गुजरात की भाजपा सरकार में कलह: मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मत्स्य पालन मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी को बेहतर विभाग देने का आश्वासन दिया. विधायक जेठा भारवाड़ ने ख़ुद को मंत्री बनाए जाने की मांग का किया खंडन.
अहमदाबाद: गुजरात के मत्स्य पालन मंत्री एवं कोली नेता पुरुषोत्तम सोलंकी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने उन्हें अगले कैबिनेट विस्तार में बेहतर विभाग आवंटित करने का आश्वासन दिया है.
एक संबंधित घटनाक्रम में एक अन्य भाजपा विधायक जेठा भारवाड़ के समर्थकों ने मांग की कि उन्हें राज्य सरकार में मंत्री बनाया जाना चाहिए.
हालांकि बाद में विधायक ने स्पष्ट किया कि उन्होंने ऐसी कोई मांग नहीं की है. इससे पहले विभाग आवंटन से नाराज़ सोलंकी बुधवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए थे.
सोलंकी के समर्थकों ने उनके भाई एवं पूर्व विधायक हीरा सोलंकी के नेतृत्व में बुधवार रात गांधीनगर में मंत्री के आवास पर एकत्र होकर मांग की थी कि उनके नेता को अच्छे विभाग दिए जाने चाहिए.
हालांकि सोलंकी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि न्याय किया जाएगा.
सोलंकी ने कहा, ‘मेरे आवास पर कोली समुदाय के लोगों के एकत्र होने के बाद मुख्यमंत्री ने बुधवार को मुझे बुलाया था. बैठक के दौरान रूपाणी ने आश्वासन दिया कि जब डेढ़ महीने बाद अगला कैबिनेट विस्तार किया जाएगा तो मुझे बेहतर विभाग दिया जाएगा, यह विधानसभा सत्र के बाद होगा.’
उन्होंने कहा, ‘यद्यपि किसी विशिष्ट विभाग के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई, बैठक बहुत सकारात्मक रही क्योंकि मुख्यमंत्री ने आासन दिया कि मेरे साथ न्याय किया जाएगा.’
उन्होंने अपने साथ मजबूती से खड़े होने के लिए कोली समुदाय का भी धन्यवाद व्यक्त किया. भाजपा नेता ने कहा, ‘कोली हमेशा पार्टी के साथ रहे हैं और हम मिलकर पार्टी के लिए काम करेंगे.’
नाराज कोली नेता पुरुषोत्तम सोलंकी ने बुधवार को कहा था कि उनके समुदाय को लगता है कि उन्हें कुछ और विभाग दिए जाने चाहिए. उन्होंने दावा किया था कि पांच बार से विधायक होने के बावजूद पार्टी नेतृत्व ने उनकी अनदेखी की, जबकि कई कनिष्ठों को अच्छे विभाग दिए गए हैं.
कोली समुदाय के प्रभावी नेता को मत्स्य पालन राज्य मंत्री बनाया गया है. रूपाणी के नेतृत्व वाली पूर्व सरकार में भी उनके पास यही विभाग था. दो जनवरी को कार्यभार संभालने के बाद सोलंकी ने ख़ुद को एकमात्र विभाग मिलने पर खुलेआम नाराज़गी व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री के पास 12 विभाग हैं तथा अन्य मंत्रियों के पास भी कई-कई विभाग हैं.
इस बीच, पांच बार विधायक रहे जेठा भारवाड़ के समर्थकों ने बुधवार को मांग की कि उनके नेता को राज्य सरकार में मंत्री बनाया जाना चाहिए. मुद्दे पर अपना रुख़ स्पष्ट करते हुए पंचमहल ज़िले की स्नेहरा सीट से विधायक भारवाड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने पार्टी से कभी कुछ नहीं मांगा.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं कभी नाखुश नहीं था और मैंने कोई मांग नहीं की. बुधवार को मुझे पता चला कि मेरे समर्थक नाराज़ हैं क्योंकि मुझे मंत्री नहीं बनाया गया है. मैंने उन्हें तुरंत कहा कि ऐसी अनुशासनहीनता न करें.’
भारवाड़ ने कहा, ‘मैं विधायक रहकर खुश हूं. मेरी प्रवृत्ति ऐसी मांगें करने की नहीं है.’
बता दें कि इससे पहले गुजरात में नई भाजपा सरकार में मंत्रालय आवंटन से नाराज़ मत्स्य पालन मंत्री एवं कोली नेता पुरुषोत्तम सोलंकी ने बीती तीन जनवरी को कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए.
पुरुषोत्तम सोलंकी ने ख़ुद को दिए गए विभाग को लेकर नाराज़गी जताई थी और बेहतर विभागों की मांग की थी.
उन्होंने कहा था, ‘मेरा कोली समुदाय चाहता है कि उसे गुजरात कैबिनेट में बेहतर प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल में कोली समुदाय से वह एकमात्र मंत्री हैं.’
सोलंकी ने कहा था, ‘2019 के लोकसभा चुनाव नज़दीक हैं. इससे पहले कोली समुदाय को तय करना होगा कि किसका समर्थन किया जाए.’
इससे पहले गुजरात में सरकार गठन के तुरंत पर मंत्रालयों के आवंटन को लेकर उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल नाराज़ हो गए और पद भार ग्रहण करने से मना कर दिया था.
गुजरात में भाजपा सरकार के गठन के बाद बीते 28 दिसंबर को विभागों के बंटवारे में नितिन पटेल को सड़क एवं भवन और स्वास्थ्य विभाग दिए गए थे.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इन दो विभागों के अलावा चिकित्सा शिक्षा, नर्मदा, कल्पसार और राजधानी परियोजना का प्रभार भी पटेल को दिया गया है. प्रभावशाली पाटीदार समुदाय से आने वाले उप मुख्यमंत्री ने अब तक इन विभागों का प्रभार नहीं संभाला है.
गौरतलब है कि गुजरात की पूर्ववर्ती आनंदी बेन पटेल सरकार में उनके पास वित्त विभाग था, जिसे इस बार मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सौरभ पटेल को सौप दिया था. बताया जा रहा है कि इसी वजह से उप मुख्यमंत्री ने नाराज़ होकर कार्यभार संभालने से मना कर दिया था.
बाद में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के आश्वासन के बाद नितिन पटेल मान गए. उन्हें फिर से वित्त मंत्रालय दे दिया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)