औरंगजे़ब ‘आतंकवादी’ था: भाजपा सांसद महेश गिरि

भाजपा सांसद महेश गिरि ने कहा कि औरंगजे़ब को जो सज़ा मिलनी चाहिए थी वो नहीं मिली, लेकिन कम से कम उसके नाम पर रखा गया सड़क का नाम तो बदल गया है.

भाजपा सांसद महेश गिरि. (फोटो साभार: विकिपीडिया)

भाजपा सांसद महेश गिरि ने कहा कि औरंगजे़ब को जो सज़ा मिलनी चाहिए थी वो नहीं मिली, लेकिन कम से कम उसके नाम पर रखा गया सड़क का नाम तो बदल गया है.

भाजपा सांसद महेश गिरि. (फोटो साभार: विकिपीडिया)
भाजपा सांसद महेश गिरि. (फोटो साभार: विकिपीडिया)

नई दिल्ली: भाजपा सांसद महेश गिरि ने मुगल बादशाह औरंगजे़ब को ‘आतंकवादी’ बताते हुए उनके बड़े भाई दारा शिकोह को एक विद्वान बताया, जिन्होंने समन्वित मूल्यों का समर्थन किया था.

पूर्वी दिल्ली के सांसद ने दारा की जिंदगी के बारे में जागरूकता फैलाने की भी पैरवी की. गिरि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में ‘औरंगजे़ब और दारा शिकोह: अ टेल ऑफ टू ब्रदर्स’  पर सम्मेलन तथा ‘दारा शिकोह, द फॉरगॉटेन प्रिंस ऑफ इस्लाम’ नामक प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह के दौरान संवाददाताओं से बात कर रहे थे.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘आज की भाषा में औरंगजे़ब आतंकवादी था. उसे जो सजा मिलनी चाहिए थी वो नहीं मिली, लेकिन कम से कम उसके नाम पर रखा गया सड़क का नाम तो बदल गया है.’

लुटियन दिल्ली में औरंगजे़ब के नाम पर एक सड़क का नाम था जिसे 2015 में बदलकर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया था. गिरि ने ही पूर्व राष्ट्रपति के नाम पर सड़क का नाम रखने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा था.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गिरि ने कहा, ‘मैं जब भी क्रूर शासक के नाम वाला साइन बोर्ड देखता था तो मुझे तकलीफ होती थी. मुझे लगता था कि यह भारत के विचार के खिलाफ है और देश के हित में नहीं है. इसलिए मैं इसके (नाम बदलने के) पीछे लगा.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे बाधाओं का सामना करना पड़ा और लोगों से धमकियां मिलीं, लेकिन फिर भी आगे बढ़ा.’

लोकसभा सांसद ने मुगल बादशाह के भाई दारा शिकोह की विशेषताओं को सराहा और कहा कि औरंगजे़ब की कहानी बताते हुए दारा शिकोह के दौर और मूल्यों को पढ़ाना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘स्कूलों में जब आप औरंगजे़ब को पढ़ाते हैं तो आपको उसके भाई के बारे में भी जरुर बताना चाहिए. इससे दृष्टिकोण में संतुलन आएगा, जो लोगों को यह फैसला लेने में मदद करेगा कि कौन अच्छा था और कौन बुरा?’

दारा मुगल बादशाह शाहजहां के बड़े बेटे थे और उनके उत्तराधिकारी थे जिनका 1659 में कत्ल करा दिया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)