कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू को दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस. स्मृति ईरानी ने कहा कि रेणुका अपने महिला होने को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रही हैं.
नई दिल्ली: बुधवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान रेणुका चौधरी की हंसी पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी ने विवाद का रूप अख्तियार कर लिया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू द्वारा फेसबुक पर शेयर किए गए एक वीडियो के बाद रेणुका चौधरी ने उन्हें विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने की बात कही. रेणुका ने समाचार एजेंसी से कहा, ‘यह अत्यंत ही अपमानजनक है और मैं इसके खिलाफ उन्हें विशेषाधिकार हनन का नोटिस दूंगी.’
हालांकि अब यह पोस्ट रिजीजू के एकाउंट से डिलीट कर दिया गया है.
This is highly objectionable, and I am going to file for privilege: Renuka Chowdhury, Congress on Kiren Rijiju posting a video of PM Modi's remarks on Renuka Chowdhury in Rajya Sabha yesterday. pic.twitter.com/9d7gEL0IqC
— ANI (@ANI) February 8, 2018
नवभारत टाइम्स की खबर के अनुसार विपक्ष की महिला सांसदों ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मिलकर किरेन रिजीजू को विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी दिया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चौधरी ने कहा, ‘किरेन रिजीजू का कृत्य बेहद आपत्तिजनक है. ये लोग बेटी बचाओ, महिलाओं के सम्मान की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं. क्या ये तरीका है इनके सम्मान का? मैं दो युवा बेटियों की मां हूं. मैं किसी की पत्नी हूं और उन्होंने मेरी तुलना शूर्पनखा राक्षसी से की है. यह बेहद शर्मनाक है.’
वहीं, कांग्रेस ने भी प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए ट्वीट किया, ‘हम सदन में प्रधानमंत्री द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री ओर राज्यसभा सांसद रेणुका चौधरी पर की गई अपमानजनक टिप्पणी की निंदा करते हैं.’
We condemn PM Modi's derogatory remark in the Parliament against former Union Minister and RS MP Renuka Chowdhury.
We also urge the RS Speaker Shri Venkaiah Naidu to not act in a partisan manner and accord due respect to a fellow member of the house.#ModiAntiWomen https://t.co/quNQeIkAEk
— Congress (@INCIndia) February 8, 2018
कांग्रेस ने राज्यसभा स्पीकर वेंकैया नायडू से भी अपील की कि वे पक्षपात न करें और संसद के सदस्यों के प्रति सम्मान रखें. विवाद के चलते ही राज्यसभा में गुरुवार सुबह कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री मोदी से माफी की मांग के हंगामे के कारण सदन की बैठक भी स्थगित करनी पड़ी.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान कांग्रेस की नेता रेणुका चौधरी के हंसने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि रामायण धारावाहिक समाप्त होने के बाद पहली बार ऐसी हंसी सुनाई दी है.
वहीं, इस टिप्पणी के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई. एक ओर भाजपा के नेता यह साबित करने की कोशिश करने लगे कि प्रधानमंत्री के अनुसार रेणुका चौधरी रामायण की कौन-सी किरदार हैं. तो दूसरी ओर विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी पर आपत्ति भी जताई है.
भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने रामायण के एक महिला किरदार का हंसता हुआ वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, ‘किसी ने मुझे ‘हंसी पहचानो’ प्रतियोगिता की प्रतिक्रिया में रामायण की यह वीडियो क्लिप भेजी है… क्या आप उसे पहचान सकते हैं?’
https://twitter.com/malviyamit/status/961236215893757953
वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने रेणुका के बचाव में लिखा, ‘प्रधानमंत्री जी ने रेणुका चौधरी जी की हंसी की तुलना रावण से की, अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है की देश के सर्वोच्च सदन में हमारे प्रधान सेवक एक महिला पर ऐसी टिप्पणी करते हैं.’
प्रधानमंत्री जी ने रेणुका चौधरी जी की हँसी की तुलना रावण से की,अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है की देश के सर्वोच्च सदन में हमारे प्रधान सेवक एक महिला पर ऐसी टिप्पणी करते हैं।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) February 7, 2018
दूसरी ओर स्मृति ईरानी ने प्रधानमंत्री की टिप्पणी के बचाव में कहा है कि रेणुका चौधरी अपने महिला होने को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रही हैं.
I was present there. I heard the kind of indecent remarks she was making on PM Modi. Is it justified that she makes indecent remarks & when those remarks are met sarcastically she makes her gender her shield?: Union Minister Smriti Irani on PM Modi's remark on Renuka Chowdhury pic.twitter.com/WeIicEjpRX
— ANI (@ANI) February 7, 2018
उन्होंने कहा, ‘घटनाक्रम के दौरान मैं वहीं मौजूद थी. मैंने रेणुका को प्रधानमंत्री पर एक अशोभनीय टिप्पणी करते सुना था. क्या यह सही है कि वे खुद अशोभनीय टिप्पणी करें, लेकिन जब उन्हें व्यंग्यात्मक जवाब मिले तो अपने महिला होने को ढाल की तरह इस्तेमाल करें?’