मलयालम कवि कुरीपुझा श्रीकुमार कोट्टुक्कल में हुए कार्यक्रम को संबोधित करके लौट रहे थे तभी आरएसएस कार्यकर्ताओं के एक समूह ने उन्हें कार में बैठने से रोका और कथित तौर पर धमकी दी. 15 लोगों के ख़िलाफ़ दर्ज किया गया है मामला.
कोल्लम: केरल के कोल्लम ज़िले में एक प्रमुख मलयालम कवि को कथित रूप से धमकी देने के मामले में मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के छह कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किए गए है.
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है.
पुलिस ने बताया कि यह घटना सोमवार को तिरुवनंतपुरम ज़िले के नेय्यात्तिंकारा तालुका के कोट्टूकल गांव में कोट्टुक्कल में तब हुई जब एक कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद मशहूर मलयालम कवि कुरीपुझा श्रीकुमार लौट रहे थे.
आरएसएस कार्यकर्ताओं के एक समूह ने उन्हें कार में बैठने से रोका और कथित रूप से धमकी दी.
62 वर्षीय श्रीकुमार ने अपने संबोधन में कोच्चि के समीप वदयमपाड़ी में जातिगत दीवार के निर्माण को लेकर उठे विवाद पर हिंदुत्व ताकतों के रुख़ पर उनकी आलोचना की थी.
कोल्लम के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) बी. अशोकन ने बताया कि कवि की शिकायत के बाद 15 आरएसएस कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है जिनमें छह गिरफ्तार किए गए हैं.
केरल विधानसभा में भी यह मुद्दा उठा. मुख्यमंत्री कार्यालय ने जांच का आदेश दिया है.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस मामले को लेकर एक फेसबुक पोस्ट के ज़रिये कड़ा विरोध दर्ज कराया है. साथ ही कलात्मक स्वतंत्रता के लिए सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.
इधर आरएसएस कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ केस दर्ज होने के बाद भाजपा की जिला इकाई के सदस्य एस. विजयन ने कडक्कल के एसआई से शिकायत दर्ज कराई है कि कवि श्रीकुमार का भाषण भड़काऊ था. कवि के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि श्रीकुमार ने अपने भाषण से सांप्रदायिक सद्भाव को नुक्सान पहुंचाने की कोशिश की है.
इस बीच साहित्य समुदाय के लोगों ने कवि कुरीपुझा श्रीकुमार के समर्थन में सामने आए हैं और सोशल मीडिया पर इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है. साहित्यकार केआर मीरा और के. सचिदानंदन ने आरएसएस कार्यकर्ताओं की धमकी के संबंध में अपना विरोध दर्ज कराया है. वहीं राज्य के कुछ हिस्सों में कवि को धमकाने के विरोध में शांति मार्च और सभा का आयोजन किया जा रहा है.
कुरीपुझा श्रीकुमार केरल के प्रख्यात मलयालम कवि हैं. कीझालन नाम की किताब के लिए उन्हें 2011 में केरल साहित्य अकादमी (कविता) सम्मान मिला था.
2003 में बच्चों पर साहित्य में योगदान के लिए श्री पद्मनाभास्वामी पुरस्कार दिया गया था, जिसे उन्होंने यह कहकर लेने से इंकार कर दिया कि पुरस्कार का नाम ईश्वर के नाम पर रखा गया है.
श्रीकुमार नास्तिकतावाद पर लिखते हैं और ख़ुद को नास्तिक बताते हैं. साल 1975 में उन्हें केरल विश्वविद्यालय से सर्वश्रेष्ठ कवि का सम्मान मिला था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)