केंद्र की मोदी सरकार पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में बंगालियों के नाम हटाकर उन्हें असम से बाहर करने की साज़िश रचने का आरोप पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लगाया है.
कोलकाता/गुवाहाटी/अहमदपुर (पश्चिम बंगाल): असम पुलिस ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से संबंधित टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की.
उनके ख़िलाफ़ ऐसी कई शिकायतें मिली थीं कि उन्होंने पूर्वोत्तर के इस राज्य में एनआरसी को अद्यतन किए जाने को लेकर कथित तौर पर भड़काऊ बयान दिया.
ममता ने बीते बुधवार को पश्चिम बंगाल के अहमदपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार पर एनआरसी के पहले मसौदे में बंगालियों के नाम हटाकर उन्हें असम से बाहर करने की साज़िश रचने का आरोप लगाया.
दरअसल असम में अवैध प्रवास पर रोक लगाने के लिए मूल निवासियों की पहचान के वास्ते उच्चतम न्यायालय की निगरानी में 1951 के एनआरसी को अद्यतन बनाया जा रहा है. एनआरसी का पहला मसौदा 31 दिसंबर की रात को प्रकाशित हुआ.
ममता बनर्जी ने कहा था, ‘लोग असम में काम करने गए हैं. एनआरसी के नाम पर वे उन्हें खदेड़ रहे हैं. मैं केंद्र की भाजपा सरकार को आग से नहीं खेलने की चेतावनी देती हूं. उसे बांटो और राज करो की नीति पर नहीं चलना चाहिए.’
उन्होंने कहा था, ‘मैं केंद्र की भाजपा सरकार को आग से नहीं खेलने की चेतावनी देती हूं… यह करीब 1.80 करोड़ लोगों को राज्य से खदेड़ने की केंद्र सरकार की साज़िश है. अन्य राज्यों के लोग रोज़ी रोटी के लिए जाते हैं जो उनका हक़ है तथा धीरे-धीरे वे वहां बस जाते हैं जैसे कि अन्य राज्यों के लोग पश्चिम बंगाल में रह रहे हैं और ठहरे हुए हैं.’
ममता बनर्जी ने कहा था, ‘हम लोगों के पक्ष में आवाज़ उठाते रहेंगे और यदि उन्हें कुछ हुआ तो हम चुप नहीं रहेंगे. यदि असम में समस्या खड़ी होती है तो उसका बंगाल पर असर होगा लेकिन हम बंगाल में रह रहे असमी लोगों को हृदय से लगाकर रखेंगे.’
गुवाहाटी पुलिस के उपायुक्त मध्य रंजन भूइयां ने बताया, ‘लतासिल थाने को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के एक कथित भाषण के संदर्भ में शिकायत मिली है. हमने शिकायत दर्ज कर ली है ओर नियमों के अनुरूप जांच करेंगे.
उन्होंने बताया कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय के अधिवक्ता तैलेंद्र नाथ दास ने शिकायत की और पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 ए के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है. यह धारा धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, निवास और भाषा के नाम पर लोगों के बीच शत्रुता पैदा करने और सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश से संबंधित है.
दास ने ममता पर उच्चतम न्यायालय की अवमानना का भी आरोप लगाया है क्योंकि एनआरसी का काम उच्चतम न्यायालय की प्रत्यक्ष निगरानी में हो रहा है. पुलिस ने बताया कि एक अन्य व्यक्ति ने इसी तरह की शिकायत की है और प्राथमिकी के साथ इसे जोड़ दिया जाएगा.
ममता के बयान की निंदा करते हुए कई समूहों ने बृहस्पतिवार को असम में प्रदर्शन किए. तिनसुकिया और विश्वनाथ सहित कई स्थानों पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पुतले भी जलाए गए.
इस बीच पश्चिम बंगाल भाजपा ने भी ममता के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए एक बिना महत्व की बात को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही हैं.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व पर पश्चिम बंगाल को जिहादियों की पनाहगाह बनाने का भी आरोप लगाया. राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने बृहस्पतिवार कहा कि उनके आरोप पूरी तरह आधारहीन हैं.
ममता के ख़िलाफ़ उच्चतम न्यायालय में शिकायत दर्ज कराएं एनआरसी अधिकारी: भाजपा
भाजपा ने असम में एनआरसी से जुड़े अधिकारियों से बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ख़िलाफ़ उनके इस आरोप पर उच्चतम न्यायालय से शिकायत करने की अपील की कि केंद्र इस पूर्वोत्तर राज्य से बंगालियों को खदेड़ने के लिए साज़िश रच रहा है.
असम के भाजपा प्रमुख रंजीत कुमार दास ने दावा किया कि ममता बनर्जी ने बंगाली भाषियों को तृणमूल कांग्रेस की ओर आकर्षित करने के लिए यह टिप्पणी की है क्योंकि पश्चिम बंगाल में भाजपा अपना पैर मज़बूत कर रही है.
उन्होंने गुवाहाटी में हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम एनआरसी अधिकारियों से उच्चतम न्यायालय की अवमानना का मामला दर्ज करने की अपील करते हैं.’
दास ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी को एनआरसी के कामकाज की कोई समझ नहीं है और वह विभिन्न धर्मों और भाषाओं के बीच सौहार्द्रपूर्ण संबंधों को ख़राब करना चाहती हैं.
उन्होंने दावा किया, ‘यह राजनीतिक लाभ के लिए साज़िश है. उन्होंने भावनात्मक बयान दिया है क्योंकि तृणमूल कांग्रेस कमज़ोर हो रही है. उन्हें मालूम है कि अन्य राज्यों की भांति पश्चिम बंगाल में भी भाजपा सत्ता में आने जा रही है.’
जब उनसे पूछा गया कि क्या भाजपा बनर्जी के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करेगी तो उन्होंने कहा, ‘हमने असम के मुख्यमंत्री को इसके बारे में बता दिया है.
बुधवार को बनर्जी ने एक सभा में केंद्र पर एनआरसी के पहले मसौदे से असम में बंगालियों के नाम हटाने का आरोप लगाया था.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)