केरल: हिरासत में भाई की मौत की सीबीआई जांच के लिए 765 दिन से धरने पर बैठा है युवक

तकरीबन दो साल के धरने के बाद कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि युवक से मिलने पहुंचे और केंद्र से की दख़ल की मांग.

तिरुवनंतपुरम स्थित केरल राज्य सचिवालय में धरने पर बैठे श्रीजीत. (फोटो साभार: फेसबुक/ANGO)

तकरीबन दो साल के धरने के बाद कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि युवक से मिलने पहुंचे और केंद्र से की दख़ल की मांग.

तिरुवनंतपुरम स्थित केरल राज्य सचिवालय में धरने पर बैठे श्रीजीत. (फोटो साभार: फेसबुक/ANGO)
तिरुवनंतपुरम स्थित केरल राज्य सचिवालय में धरने पर बैठे श्रीजीत. (फोटो साभार: फेसबुक/ANGO)

तिरुवनंतपुरम: भाई के न्यायिक हिरासत में कथित तौर पर मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर करीब तीन साल से तिरुवंनतपुरम स्थित राज्य सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे युवक की समर्थन में युवाओं के साथ विभिन्न दलों के नेता भी आ गए हैं.

सोशल मीडिया पर केरल के इस लड़के की कहानी वायरल होने के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शनिवार को नज़दीकी परस्सला के 29 वर्षीय निवासी श्रीजीत से मिलने तिरुवनंतपुरम स्थित प्रशासनिक केंद्र गए.

श्रीजीत यहां अपने छोटे भाई श्रीजीव के लिए न्याय की मांग को लेकर पिछले 765 दिनों से ज़्यादा समय से धरने पर बैठे हुए हैं. द न्यूज़ मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, तिरुवनंतपुरम के कुलाथूर के रहने वाले 25 वर्षीय श्रीजीव को मोबाइल फोन चोरी के सिलसिले में परासला पुलिस ने 19 मई 2014 को हिरासत में लिया था. दो दिन के बाद यहां सरकारी मेडिकल कॉलेज में उनकी मौत हो गई थी.

पुलिस ने दावा किया था कि श्रीजीव ने ज़हर खा लिया था जबकि उनके भाई श्रीजीत का दृढ़ विश्वास है कि पुलिस ने हिरासत में श्रीजीव को मार डाला.

एनडीटीवी से बातचीत में श्रीजीत ने बताया, ‘राज्य सरकार पहले सीबीआई जांच की मांग के लिए राज़ी हो गई थी. अब वह कह रही है कि मामले की दोबारा जांच एक विशेष पुलिस दल करेगा. सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह मुझे न्याय दिलवाए. पुलिस हिरासत में प्रताड़ना के बाद मेरे भाई की मौत हो गई थी.’

श्रीजीत ने अपना धरना साल 2015 से शुरू किया और इस दौरान वह कई चरणों में भूख हड़ताल पर भी रहे. वह एक बार फिर भूख हड़ताल पर हैं, जिसे अब 30 दिन से ज़्यादा का समय हो चुका है. भूख हड़ताल के दौरान श्रीजीत सिर्फ पानी पीते हैं.

द न्यूज़ मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2016 में पुलिस शिकायत प्राधिकरण ने पाया कि मामले में पुलिस की ओर से किया जा रहा दावा ग़लत है. प्राधिकरण ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि श्रीजीव की मौत पुलिस हिरासत के दौरान प्रताड़ना की वजह से हुई.

रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार ने मृतक के परिवार को बतौर मुआवज़ा 10 लाख रुपये दिए है. सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया. जांच डीजीपी की निगरानी में होनी थी लेकिन अभी इसका कोई नतीजा नहीं निकल सका है.

श्रीजीत के धरने को तकरीबन दो साल हो गए हैं और अब जाकर राजनीतिक दलों की नज़र उन पर पड़ी है. बीते शनिवार को कांग्रेस और भाजपा ने केंद्र और राज्य सरकारों से इस मामले में तत्काल दख़ल देने की मांग की है.

श्रीजीत से मुलाकात के बाद विपक्षी नेता रमेश चेन्नितला ने मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को पत्र लिख कर युवक के बिगड़ते स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए हस्तक्षेप करने की मांग की है.

उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि वह केंद्र सरकार से श्रीजीत के भाई की मौत को लेकर सीबीआई से जांच कराने की अनुरोध करें.

राज्यसभा सांसद और केरल में राजग के उपाध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कर सीबीआई जांच के आदेश देने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)