चार अस्थायी महिला शिक्षकों के अलावा 100 से ज़्यादा अस्थायी शिक्षकों ने अपना सिर का मुंडन करवाकर मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया.
भोपाल: मध्य प्रदेश के नियमित शिक्षकों के समान दर्जा देने, शिक्षा विभाग में शामिल किए जाने और कुछ दूसरी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहीं चार अस्थायी महिला शिक्षकों ने शनिवार को राजधानी भोपाल में अपना सिर मुंडवा लिया.
आज़ाद अध्यापक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष शिवराज वर्मा ने कहा कि प्रदेश भर से बड़ी संख्या में आए अस्थायी अध्यापकों ने यहां भेल क्षेत्र के जम्बूरी मैदान में अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, चार अस्थायी महिला शिक्षकों के अलावा 100 से ज़्यादा अस्थायी शिक्षकों ने अपना सिर का मुंडन करवाकर राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया.
जिन चार महिला शिक्षकों ने अपने सिर मुंडवाएं हैं, उनमें आज़ाद अध्यापक संघ की प्रांताध्यक्ष शिल्पी सिवान, रायसेन की रेणु सागर, आलीराजपुर की सीमा क्षीरसागर और जबलपुर की अर्चना शर्मा शामिल हैं.
शिक्षा विभाग में संविलयन करना, सातवां वेतन आयोग लागू करना, बंधन मुक्त तबादला नीति, अनुकंपा नियुक्ति, चाइल्ड केयर लीव, इन अस्थायी शिक्षकों की प्रमुख मांगें हैं.
#MadhyaPradesh: Teachers shaved their heads as a part of their 'Adhyapak Adhikar Yatra' protest where they are demanding equal pay for equal work, a proper transfer policy among other demands in Bhopal. pic.twitter.com/tRq3mwr0N0
— ANI (@ANI) January 13, 2018
शिवराज वर्मा ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि हम किस विभाग से संबंधित हैं. शिक्षा विभाग का कहना है कि हम स्थानीय निकायों के कर्मचारी हैं, जबकि स्थानीय निकाय का कहना है कि हम शिक्षा विभाग के कर्मचारी हैं. प्रदेश के 2.88 लाख अस्थायी अध्यापक पिछले कई सालों से एक दर से दूसरे दर भटक रहे हैं.’
वर्मा ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार की अस्थायी अध्यापकों के प्रति नीति के विरोध में प्रदेशभर से आए अस्थायी अध्यापकों ने यहां प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा, ‘हम इन महिला शिक्षकों के केश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह को देना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने हमें मुख्यमंत्री निवास के पास जाने की अनुमति नहीं दी.’
उन्होंने कहा, ‘हमारी मुख्य मांग है कि हमारी सेवाएं शिक्षा विभाग के तहत कर हमारा संविलयन शिक्षा विभाग में किया जाए और प्रदेश के अन्य नियमित कर्मचारियों के समान हमें सुविधाएं दी जाएं.’
अस्थायी शिक्षकों के प्रदर्शन के दौरान शनिवार को दो अध्यापकों की तबीयत भी खराब हो गयी, जिन्हें तुरंत इलाज के लिये अस्पताल ले जाया गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)