केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर मृतक चंदन गुप्ता की जगह कोई मोहम्मद इस्माईल होता तो मीडिया में अलग बहस होती.
लखनऊ: हिंसा के पांचवें दिन मंगलवार को भी कासगंज में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. इलाके से अभी भी छिटपुट हिंसक घटनाएं होने की सूचना है. शहर में बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है. रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और पीएसी के जवान स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं. अफवाहें फैलाने वालों और उपद्रवियों को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है.
कासगंज की सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में संवाददाताओं के सवालों पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर मृतक चंदन गुप्ता की जगह कोई मोहम्मद इस्माईल होता तो मीडिया में अलग बहस होती. हमें इस मनोवृत्ति को बदलने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि कासगंज हिंसा सुनियोजित लगती है. योगी आदित्यनाथ सरकार इस तरह की घटनाओं में लिप्त किसी को नहीं बख्शेगी. वे आगे कहते हैं, ‘एक नौकरशाह ने भी ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे को लेकर कुछ टिप्पणी की है. मैं कहना चाहता हूं कि पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा क्यों ना लगाया जाए जबकि पाकिस्तान हमारे सैनिकों को मारता है और वह सीमा पार से आतंकवाद फैलाने में शामिल है.’
कासगंज प्रकरण के परिप्रेक्ष्य में फेसबुक टिप्पणी को लेकर विवादों के घेरे में आये बरेली के जिलाधिकारी कैप्टन राघवेन्द्र विक्रम सिंह का कहना है कि ऐसी घटनाओं से समस्याएं पैदा होती हैं और प्रदेश में विकास कार्य अवरुद्ध होते हैं. सिंह ने अपनी फेसबुक टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उसे अपने वाल से हटा लिया है.
उन्होंने कहा, ‘बिना प्रशासनिक अनुमति के अगर कोई ऐसा काम होता है तो कितनी बड़ी समस्याएं पैदा हो जाती हैं. इतना आक्रामक होना, पुलिस की अनुमति नहीं लेना, इससे परेशानियां पैदा होती हैं. इन्हीं तकलीफों का बयान मैंने फेसबुक पर दिया था.’ सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाओं से प्रदेश में विकास कार्य रूकता है.
उन्होंने फेसबुक पर अपनी पहली पोस्ट में लिखा था, ‘अजब रिवाज़ बन गया है. मुस्लिम मुहल्लों में जबरदस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ. क्यों भाई वे पाकिस्तानी हैं क्या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था. फिर पथराव हुआ. मुकदमे लिखे गए.’
सिंह ने यह फेसबुक टिप्पणी 28 जनवरी को की थी.
इस बीच भाजपा नेता विनय कटियार ने कहा कि कासगंज की घटना दु:खद है. लगता है कि पाकिस्तान परस्त लोग आ गये हैं जो राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, वे पाकिस्तान के झंडे को स्वीकार कर रहे हैं. पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाने वालों के खिलाफ सख्त होनी चाहिए. सरकार और सख्त कदम उठाये.’
उन्होंने कहा कि तिरंगा रैली के दौरान भड़की हिंसा में मारे गये चंदन की पाकिस्तान समर्थकों ने हत्या की है. खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि इस प्रकरण का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.
इस बीच ताजा घटनाक्रम में एक दुकानदार के स्टोर को सोमवार रात आग लगा दी गयी. दुकानदार ने कहा कि वह इलाके का अकेला मुस्लिम दुकानदार है और 20 साल से वहां रह रहा है लेकिन पहले कभी कोई दिक्कत नहीं आयी. वहीं राज्यपाल राम नाईक ने घटना पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि यह राज्य की छवि पर धब्बा है.
योगी सरकार ने जिले के पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह को कल हटा दिया. इस बीच सोशल मीडिया पर जिस राहुल उपाध्याय की मौत की खबर वायरल हो रही थी, उसका खंडन करते हुए खुद राहुल ने कहा कि वह हिंसा के समय कासगंज में नहीं था. उपाध्याय को अपने मित्र से इस अफवाह की सूचना मिली.
उधर पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों पर रासुका लगाया जाएगा. हिंसा में कथित भूमिका के लिए सौ से अधिक लोगों को अभी तक जेल भेजा जा चुका है.
जिला प्रशासन ने एक शांति समिति भी बनायी है. वह तनावग्रस्त इलाकों में घूम रही है और जनता से आग्रह कर रही है कि वह अफवाहों पर ध्यान ना दे. एक अधिकारी ने बताया कि कुछ जगहों पर छापेमारी में अवैध हथियार भी बरामद हुए हैं.
योगी ने कहा- सरकार राज्य के हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उनकी सरकार राज्य के हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और अराजकता फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार और अराजकता के लिए कोई स्थान नहीं है. भ्रष्टाचारियों और अराजकता फैलाने वालों से पूरी सख्ती से निपटा जाएगा.’
उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार विकास का लाभ समाज के हर व्यक्ति तक पहुंचाएगी.
इस बीच कासगंज में हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं. हिंसा की छिटपुट वारदात की खबर है. एक दुकानदार के स्टोर को सोमवार रात आग लगा दी गयी. शहर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. हिंसा में कथित भूमिका के लिए सौ से अधिक लोगों को जेल भेजा जा चुका है.