कासगंज सांप्रदायिक हिंसा: 80 लोग गिरफ़्तार, दुकानदारों से दुकानें खोलने की अपील

हिंसा के तीसरे तीन भी तनाव बरक़रार. धारा 144 लागू. इं​टरनेट रविवार रात तक के लिए प्रतिबंधित. हिंसा के तीसरे दिन उपद्रवियों ने गुमटी जलाई.

Kasganj: A bus set on fire by a group of people who went on a rampage after the cremation of a young man killed on Friday during the Tiranga bike rally, in Kasganj on Saturday. PTI Photo (PTI1_27_2018_000204B) *** Local Caption ***

हिंसा के तीसरे तीन भी तनाव बरक़रार. धारा 144 लागू. इंटरनेट रविवार रात तक के लिए प्रतिबंधित. हिंसा के तीसरे दिन उपद्रवियों ने गुमटी जलाई. 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा के दौरान दो समुदायों की हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.

Kasganj: A bus set on fire by a group of people who went on a rampage after the cremation of a young man killed on Friday during the Tiranga bike rally, in Kasganj on Saturday. PTI Photo (PTI1_27_2018_000204B) *** Local Caption ***
उत्तर प्रदेश के कासगंज शहर में हिंसा के दौरान शनिवार को निजी वाहनों में आग लगा दी गई. (फोटो: पीटीआई)

कासगंज: गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में दो समुदायों के बीच हिंसा के बाद इलाके में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है. हालात सुधारने के उपायों पर चर्चा के लिए रविवार को शांति समिति की बैठक हुई.

अलीगढ़ ज़ोन के पुलिस महानिरीक्षक संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि हालात को पटरी पर लाने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि रविवार को शहर के नदरई गेट इलाके के बाकनेर पुल के पास एक गुमटी में आग लगा दी गई. नामज़द आरोपियों के घरों पर दबिश दी जा रही है.

पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि हिंसा में शामिल लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (रासुका) की तामील की जाएगी. अब तक 80 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. घर-घर में तलाशी ली जा रही है. कुछ जगहों से विस्फोटक तत्व बरामद हुए हैं.

इस बीच, हालात के मद्देनज़र कासगंज में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई.

आगरा ज़ोन के अपर पुलिस महानिदेशक अजय आनंद ने बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में दावा कि शहर में डर का माहौल नहीं है. पुलिस ने वारदात पर रोक लगाई है और घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. ऐसे लोगों को गिरफ़्तार किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि शांति समिति की बैठक में शहर के गणमान्य लोग शामिल थे और बैठक में तय किया गया कि सभी दुकानदार अपनी-अपनी दुकानें खोलेंगे.

आगरा के मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने कहा कि बैठक के दौरान सभी पक्षों ने अपना-अपना नज़रिया पेश किया और मौजूदा हालात को लेकर अपनी चिंता ज़ाहिर की. प्रशासन ने उनकी हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है. बैठक में शामिल लोगों से अपने-अपने इलाकों में निगरानी रखने को कहा गया है.

शर्मा ने कहा कि दुकानदारों से कहा गया है कि वे अपने-अपने प्रतिष्ठान खोलें. प्रशासन सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. दुकानें खुलेंगी तो हालात धीरे-धीरे सामान्य हो जाएंगे. ज़िला प्रशासन वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों को चिह्नित कर रहा है और उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होगी.

इस बीच, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कासगंज में हुई घटना को दुखद बताते हुए इसकी निंदा की. उन्होंने कहा कि जो लोग भी इसके लिए दोषी हैं, उनमें से एक भी व्यक्ति नहीं बख्शा जाएगा.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ख़ुद हालात की समीक्षा की है. अपराधी चाहे जितना बड़ा या प्रभावशाली हो, उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी. कुछ लोग लूटपाट कराने और आपसी मतभेद कराने कोशिश कर रहे हैं. दंगे करने वालों के साथ-साथ फ़साद की साज़िश करने वाले भी दंडित होंगे.

मालूम हो कि गणतंत्र दिवस पर विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा कासगंज के बड्डूनगर में मोटरसाइकिल रैली निकाले जाने के दौरान दोनों पक्षों के बीच पथराव और गोलीबारी हुई थी, जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी और एक दो जख़्मी हो गया था.

आगरा ज़ोन के अपर पुलिस महानिदेशक, अलीगढ़ के मंडलायुक्त, अलीगढ़ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक लगातार मौके पर हैं.

दैनिक जागरण से बातचीत में उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया, ‘शहर के उपद्रवियों पर ड्रोन कैमरों से नज़र रखी जा रही है. हिंसा फैलाने वाले उपद्रवियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (रासूका) के तहत कार्रवाई की जाएगी.’

दैनिक जागरण की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा में जान गंवाने वाले युवक चंदन गुप्ता की हत्या का आरोपी शकील फ़रार है. रविवार सुबह पुलिस ने उसके घर में तलाशी के दौरान पिस्टल बरामद की है. इसके बाद ही उसके घर से देसी बम भी मिला है.

शनिवार को कासगंज का घटनाक्रम

इससे पहले शनिवार को भी आगज़नी और तोड़फोड़ की घटनाएं जारी रहीं. शनिवार को उपद्रवियों ने तीन दुकानों, दो निजी बसों और एक कार को आग के हवाले कर दिया.

एहतियात के तौर पर प्रशासन ने 28 जनवरी रात दस बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं ताकि सोशल मीडिया के ज़रिये फैलने वाली अफवाहों को रोका जा सके.

अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा से बातचीत में कहा कि शनिवार को तीन दुकानों में तोड़फोड़ की गई है. उनके शटर के नीचे पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई. दो निजी बसों में भी पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी गई है. एक खाली पड़े मकान को असामाजिक तत्वों ने आग के हवाले कर दिया. शनिवार शाम को उपद्रवियों ने एक खाली खड़ी कार में भी आग लगा दी.

उन्होंने दावा किया कि शनिवार को हिंसा नहीं हुई. हिंसक घटना केवल शुक्रवार रात को ही हुई थी. शुक्रवार को कुछ असामाजिक तत्वों ने एक मस्जिद के गेट को तोड़ने का प्रयास किया लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके क्योंकि पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया .

इस बीच ज़िलाधिकारी आरपी सिंह ने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं 28 जनवरी रात दस बजे तक बंद कर दी गई हैं.

प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने बीते शनिवार को बताया कि शुक्रवार को हिंसा के बाद दो मामले दर्ज किए गए थे. दो मामलों में नौ गिरफ्तारियां की गईं. चालीस और लोगों को एहतियातन गिरफ्तार किया गया. आगरा ज़ोन के अपर पुलिस महानिदेशक, अलीगढ़ के मंडलायुक्त, अलीगढ़ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक शुक्रवार से ही मौके पर हैं. पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी डीके ठाकुर को लखनऊ से मौके पर भेजा गया है.

कुमार ने बताया कि पीएसी की पांच कंपनियां और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की एक कंपनी शुक्रवार को ही कासगंज पहुंच गई है. ज़ोन से अतिरिक्त सिविल पुलिस अधिकारी एवं अन्य पुलिसकर्मी भी पहुंच गए हैं. आरएएफ की एक और कंपनी मौके पर भेज दी गई है.

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उन्होंने बताया कि शुक्रवार की हिंसा में मारे गए लड़के की शनिवार सुबह शांतिपूर्ण अंत्येष्टि के बाद कुछ उपद्रवियों ने शांति भंग करने का प्रयास किया लेकिन उनसे सख़्ती से निपटा गया. शहर के बाहरी हिस्सों में आगज़नी के छिटपुट प्रयास हुए. दोपहर डेढ़ बजे के बाद कहीं कोई आगजनी नहीं हुई. कड़ी निगरानी की जा रही है. जिला प्रशासन को निर्देश है कि वह कड़ाई से पेश आए और किसी को क़ानून हाथ में लेने की अनुमति ना दे. ज़िलाधिकारी ने धारा 144 लागू कर दी है. स्थिति नियंत्रण में है.

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि निषेधाज्ञा लागू है. उन्होंने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि कर्फ्यू उठाया गया है या नहीं.

अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) ने कहा कि कुल 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ सकती है.

उधर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘शुक्रवार को हिंसा के दौरान फायरिंग में अभिषेक गुप्ता उर्फ चंदन एवं नौशाद गोली लगने से घायल हो गए. घायल चंदन को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गई. नौशाद को गंभीर अवस्था में अलीगढ़ उपचार हेतु भेजा गया.’

समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा के मुताबिक, कासगंज हिंसा में अकरम नाम का शख़्स भी घायल हो गया था. दोनों घायलों का इलाज फिलहाल अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में चल रहा है.

अस्पताल प्रशासन के मुताबिक नौशाद को पैर में गोली लगी थी. उसकी हालत ख़तरे से बाहर है. दूसरे घायल युवक का नाम अकरम है. उसके सिर में चोट लगी है. उपद्रवियों ने शुक्रवार रात उसकी कार राजमार्ग पर रोककर उस पर हमला किया था. अकरम का ऑपरेशन किया जा रहा है.

आरएएफ और पीएसी के जवान लगातार चौकसी कर रहे हैं. ज़िले की सीमाएं सील कर दी गई हैं ताकि शांति भंग करने का प्रयास करने वालों को शहर में प्रवेश से रोका जा सके.

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए शनिवार को कहा कि इसके पीछे जिन लोगों का हाथ है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.

उधर, उत्तर प्रदेश सरकार पर कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने शनिवार को कहा कि प्रदेश सरकार को असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि इससे अन्य ऐसे तत्वों को सबक मिल सके. राज्य सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए. दोषियों को कड़ा दंड दिया जाना चाहिए.

इस घटनाक्रम पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वीरेंद्र मदान ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार को गंभीरता दिखाते हुए स्थिति पर जल्द नियंत्रण करना चाहिए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)