटो: प्रशांत वर्मा/द वायर)

सदन में पेश किए गए प्रस्ताव के अनुसार खाने के दूषित होने की संभावना के साथ मांसाहारी खाना देखने से शाकाहारी लोगों की भावनाएं आहत होती हैं. कांग्रेस पार्षद ने प्रस्ताव को निजी ज़िंदगी में दख़ल बताया.

(फोटो: प्रशांत वर्मा/द वायर)
(प्रतीकात्मक फोटो: प्रशांत वर्मा/द वायर)

नयी दिल्ली: मांसाहार के शौकीन लोगों को लुभाने के लिए दक्षिण दिल्ली के भोजनालयों के बाहर मांसाहारी व्यंजनों के प्रदर्शन पर शीघ्र ही रोक लग सकती है क्योंकि नगर निगम ने इन खाद्य पदार्थों के खुले पर प्रदर्शन पर रोक का प्रस्ताव पेश किया है.

सदन की नेता शिखा राय ने बताया कि यह प्रस्ताव भाजपा शासित दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) में पेश किया है जिसे मंजूर किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि साफ-सफाई और मीट देखने से शाकाहारी लोगों की संवेदना पर पड़ने वाले असर को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है.

हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के अनुसार यह प्रस्ताव पार्षद राज दत्त द्वारा लाया गया, जिसका सदन में यह कहते हुए समर्थन किया गया कि खुले में खाद्य पदार्थों के डिस्प्ले से उसके ख़राब होने का खतरा तो है, साथ ही शाकाहारी लोगों की भावनाएं भी आहत होती हैं.

इस प्रस्ताव में कहा गया है, ‘अगर कोई भी रेस्टोरेंट सार्वजनिक तौर पर नॉन-वेज खाने की चीजें डिस्प्ले पर लगते हैं, तो उनके म्युनिसिपल कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.’

शिखा राय का कहना है, ‘ऐसा देखा गया है कि दुकानों पर बाहर लगाये गये मांसाहारी खाने से कुत्ते आदि जानवर आकर्षित होते हैं, जिससे साफ-सफाई प्रभावित होती है.’

नगर निगम अधिकारी के अनुसार 3 जनवरी को सदन की अगली बैठक के बाद इस पर आखिरी फैसला लिया जायेगा. हालांकि इस अधिकारी ने यह साफ किया कि दुकानदारों द्वारा अपनी दुकान के परिसर के अंदर डिस्प्ले से कोई परेशानी नहीं है.

यह प्रस्ताव कच्चे और पकाए गए दोनों ही तरह के मीट के मामले में लागू होता है. कांग्रेस ने इस कदम की तीखी आलोचना की जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने नपी-तुली प्रतिक्रिया जाहिर की है.

कांग्रेस के पार्षद और एसडीएमसी के सदन में पार्टी के नेता अभिषेक दत्ता ने इस कदम को लोगों की निजी जिंदगी में दखल करार दिया. दूसरी ओर, ग्रेटर कैलाश के विधायक और आप के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि प्रस्ताव पर चर्चा करनी चाहिए . उन्होंने कहा, ‘आप के पार्षद इस मामले पर अपनी राय रखेंगे’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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