छत्तीसगढ़: भाजपा विधायक ने कहा- 2015 से मनरेगा मज़दूरों को नहीं मिली मज़दूरी

सदन में भाजपा विधायक ने उठाया मज़दूरों को भुगतान न होने का मुद्दा. समर्थन में विपक्ष ने कहा कि पूरे प्रदेश में यही हाल है.

Village women work at a dry pond under the Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act (MNREGA) in a village on the outskirts of Kolkata, 11 February 2014. (Photo: Reuters)

सदन में विधायक सनम जांगड़े ने उठाया मज़दूरों को भुगतान न होने का मुद्दा. समर्थन में विपक्ष ने कहा कि पूरे प्रदेश में यही हाल है.

Village women work at a dry pond under the Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act (MNREGA) in a village on the outskirts of Kolkata, 11 February 2014. (Photo: Reuters)
प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स

रायपुर: केंद्र सरकार एक ओर महात्मा गांधी रोजगार सुरक्षा गारंटी कानून (मनरेगा) को प्राथमिकता में रखकर बजट में इसके लिए आर्थिक प्रावधान कर मजदूरों के उत्थान की बात कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत यह है कि मजदूरों को मनरेगा के तहत काम करने का भुगतान सालों तक नहीं हो रहा है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को मनरेगा में मजदूरों को नहीं हो रहे भुगतान को लेकर हंगामा हुआ. प्रश्नकाल के दौरान सत्ताधारी भाजपा के ही एक विधायक ने मनरेगा में मजदूरों को मजदूरी न मिलने का मुद्दा उठाया.

बिलाईगढ़ से भाजपा विधायक डॉ. सनम जांगड़े ने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के कम से कम 20 ग्राम पंचायतों में काम पूरा होने के बाद भी मजदूरों को भुगतान नहीं हुआ है.

दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, जांगड़े ने कहा कि 2015 से 20 ग्राम पंचायतों में मजदूरों को मजदूरी नहीं मिली है. इसके जवाब में पंचायत मंत्री ने कहा कि उन्हें तीन पंचायतों की जानकारी है.

भाजपा विधायक के सवाल उठाने के बाद विपक्ष ने भी सरकार को इस मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया. कांग्रेसी विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा, ‘पांच साल से उनके भी क्षेत्र में मजदूरी नहीं मिली है. सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन अंधेरगर्दी मचा कर रखी है. इसके कारण ग्रामीण आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं.’

इसके बाद और भी कई अन्य विधायक जांगड़े के प्रश्न के समर्थन में उतर आये और दावा किया कि पूरे प्रदेश मे यही हाल है और विधानसभा की समिति बनाकर जांच की मांग की. साथ ही मजदूरों को ब्याज समेत भुगतान की मांग करते हुए सदन से वाक आउट कर दिया.

पत्रिका की खबर के अनुसार, जांगड़े ने प्रश्न पूछा था कि बिलाईगढ़ विधानसभा में वर्ष 2014 से लेकर दिसंबर 2017-18 की स्थिति में कुल कितने कार्य स्वीकृत किए हैं और मजदूरों को भुगतान क्यों नहीं मिल पा रहा है?