ईरान के दूसरे बड़े शहर मशहद में बीते गुरुवार को चरमराती अर्थव्यवस्था, महंगाई और बेरोज़गारी को लेकर प्रदर्शन शुरू हुए, जो कई शहरों तक फैल गए.
तेहरान: ईरान के विभिन्न शहरों में पिछले कई दिनों से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान ताज़ा हिंसा में 21 लोग मारे गए जबकि सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अल खामनेई ने देश में हाल की अशांति के लिए देश के दुश्मनों को ज़िम्मेदार ठहराया. इस इस्लामिक राष्ट्र के समक्ष हाल के दिनों में सामने आयी यह सबसे बड़ी चुनौती है.
सरकारी टीवी पर प्रसारित बयान में अयातुल्लाह अल खामनेई ने कहा, ‘दुश्मन एकजुट हो गए हैं और रुपये, हथियार, नीतियां और सुरक्षा सेवाओं समेत सभी तरीके अपना रहे हैं जिससे इस्लामिक राष्ट्र में समस्या खड़ी की जा सके.’
ईरानी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब में बनाए गए ऑनलाइन अकाउंटों से प्रदर्शनों को भड़काया जा रहा है.
सरकारी टेलीविजन ने मंगलवार को बताया कि मध्य प्रांत इस्फहान के काहदेरीजान शहर में एक पुलिस थाने पर हुए हमले के बाद हिंसा भड़क उठी जिसमें छह प्रदर्शनकारी मारे गए.
इस्फहान शहर के समीप रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के एक सदस्य और वहां से गुज़र रहे एक व्यक्ति के भी मारे जाने की ख़बर है. सरकारी टेलीविजन ने पहले ही नज़फ़ाबाद में एक पुलिसकर्मी की मौत की पुष्टि की थी.
टीवी चैनल ने कहा कि दूसरे बड़े शहर मसहद से शुरू हुई हिंसा में पांच दिन की अशांति के दौरान तकरीबन 21 लोगों के मारे जाने की ख़बर है और वर्ष 2009 में जन प्रदर्शनों के बाद से इसे इस्लामिक सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताया.
खामनेई ने कहा, ‘दुश्मन हमेशा अवसर की तलाश में रहता है और ईरानी राष्ट्र में घुसपैठ और वहां हमला करने के लिये मौके ताड़ता रहता है.’
यह विरोध नेतृत्वहीन है और प्रांतीय शहरों और कस्बों में केंद्रित है, तेहरान में बीती शाम छोटे और छिटपुट प्रदर्शनों की खबरें आईं. यहां बीती शाम पुलिस का भारी बंदोबस्त देखने को मिला.
हिंसा के बढ़ने के साथ ही अधिकारियों ने गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ा दी है. शनिवार से तेहरान में कम से कम 450 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इसके साथ ही इस्फहान शहर में सोमवार को 100 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया.
ईरान ने बीते रविवार को इंस्टाग्राम और लोकप्रिय मैसेजिंग एप्प टेलीग्राम को बंद कर दिया.
रिवोल्यूशनरी गार्ड के एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें सीधे हस्तक्षेप करने का अनुरोध नहीं किया गया है लेकिन वे जनता से अनुरोध करते हैं कि देशद्रोही तत्वों के बारे में जानकारी दें.
सरकारी टेलीविजन पर गार्ड्स की स्थानीय शाखा के एक उप कमांडर इस्माइल कोवसारी ने कहा, ‘हम तेहरान में किसी भी तरीके की असुरक्षा को बरक़रार रखने की इजाज़त नहीं दे सकते. अगर यह जारी रहता है तो अधिकारी इसे ख़त्म करने के बारे में फैसला लेंगे.’
ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली शम्खानी ने इस अशांति को वर्ष 2009 के प्रदर्शनों के बाद से सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए इसे ईरान के लोगों के ख़िलाफ़ छद्म युद्ध बताया.
उन्होंने स्थानीय मीडिया से कहा, ‘ईरान में स्थिति के बारे में हैशटैग और संदेश अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब से आए.’
राष्ट्रपति हसन रूहानी ने इस प्रदर्शनों को तवज्जो नहीं दी है.
रूहानी ने राष्ट्रपति कार्यालय की वेबसाइट पर एक बयान में कहा, ‘यह कुछ नहीं है. हमारा देश उन कुछेक लोगों से निपटेगा जो क़ानून और लोगों की आकांक्षाओं के ख़िलाफ़ नारे लगाते हैं और आंदोलन की पवित्रता तथा मूल्यों का अपमान करते हैं.’
राष्ट्रपति हसन रूहानी ने माना कि इस्लामिक रिपब्लिक की चरमराती अर्थव्यवस्था को लेकर लोगों में गुस्सा है लेकिन साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि कानून तोड़ने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने से सरकार हिचकिचाएगी नहीं.
ईरान के खुफिया मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि उकसाने वाले लोगों की पहचान कर ली गई है और उनसे सख़्ती से निपटा जाएगा.
ईरान के मशहद शहर में गत गुरुवार को चरमराती अर्थव्यवस्था, महंगाई और बेरोज़गारी को लेकर प्रदर्शन शुरू हुए जो कई शहरों तक फैल गए.
रूहानी अर्थव्यवस्था में सुधार लाने और सामाजिक तनाव कम करने के वादे के साथ वर्ष 2013 में सत्ता में आए थे लेकिन महंगाई और बेरोज़गारी ने लोगों के बीच असंतोष पैदा कर दिया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)