चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की क़ैद

विशेष सीबीआई अदालत ने क़ैद के साथ 10 लाख रुपये का ज़ुर्माना भी लगाया.

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Ranchi: Bihar's former chief minister Lalu Yadav being produced at the special CBI court to receive his quantum of sentence in a fodder scam case, in Ranchi on Wednesday. PTI Photo(PTI1_3_2018_000043B)

विशेष सीबीआई अदालत ने क़ैद के साथ 10 लाख रुपये का ज़ुर्माना भी लगाया.

Ranchi: Bihar's former chief minister Lalu Yadav being produced at the special CBI court to receive his quantum of sentence in a fodder scam case, in Ranchi on Wednesday. PTI Photo(PTI1_3_2018_000043B)
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव तीन जनवरी को सुनवाई के लिए कोर्ट जाते हुए. (फोटो: पीटीआई)

रांची: रांची की एक सीबीआई अदालत ने नौ सौ पचास करोड़ रुपये के चारा घोटाला में देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख जुर्माने की शनिवार को सजा सुनाई.

अदालत ने लालू के दो पूर्व सहयोगियों लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा को सात वर्ष की कैद एवं बीस लाख रुपये के जुर्माने एवं बिहार के पूर्व मंत्री आरके राणा को साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख जुर्माने की सजा सुनाई.

फैसला आने के बाद लालू के पुत्र और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पटना में कहा कि हम लालू प्रसाद की दोषसिद्धि के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और अदालत के फैसले का अध्ययन करने के बाद अपील दायर करेंगे.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, आरके राणा, जगदीश शर्मा एवं तीन वरिष्ठ पूर्व आईएएस अधिकारियों समेत 16 अभियुक्तों की सजा पर विशेष सीबीआई अदालत का फैसला शनिवार शाम साढ़े चार बजे आया. अदालत ने सजा की घोषणा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की और सभी अभियुक्तों को
बिरसामुंडा जेल में ही वीडियो लिंक से अदालत के सामने पेश कर सजा सुनाई गई.

इससे पूर्व दिन में दो बजे सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव एवं राजद के दूसरे नेता आरके राणा एवं अन्य सभी आरोपियों की पेशी सजा सुनने के लिए जेल से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करने के निर्देश दिए थे. अपने आदेश के लिए अदालत ने शाम चार बजे का समय निर्धारित किया था.

अदालत ने सजा के बिंदु पर शुक्रवार को लालू के वकीलों की बहस सुनी जिसमें उन्होंने बार बार उनकी लगभग सार वर्ष की उम्र होने और बीमार होने की दुहाई दी थी. अदालत ने एक-एक कर बाद में अन्य शेष सात अभियुक्तों की भी सजा के बिंदु पर उनकी उपस्थिति में बहस सुनी थी.

फैसला आने के बाद लालू प्रसाद यादव के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया, ‘भाजपा का सीधा नियम है कि मेरे साथ आओ नहीं तो हम तुम्हें छोड़ेंगे नहीं. इसमें शामिल होने की बजाय मैं खुद को सामाजिक न्याय, सौहार्द और बराबरी के लिए खुशी से मरना पसंद करूंगा.’

एक अन्य ट्वीट में लालू यादव ने बिहार की जनता को संबोधित एक पत्र के साथ लिखा है, ‘आप सबों के नाम ये पत्र लिख रहा हूं और याद कर रहा हूं अन्याय और ग़ैर बराबरी के खिलाफ.’ इस पत्र में लालू यादव ने जनता को याद दिलाया है कि कैसे दलित और पिछड़े लोगों का सर उठाकर चलना अपराध था और संघर्ष के चलते कैसे स्थिति बदल गई. यह लंबा पत्र दो पेज का है.

अदालत के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा, ‘हमें पूरा विश्वास है कि लालू यादव को जमानत मिल जाएगी. हमें न्याय व्यवस्था में पूरा भरोसा है. हम झुकने वाले नहीं हैं.’

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने कहा, ‘न्यायापालिका अपना कर्तव्य निभाती है. हम सजा के फैसले का अध्ययन करके हाईकोर्ट जाएंगे और जमानत के लिए अपील करेंगे.’

तेजस्वी यादव ने कहा, ‘जो लोग ऐसा माहौल बना रहे हैं कि लालू यादव डर जाएंगे, वे अब देखेंगे कि अब वे न तो डरेंगे और न ही झुकेंगे और न ही अपनी विचारधारा से डिगेंगे.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)