यह निर्णय सभी प्रदेश के सरकारी पत्रों में कुंभ का लोगो छापे जाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद किया गया है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सिनेमाघरों में जल्द ही फिल्म शुरू होने से पहले सुनाए जाने वाले राष्ट्रगान के बाद कुंभ मेले का नया प्रतीक चिह्न (लोगो) भी अनिवार्य रूप से दिखाया जाएगा.
प्रदेश के पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने बुधवार को बताया कि प्रदेश के सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के बाद कुंभ मेले का लोगो भी प्रदर्शित करना होगा. इसे जल्द ही अमल में लाया जाएगा. ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि लोग इस धार्मिक आयोजन के उद्देश्य और महत्व को जान सकें.
उन्होंने बताया कि नए लोगो में स्वास्तिक चिह्न बना हुआ है और साधुओं का एक समूह पवित्र संगम में स्नान करता हुआ दिख रहा है.
यह निर्णय सभी सरकारी पत्रों में कुंभ का लोगो छापे जाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद किया गया है. कुंभ मेले को हाल में यूनेस्को की विश्व धरोहरों की फेहरिस्त में शामिल किया गया था. यह मेला जनवरी 2019 में आयोजित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विशाल धार्मिक कार्यक्रम की पुख़्ता तैयारियां करने के आदेश पहले ही जारी कर दिए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीते एक जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित विभागों की कुंभ मेले की तैयारियां समय से करने का निर्देश दिया है. पिछली बार कुंभ मेला साल 2013 में आयोजित हुआ था, जिसमें तकरीबन 10 करोड़ लोग शामिल हुए थे.
योगी सरकार का अनुमान है कि इस बार 12 करोड़ लोगों कुंभ मेले में शामिल होने के लिए इलाहाबाद आएंगे. योगी सरकार ने हाल ही में कुंभ मेले के नाम भी बदलाव किया है. ‘अर्द्धकुंभ’ का नाम बदलकर ‘कुंभ’ और ‘कुंभ’ का नाम बदल ‘महाकुंभ’ करते हुए प्रदेश सरकार ने बीते 22 दिसंबर को प्रयागराज मेला प्राधिकरण विधेयक पास किया है.
रिपोर्ट के अनुसार, योगी आदित्यनाथ की सरकार में पहली बार अगले साल जनवरी माह में होने जा रहे कुंभ मेले के लिए तकरीबन 2500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. एक अधिकारी ने बताया कि 2013 में कुंभ मेले पर 950 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए थे. उन्होंने बताया कि इस बारे कुंभ मेले के बजट में ढाई गुना की बढ़ोतरी की गई है. सरकार इस बारे में पूरी तरह से स्पष्ट है कि इस विश्वस्तरीय आयोजन में पैसों की कमी आड़े नहीं आएगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)