व्यापमं मामले में पूर्व मंत्री, ओएसडी और 93 अन्य के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दायर

सीबीआई ने पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, व्यापमं के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक और प्रधान सिस्टम एनालिस्ट पंकज त्रिवेदी को आरोपी बनाया है.

(फोटो: पीटीआई)

सीबीआई ने पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, व्यापमं के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक और प्रधान सिस्टम एनालिस्ट पंकज त्रिवेदी को आरोपी बनाया है.

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(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सीबीआई ने मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के ज़रिये 2011 में संविदा शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं के मामले में मंगलवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके ओएसडी और 93 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दायर किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

अधिकारियों के मुताबिक भोपाल की एक विशेष अदालत में दाख़िल आरोप पत्र में शर्मा और उनके तत्कालीन ओएसडी ओपी शुक्ला के अलावा व्यापमं के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, व्यापमं में तत्कालीन प्रधान सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा, दो अन्य अधिकारियों, छह बिचौलियों और 83 अभ्यर्थियों के नाम हैं.

सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा कि उक्त सभी पर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, जालसाज़ी, आईटी कानून के उल्लंघन और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत एजेंसी ने मामले दर्ज किए हैं.

सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर 2015 में मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी.

उन्होंने कहा कि जांच के दौरान एजेंसी ने प्रधान सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा के कंप्यूटरों और ओएमआर उत्तर-पुस्तिकाओं का भी निरीक्षण किया जिनसे पता चला कि संविदा शिक्षकों की भर्ती परीक्षा के माध्यम से चयन के लिए 84 अभ्यर्थियों के अंक कथित तौर पर बढ़ाए गए.

सीबीआई के अनुसार एक लाभार्थी उम्मीदवार फ़रार है और उसके ख़िलाफ़ जांच लंबित होने की वजह से आरोप पत्र में उसका नाम नहीं है.

एजेंसी का आरोप है कि इनमें से कुछ अभ्यर्थियों को शर्मा के कहने पर फायदा पहुंचाया गया. शर्मा ने त्रिवेदी को इन अभ्यर्थियों का परिणाम बदलने के लिए इनके रोल नंबर दिए थे.

सीबीआई ने आरोप लगाया कि लक्ष्मीकांत शर्मा, ओपी शुक्ला और पंकज त्रिवेदी रोल नंबर और फॉर्म नंबर आदि का ब्योरा एकत्रित करने में सीधे तौर पर शामिल थे.

एजेंसी का आरोप है कि परिणाम तैयार होने के बाद नितिन महिंद्रा ने परिणाम वाली फाइल से इन 84 अभ्यर्थियों के अंक हटा दिए और उसकी जगह बढ़े हुए अंक अंकित कर दिए जिससे ये उम्मीदवार चयनित हो जाएं.

सीबीआई को पता चला कि महिंद्रा परीक्षा के दौरान इन अभ्यर्थियों द्वारा जमा की गई ओएमआर उत्तर-पुस्तिकाओं में बदलाव नहीं कर सका.

एजेंसी को ओएमआर शीट का निरीक्षण करते हुए परिणाम में बदलाव की बात पता चली. ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं से पता चला कि अभ्यर्थियों ने परीक्षा में जो अंक प्राप्त किए थे, वे व्यापमं के माध्यम से घोषित अंतिम परिणामों की तुलना में कम थे.

सीबीआई ने यह आरोप भी लगाया कि शर्मा ने त्रिवेदी की नियुक्ति परीक्षा नियंत्रक के तौर पर कराई जबकि पद के लिए चुने गए तीन उम्मीदवारों में उनका नाम नहीं था.

एजेंसी का आरोप है कि तत्कालीन मंत्री शर्मा ने व्यापमं के परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति की उचित प्रक्रिया का कथित तौर पर उल्लंघन किया.

इसके एवज़ में त्रिवेदी ने शर्मा के बताए कुछ अभ्यर्थियों का अवैध तरीके से चयन कराया.

सीबीआई ने घोटाले के सिलसिले में 154 नियमित मामले दर्ज किए हैं और 90 से अधिक मामलों में अंतिम रिपोर्ट दाख़िल की है.