मध्य प्रदेश के इटारसी में छात्र-छात्राओं द्वारा भाजपा को वोट न करने की शपथ लेने से शुरू हुआ सिलसिला पूरे राज्य में जारी है. प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से भाजपा को वोट न करने की शपथ लेने की ख़बरें आ रही हैं.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में विकास के बड़े-बड़े दावे करते थकते नहीं हैं. लेकिन उसी मध्य प्रदेश से ऐसी तस्वीरें भी सामने आ रही हैं, जहां प्रदेशवासी भाजपा को वोट न करने की शपथ ले रहे हैं.
पिछले दिनों इटारसी के विजयलक्ष्मी आईटीआई में छात्रों द्वारा भाजपा को वोट न करने की शपथ लेने से शुरू हुआ यह सिलसिला अनवरत जारी है. प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से भाजपा को वोट न करने की शपथ लेने की खबरें आ रही हैं. इसमें इटारसी, सिवनी, होशंगाबाद, मंडला, मुरैना, सागर, दमोह और बैतूल शामिल हैं.
सोमवार को बैतूल जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भाजपा को वोट न करने की शपथ ली है. तो वहीं दमोह जिले के कॉलेजों में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों ने भी भाजपा को वोट न करने की शपथ ली.
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, बैतूल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर शपथ में कहा…
हम सच्चे दिल से ईश्वर के नाम की शपथ लेते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश की शिवराज सरकार एक जनविरोधी व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, आशा, ऊषा कार्यकर्ताओं, रसोईया, स्कीम वर्कर्स, मेहनतकश महिलाओं की विरोधी सरकार है, जिसने बहुत लंबे-चौड़े, झूठे वादे कर सत्ता हथियाने का काम किया.
अब वह अपने वादे से पीछे हटकर हम महिलाओं का आर्थिक शोषण कर रही है. इस जनविरोधी सरकार के खिलाफ आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव में मैं व मेरे परिजन, रिश्तेदार, करीबी, परिचित, दोस्तों के साथ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ वोट करूंगी व अन्य लोगों से भी इस जन विरोधी भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ वोट करने के लिए कहूंगी, यह सच्चे दिल से ईश्वर के नाम की शपथ लेती हूं.
वहीं, दमोह जिले के तेंदूखेड़ा, जबरिया और हिंडोरिया क्षेत्र के विभिन्न अतिथि शिक्षकों ने अपने नियमितीकरण और लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक प्राध्यापक के लिए जारी विज्ञापन को निरस्त करने की मांग को लेकर शपथ ली कि यदि शिवराज सरकार उनकी मांगों पर विचार करके तत्काल कोई निर्णय नहीं लेती है तो सभी अतिथि विद्वान न केवल भाजपा सरकार का असहयोग करेंगे बल्कि आगामी चुनाव में वोट भी नहीं देंगे.
उन्होंने इस बात की भी शपथ ली कि वे भाजपा के कार्यकर्ताओं का भी सहयोग नहीं करेंगे और प्रतिदिन तीन-चार व्यक्तियों से व्यक्तिगत संपर्क करके भाजपा को वोट न देने के लिए प्रेरित करेंगे.
— Bhopal Samachar (@BhopalSamachar) February 1, 2018
इससे पहले गणतंत्र दिवस के दिन इटारसी के विजयलक्ष्मी आईआईटी के छात्रों ने ऑनलाइन परीक्षा समाप्ति को लेकर भाजपा को वोट न करने की सामूहिक शपथ ली थी. उसके बाद होशंगाबाद जिले की सिवनी-मालवा तहसील से भी किसानों द्वारा भाजपा को वोट न करने की शपथ लेने की बात सामने आई. किसान टेल क्षेत्र में नहर का पानी न पहुंचने से परेशान थे.
शपथ लेने की इसी कड़ी में पिछले हफ्ते होशंगाबाद जिले के सभी विभागों के संविदा कर्मचारियों का नाम भी शामिल हो गया. अपने नियमतीकरण और समान कार्य, समान वेतन की मांग में उन्होंने भी मांग न माने जाने की स्थिति में आगामी चुनावों में भाजपा को वोट न करने की शपथ ली.
इसके अतिरिक्त प्रदेश भर में विभिन्न सरकारी स्कूलों के अतिथि शिक्षकों ने भी भाजपा को वोट न देने की शपथ लेने का सिलसिला चला रखा है. उनकी कुछ मांगें हैं जिनकी अनदेखी सरकार द्वारा किए जाने को लेकर वे आक्रोशित हैं. जिसके तहत मंडला, मुरैना, सागर और दमोह के विभिन्न क्षेत्रों में अतिथि शिक्षकों ने भाजपा को वोट न करने की शपथ ली है.