गृह मंत्री ने लोकसभा में बजट सत्र के दौरान कहा, ‘मैं सैफ़ुल्लाह के पिता के प्रति सरकार की तरफ से सहानुभूति व्यक्त करता हूं… बेटे की देशद्रोही हरकतों के कारण उन्हें उसे खोना पड़ा.’
देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को बजट सत्र के दूसरे चरण में बोलते हुए लखनऊ में हुए एनकाउंटर में मारे गए कथित आतंकी सैफ़ुल्लाह के पिता मोहम्मद सरताज के प्रति सहानुभूति ज़ाहिर की. सदन में पूरी घटना की जानकारी देते हुए गृह मंत्री ने मोहम्मद सरताज द्वारा दिए गए बयान का ज़िक्र करते हुए कहा, ‘मैं सैफ़ुल्लाह के पिता के प्रति सरकार की तरफ से सहानुभूति व्यक्त करता हूं और मैं समझता हूं कि पूरा सदन उनके प्रति सहानुभूति व्यक्त करेगा. उन्हें ऐसे बेटे की देशद्रोही हरकतों के कारण अपनी औलाद को खोना पड़ा. मैं यह भी कहना चाहूंगा कि मोहम्मद सरताज जैसे लोगों के ऊपर सरकार को भी नाज़ है और मैं समझता हूं कि पूरे सदन को भी नाज़ होगा. यह हम लोगों के लिए गौरव का विषय है.’ गृह मंत्री की इस बात पर सदन में बैठे लोकसभा सांसदों ने ताली बजाकर उनकी बात का समर्थन किया.
गौरतलब है कि सैफ़ुल्लाह के पिता ने उसका शव लेने से इनकार कर दिया था, साथ ही एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा, ‘जो देश का न हुआ, मेरा कैसे हो सकता है? उसने कोई सही काम तो नहीं किया. मुझे उसका मरा हुआ मुंह तक नहीं देखना है. मैंने पूरी जिदंगी मेहनत की और परिवार को पाला है, लेकिन सैफ़ुल्लाह ने मुझे शर्मिंदा कर दिया. हर किसी के लिए देश पहले है. वह देश का नहीं हो सका, इसलिए वह मेरा भी नहीं हो सकता है.’
"जो देश का न हो सका वह मेरा भी नहीं हो सकता"- धन्य हैं मो. सरताज जैसे पिता जिनके लिए देश बेटे से भी बढ़कर है. pic.twitter.com/MsNCVytUI7
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 9, 2017
कानपुर के जाजमऊ में रहने वाले मोहम्मद सरताज उन्नाव में चमड़े का काम करते हैं. मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘आतंकियों का कोई मज़हब नहीं होता. चाहे वो हिंदू हो या मुस्लिम. बचपन से उन पर नज़र रखें तो उन्हें ग़लत संगत से बचाया जा सकता है.’ गृह मंत्री के उनके बारे में दिए गए बयान पर उनका कहना था, ‘उन्होंने हम जैसे छोटे आदमी को याद किया, इसके लिए हम शुक्रगुज़ार हैं.’