नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में कर्रेगुट्टा पहाड़ियों पर नक्सलियों के खिलाफ़ अभियान में बुधवार (7 मई) को सुरक्षा बलों ने कम से कम 15 माओवादियों को मारने का दावा किया है.
बीजापुर और तेलंगाना की सीमा से लगे पुजारी कांकेर क्षेत्र की कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में बीते 21 अप्रैल से सुरक्षाबलों का अभियान जारी है. इससे पहले सुरक्षा बलों ने मंगलवार (6 मई) तक चार कथित महिला माओवादियों को मारने का दावा किया था.
कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में जारी इस अभियान को नक्सलवाद के खिलाफ सबसे बड़े अभियानों में से एक माना जा रहा है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस सूत्रों ने बताया कि बुधवार को अब तक 15 से 18 माओवादियों के मारे जाने की खबर है. ऐसा अंदेशा है कि यह संख्या बढ़ सकती है.
सूत्र के अनुसार, ऑपरेशन छत्तीसगढ़ के एडीजी (नक्सल ऑपरेशन) विवेकानंद सिन्हा, सीआरपीएफ आईजी राकेश अग्रवाल व बस्तर आईजी पी. सुंदरराज अभियान पर निरंतर नजर बनाये हुए हैं हैं.
बस्तर क्षेत्र के शायद सबसे बड़े नक्सलवाद-विरोधी अभियान, ऑपरेशन संकल्प, में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), राज्य पुलिस की सभी इकाइयों, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और इसकी विशिष्ट इकाई कोबरा सहित विभिन्न इकाइयों के लगभग 24,000 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने कहा, ‘कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और कई चुनौतियों के बावजूद सुरक्षा बल वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ इस निर्णायक अभियान को पूरी प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ा रहे हैं. कई ठिकाने और बंकर नष्ट कर दिए गए हैं.’
उन्होंने कहा, ‘नक्सली ठिकानों और बंकरों से हजारों किलोग्राम विस्फोटक सामग्री, राशन सामग्री, दवाइयां, दैनिक उपयोग की वस्तुएं और डेटोनेटर बरामद किए गए.’
यह अभियान माओवादियों के सबसे मजबूत सैन्य संगठन पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के बटालियन संख्या 1 के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और माओवादियों की तेलंगाना राज्य समिति की मौजूदगी के बारे में मिली सूचना के आधार पर 21 अप्रैल को शुरू किया गया था.
इससे पहले बताया गया था कि मोर्चे पर तैनात सुरक्षाबल के करीब 40 जवान गर्मी की वजह से डिहाइड्रेशन के शिकार हो गए थे. उपचार के लिए उन्हें तेलंगाना के अस्पताल में ले जाया गया था. आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आने से एक जवान को मामूली चोटें आई थीं.
ज्ञात हो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का पूरी तरह से खात्मा कर दिया जाएगा.
पीआईबी की प्रेस रिलीज के अनुसार, साल 2025 के मार्च महीने तक 90 नक्सलियों को मुठभेड़ों में मार दिया गया है, जबकि 104 को गिरफ्तार किया गया और 164 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. वर्ष 2024 में कुल 290 नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने में मार गिराया, 1,090 को गिरफ्तार किया गया और 881 नक्सलियों ने समर्पण कर दिया.
वहीं, दूसरी ओर माओवादी पार्टी ने सरकार से शांति वार्ता का प्रस्ताव रखा है. बीते 2 अप्रैल को माओवादियों ने सरकार के समक्ष शांति वार्ता का एक प्रस्ताव रखा था. नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय ने एक बयान में कहा था कि अगर सरकार नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियानों को रोक देती है, तो वे बिना शर्त शांति वार्ता के लिए तैयार हैं.
इस बयान में प्रवक्ता अभय ने कहा था, ‘हम जनता के हित में केंद्र और राज्य सरकार के सामने शांति वार्ता का प्रस्ताव रख रहे हैं. इसके लिए हमारी मांग है कि छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र (गढ़चिरौली), ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में ऑपरेशन के नाम पर हत्याएं और नरसंहार बंद हों. नए सशस्त्र बलों के कैंप की स्थापना रोकी जाए.’
