गुजरात सरकार ने प्रवीण तोगड़िया के ख़िलाफ़ 22 साल पुराने हत्या के प्रयास का मामला वापस लिया

1996 में प्रवीण तोगड़िया समेत 38 अन्य के ख़िलाफ़ दर्ज किए गए हत्या के प्रयास के मामले को वापस लेने की गुजरात सरकार की दरख़्वास्त अहमदाबाद की एक अदालत ने स्वीकार कर ली है.

Ahmedabad: VHP international working president Pravin Togadia during a press conference at Chandramani Hospital in Ahmedabad on Tuesday. PTI Photo by Santosh Hirlekar(PTI1_16_2018_000028B)
Ahmedabad: VHP international working president Pravin Togadia during a press conference at Chandramani Hospital in Ahmedabad on Tuesday. PTI Photo by Santosh Hirlekar(PTI1_16_2018_000028B)

1996 में प्रवीण तोगड़िया समेत 38 अन्य के ख़िलाफ़ दर्ज किए गए हत्या के प्रयास के मामले को वापस लेने की गुजरात सरकार की दरख़्वास्त अहमदाबाद की एक अदालत ने स्वीकार कर ली है.

Ahmedabad: VHP international working president Pravin Togadia during a press conference at Chandramani Hospital in Ahmedabad on Tuesday. PTI Photo by Santosh Hirlekar(PTI1_16_2018_000028B)
विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया. (फोटो: पीटीआई)

अहमदाबाद: अहमदाबाद की एक अदालत ने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के वरिष्ठ नेता प्रवीण तोगड़िया और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं समेत 39 लोगों के विरुद्ध 1996 में दर्ज किए गए हत्या के प्रयास के मामले को वापस लेने की गुजरात सरकार की दरख़्वास्त मंगलवार को मान ली.

यह मामला तत्कालीन भाजपा मंत्री आत्माराम पटेल पर हमले से जुड़ा है जो पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला के करीबी माने जाते थे.

वर्ष 1998 में केशुभाई पटेल की अगुवाई वाली तत्कालीन भाजपा सरकार ने सीआरपीसी की धारा 321 के तहत यह दरख़्वास्त लगाई थी. आरोपियों के विरुद्ध हत्या के प्रयास एवं अन्य आरोपों को लेकर प्राथमिकी दर्ज होने के दो साल बाद यह अर्ज़ी लगाई गई थी.

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिन मजिस्ट्रेट जेएम बारोट ने बीते मंगलवार को यह अर्ज़ी स्वीकार कर ली जिससे यह माना गया कि 22 साल पुराना यह मामला वापस ले लिया गया.

अदालत ने इस मामले में पेश नहीं होने पर इसी माह के पहले हफ्ते में आरोपियों के ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती वारंट जारी किया था. उसके पश्चात तोगड़िया एवं अन्य अदालत में पेश हुए और वारंट रद्द हुआ.

अदालत ने सरकार के आवेदन पर कोई आदेश नहीं जारी किया था, इसलिए वारंट जारी किए गए थे.

बीस मई, 1996 में यहां सरदार पटेल स्टेडियम में भाजपा के एक कार्यक्रम में आत्माराम पटेल और कई अन्य भाजपा नेताओं पर केशुभाई पटेल के समर्थकों ने हमला किया था.

वाघेला के करीबी समझे जाने वाले आत्माराम पटेल ने 1995 में गुजरात में आई पहली भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ बगावत किया था. भाजपा ने 1995 में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार समझे जाने वाले वाघेला के स्थान पर केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री बनाया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, तोगड़िया ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल और राज्य के गृहमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा का धन्यवाद किया है.

इंडियन एक्सप्रेस को भेजे गए एक एसएमएस में तोगड़िया ने कहा, ‘मेरे दोस्त विजयभाई, नितिनभाई और विजय सिंह ने एक पुराने राजनीतिक मुक़दमे का रद्द कर दिया, उसके लिए धन्यवाद.’

रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मोटा भाई (बड़ा भाई) बताते हुए उन्होंने कहा, ‘आशा है मोटा भाई (नरेंद्र मोदी) भी आसमान से नज़र थोड़ी ज़मीन पर करके हमारे जैसे पुराने मित्रों से संवाद का कष्ट करें, हम ज़मीन से जुड़े लाखों कार्यकर्ताओं से जुड़े हैं. साथ बैठकर संवाद विदेशों से करते हैं, देश में बैठे हम जैसे से भी कभी संवाद करें. समय का पहिया और ईश्वर के निर्णय, प्लांटेड मीडिया स्टोरी और मैनुफैक्चर्ड सर्वे पर नहीं होते. जिन सीढ़ियों से चढ़कर ऊपर गए. देशभक्ति, हिंदुत्व, कोई शो के इवेंट नहीं हैं.’

तोगड़िया ने अपने ख़िलाफ़ दर्ज एक अन्य मुक़दमा रद्द करने के लिए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का भी धन्यवाद दिया है. 15 साल पुराना यह मामला सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन से जुड़ा था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)