फाइनल में भारत ने आॅस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराया. भारतीय टीम की जीत को कोच राहुल द्रविड़ के उम्दा प्रशिक्षण और समर्पण की भी जीत माना जा रहा है.
माउंट माउंगानुइ (न्यूज़ीलैंड): भारत ने आॅस्ट्रेलिया को आठ विकेट से हराकर रिकॉर्ड चौथी बार अंडर 19 विश्व कप जीता और ‘गुरु’ राहुल द्रविड़ को उनके कोचिंग करिअर की सबसे बड़ी कामयाबी से नवाजा है.
भारतीय गेंदबाजों ने उम्दा प्रदर्शन करते हुए आॅस्ट्रेलिया को 216 रन पर आउट कर दिया. जवाब में भारत ने सिर्फ दो विकेट खोकर 38.5 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया. दिल्ली के मनजोत कालरा ने 102 गेंदों में नाबाद 101 रन बनाए, जबकि कप्तान पृथ्वी शॉ और टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले शुभमान गिल शनिवार को हुए फाइनल मुक़ाबले में जल्दी आउट हो गए.
भारत ने चौथा खिताब जीतकर आॅस्ट्रेलिया को पछाड़ा जिसके नाम तीन खिताब हैं. यह प्रदर्शन कोच द्रविड़ के लिए भी शानदार तोहफा रहा, जिन्हें आखिरकार विश्व कप ट्राफी अपने नाम करने का मौका मिला.
हर दो साल में आयोजित होने वाली अंडर 19 विश्व कप क्रिकेट प्रतियोगिता में पिछली बार भारतीय टीम उपविजेता रही थी. भारत ने छह साल पहले उन्मुक्त चंद की अगुवाई में यह खिताब जीता था. विराट कोहली ने साल 2008 और मोहम्मद कैफ ने साल 2000 में खिताबी जीत दिलाई थी.
इस बार भारत शुरू ही से प्रबल दावेदार माना जा रहा था और प्रदर्शन भी उसी तरह का रहा. दूसरी टीमों और भारत के प्रदर्शन में जमीन आसमान का अंतर था.
पूरे टूर्नामेंट के दौरान भारत अपराजित रहा. शॉ (29) और गिल (31) के विकेट जल्दी गंवाने के बाद हार्विक देसाई (नाबाद 47) और कालरा ने 86 रन की साझेदारी करके टीम को जीत तक पहुंचाया.
आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले मैच में 86 रन बनाने वाले कालरा ने एक बार फिर उम्दा पारी खेली. उन्होंने अपनी पारी में आठ चौके और तीन छक्के लगाए. जैसे ही देसाई ने विजयी चौका जड़ा, भारतीय खिलाड़ी मैदान पर उमड़ पड़े और दर्शक दीर्घा में चहुंओर तिरंगा लहराता दिखाई दिया.
इससे पहले जोनाथन मेरलो के 76 रन के बावजूद आॅस्ट्रेलियाई टीम भारतीय स्पिनरों शिवा सिंह और अनुकूल रॉय का सामना नहीं कर सकी और 216 रन पर आउट हो गई.
एक समय आॅस्ट्रेलिया के चार विकेट पर 183 रन थे और वह 250 रन की ओर बढ़ती नजर आ रही थी. इसके बाद भारतीय स्पिनरों ने ताबड़तोड़ विकेट लेकर उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया. जेसन संघा की टीम ने आखिरी छह विकेट 33 रन पर गंवा दिए.
आॅस्ट्रेलिया ने इससे पहले टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया लेकिन उसके बल्लेबाज अच्छी शुरुआत को बड़ी पारियों में नहीं बदल सके. मेरलो और परम उप्पल (34) ने चौथे विकेट के लिए 75 रन की साझेदारी की. इसके बाद मेरलो ने नाथन मैकस्वीनी (23) के साथ 49 रन जोड़े.
शिवा ने मैकस्वीनी का रिटर्न कैच लेकर आॅस्ट्रेलिया पर दबाव बना दिया. उस समय स्कोर पांच विकेट पर 183 रन था. इससे पहले रॉय ने उप्पल को रिटर्न कैच लेकर पवेलियन भेजा. भारतीय स्पिनरों ने बीच के ओवरों में रनगति पर अंकुश लगाए रखा.
सलामी बल्लेबाज जैक एडवर्ड्स (28) और मैक्स ब्रायंट (14) टिक नहीं सके. तेज गेंदबाज ईशान पोरेल ने दोनों बल्लेबाजों को उछाल लेती गेंद पर कवर में लपकवाया.
इस टूर्नामेंट की एक और खोज कमलेश नागरकोटी ने आॅस्ट्रेलियाई कप्तान संघा (13) समेत दो विकेट लिए. वहीं शिवम मावी को एक विकेट मिला.
कोच द्रविड़ को जीत का श्रेय
गौरतलब है कि विजेता भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ थे जिन्हें अपने समय में भारतीय बल्लेबाजी की दीवार कहा जाता था. लेकिन उनके लगभग डेढ़ दशक लंबे करिअर का यह दुर्भाग्य रहा कि वे कभी विश्ववजेता टीम का हिस्सा नहीं बन सके थे.
साल 2007 में जब भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका में टी 20 विश्व कप जीता, तब भी वे टीम का हिस्सा नहीं थे और न ही 2011 में धोनी की कप्तानी में भारत 28 साल बाद जब एकदिवसीय क्रिकेट का विश्वविजेता बना था, उस टीम में भी वे नहीं थे.
संन्यास के बाद वे लगातार देश के जूनियर क्रिकेटरों पर मेहनत कर रहे थे. यही कारण था कि उन्होंने राष्ट्रीय टीम के कोचिंग स्टाफ से जुड़ने के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया था. इसलिए भारतीय टीम की जीत को द्रविड़ के बलिदान, उम्दा प्रशिक्षण और समर्पण की भी जीत माना जा रहा है. यह बात क्रिकेट के कई पूर्व दिग्गजों ने भी स्वीकारी है.
इसकी बानगी है पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी और मशहूर कमेंटेटर रमीज़ रज़ा का वह बयान जो उन्होंने टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पाकिस्तान पर भारत की 203 रन की विशाल जीत के बाद दिया था.
उन्होंने कहा था, ‘भारतीय खिलाड़ियों द्वारा दिखाए जज़्बे से प्रभावित हूं. उनकी इस तैयारी और उन्हें निखारने के लिए राहुल द्रविड़ को पूरा श्रेय दिया जाना चाहिए.’
इसलिए इस जीत को भारतीय युवा खिलाड़ियों की सफलता के साथ-साथ द्रविड़ के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. साथ ही जीत का श्रेय उन्हें भी दिया जा रहा है.
वहीं जीत के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने विजेता टीम के खिलाड़ियों, कोच और सहायक स्टाफ को पुरस्कारों की घोषणा की है. टीम के हर सदस्य खिलाड़ी को 30 लाख और सहायक स्टाफ को 20 लाख रुपये की ईनामी राशि दी जाएगी. कोच द्रविड़ को 50 लाख के पुरस्कार से नवाजा जाएगा, जो उनके महत्व को समझाने पर्याप्त है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)