तीन बैठकों के बाद भी बीएसएफ जवान पाकिस्तानी रेंजर्स की हिरासत में, परिवार चिंतित

40 वर्षीय बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को बुधवार को पंजाब के फिरोज़पुर में भूलवश अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने पर पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में लिया है. 48 घंटे के भीतर तीन फ्लैग मीटिंग्स के बावजूद जवान की रिहाई नहीं हो सकी है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर/बीएसएफ)

नई दिल्ली: बीएसएफ के महानिदेशक (डीजी) दलजीत चौधरी ने शुक्रवार (25 अप्रैल) को केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन को उस जवान के बारे में जानकारी दी, जिसे पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया है. 48 घंटे के भीतर तीन फ्लैग मीटिंग्स के बावजूद जवान की रिहाई नहीं हो सकी है. 

पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के ऋषड़ा के रहने वाले 40 वर्षीय पूर्णम कुमार शॉ को बुधवार को पंजाब के फिरोजपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने पकड़ लिया. बताया गया कि शॉ किसानों की सुरक्षा में तैनात थे, जो बाड़ के दूसरी तरफ भारतीय क्षेत्र में फसल काट रहे थे. ऐसे इलाकों में काम करने वाले किसानों के साथ बीएसएफ के ‘किसान गार्ड’ तैनात रहते हैं.

घटना के समय शॉ वर्दी में थे और उनके पास सर्विस राइफल भी थी. बताया गया है कि वह आराम करने के लिए छांव ढूंढते हुए अनजाने में पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश कर गए. 

यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए हैं. आतंकियों के इस हमले में 26 लोगों की जान गई है. 

शॉ की रिहाई में देरी से उनका परिवार गहरी चिंता में है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, शॉ के पिता भोलानाथ शॉ ने कहा, ‘वह पिछले 17 वर्षों से देश की सेवा कर रहे हैं, अब हमें बताया गया है कि वह पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में हैं. मैं जानना चाहता हूं कि मेरा बेटा सुरक्षित है या नहीं, और वह कब लौटेगा.’ 

शॉ की पत्नी रजनी ने आरोप लगाया कि उन्हें बीएसएफ की ओर से नहीं, बल्कि जवान के एक साथी से इस बारे में जानकारी मिली. उन्होंने बताया, ‘मैंने आखिरी बार मंगलवार को उनसे बात की थी. बुधवार रात 8 बजे के आसपास उनके एक मित्र का फोन आया और उन्होंने बताया कि ड्यूटी के दौरान पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया है.’ 

पूर्णम शॉ को हाल ही में पंजाब के ममदोट सेक्टर में बीएसएफ की 24वीं बटालियन में तैनात किया गया था.

उनके चचेरे भाई राजेश्वर पांडेय ने बताया, ‘जिस व्यक्ति ने हमें सूचना दी, उसने कहा कि पूर्णम की तबीयत ठीक नहीं थी, इसलिए वह एक पेड़ के नीचे बैठकर सुस्ताने लगे, इसी दौरान पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया. हमने बीएसएफ अधिकारियों से संपर्क किया, उन्होंने भरोसा दिलाया कि जवान को वापस लाने की पूरी कोशिश हो रही है.’ 

शॉ के भतीजे राहुल शॉ ने सवाल उठाया कि क्या वाकई वह गलती से सीमा पार कर सकते है. उन्होंने कहा, ‘वह 17 साल से बीएसएफ में हैं. क्या यह भरोसे लायक है कि वह यूं ही सीमा पार कर लेंगे? पहलगाम हमले के बाद हम उनकी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं.’ 

परिवार ने पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार दोनों से अपील की है कि पूर्णम शॉ की जल्द से जल्द रिहाई सुनिश्चित की जाए.