मोदी सरकार के कार्यकाल में किसान आत्महत्या दर में 45 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा: कांग्रेस

कांग्रेस बोली, पिछले 3 सालों में 38 हज़ार किसानों ने आत्महत्या की है. 35 किसान हर दिन आत्महत्या कर रहे हैं. सरकार ने किसानों की जगह अमीरों का क़र्ज़ माफ़ किया.

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फोटो: पीटीआई

कांग्रेस बोली, पिछले 3 सालों में 38 हज़ार किसानों ने आत्महत्या की है. 35 किसान हर दिन आत्महत्या कर रहे हैं. सरकार ने किसानों की जगह अमीरों का क़र्ज़ माफ़ किया.

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नई दिल्ली: कांग्रेस ने देश में किसानों की आत्महत्या की घटनाओं में लगातार वृद्धि पर चिंता जताते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा ने किसानों को लागत का डेढ़ गुना दिलाने का वादा पूरा नहीं किया तथा किसानों के ऋण माफ करने के स्थान पर उद्योगपतियों के करोड़ों रुपये का ऋण माफ कर दिया गया.

कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि 2014 के आम चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी के पर लागत के आधे के बराबर मूल्य दिलाने का वादा किया था.

कृषि वृद्धि दर घटकर 1.9 प्रतिशत पर

उन्होंने कहा कि आज जिन जिन राज्यों में भाजपा की सरकार वहां किसानों की हालत देख लीजिए. मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड एवं उत्तर प्रदेश में किसानों की स्थिति देख लीजिए. कहीं उन पर गोलियां चलाई जाती हैं, तो कहीं उनके कपड़े उतार कर उनको पीटने का काम करते हैं.

सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हाल में हमने देखा कि किस तरह से किसान मजबूर होकर अपनी आलू की फसलें सरकारी भवनों पर, विधानसभा के बाहर फेंक रहे हैं. उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के शासनकाल में कृषि क्षेत्र की औसत वृद्धि दर चार प्रतिशत थी. अक्टूबर 2017 में आई सीएसओ की रिपोर्ट के अनुसार कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 1.9 प्रतिशत रह गई.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चुनावी भाषणों में कहा था कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के पर उस फसल की लागत के 50 प्रतिशत के बराबर का भाव दिया जाएगा. यह वादा भाजपा के घोषणा पत्र में भी किया गया था किंतु आज एमएसपी कहीं 10 रुपये बढ़ाया जा रहा है और कहीं 20 रुपये.

बड़े उद्योगपतियों का 1 लाख 30 हजार करोड़ माफ़

कांग्रेस नेता ने कहा कि 2019 के चुनाव समीप आने के बाद भाजपा सरकार कह रही हैं कि हम किसानों की आय को 2022 तक दो गुना कर देंगे. उन्होंने कहा कि खेती की लागत बढ़ती जा रही है और सरकार डीजल के दाम कम नहीं कर रही है.

उन्होंने कहा, इन साढ़े तीन सालों में सिर्फ पेट्रोल और डीजल के कर पर 9 लाख करोड़ से ज्यादा फायदा सरकारों को हुआ है. ये पैसा क्यों नहीं किसानों को दिया जाता है आम आदमी को क्यों नहीं दिया जाता है.

उन्होंने संप्रग सरकार के शासनकाल में ग्रामीण आय में 17.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी जबकि इस बार यह वृद्धि महज 6.6 प्रतिशत रही. उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसानों का ऋण माफ करने का वादा किया था किंतु उत्तर प्रदेश में यह ऋण कैसे माफ हुआ, सभी ने देखा.

उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने 77 हजार करोड़ रुपये का कृषि ऋण माफ किया था. सिंह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों की लड़ाई हमेशा लड़ी है. उन्होंने कहा, लोन माफ करने की बात छोड़िए, किसानों का एक रुपया केंद्र सरकार ने माफ नहीं किया. परंतु 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का ऋण बड़े उद्योगपतियों का माफ करने का काम किया है.

35 किसान हर दिन आत्महत्या कर रहे हैं

उन्होंने कहा कि बहुत दर्दनाक आंकड़े हैं कि पिछले 3 सालों में 38 हजार किसानों ने आत्महत्या की है. 35 किसान रोजाना आत्महत्या कर रहे हैं. इस सरकार के कार्यकाल में किसानों की आत्महत्या की घटनाओं में 45 फीसदी का इजाफा हुआ है.

केंद्र सरकार द्वारा एकल ब्रांड खुदरा के क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दिए जाने संबंधी एक प्रश्न के उत्तर में सिंह ने कहा कि भाजपा का एक चेहरा विपक्ष में रहने पर होता है और सरकार में आने पर उसका चेहरा बदल जाता है. पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने भाषण का वीडियो भी दिखाया जिसमें वह खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के तत्कालीन संप्रग सरकार का विरोध कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को मंजूरी देते समय यह शर्त रखी थी कि 30 प्रतिशत कच्चा माल भारत से ही खरीदना होगा. किंतु वर्तमान सरकार ने ऐसा कोई प्रावधान नहीं रखा है.

पाकिस्तान सीमा पर संघर्षविराम संबंधी एक अन्य प्रश्न पर सिंह ने कहा कि वह आंकड़ों में नहीं जाते किंतु देश के कितने सैनिक हर रोज शहीद हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि रोजाना पाकिस्तान से हमला होता है. हम साढ़े तीन साल में क्या जवाब दे पाए. हमारे सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला होता है. आईएसआई जो हमारे देश को बर्बाद करने पर तुली है, उसको इस सरकार ने जांच करने के लिए देश में बुलाया.