बेरोज़गारी पर गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि राज्य का युवा कड़ी मेहनत से भागता है. क्लर्क की सरकारी नौकरी के लिए दावेदारों की लंबी कतार है. उन्हें लगता है कि सरकारी नौकरी मतलब कोई काम नहीं करना है.
पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने तटीय राज्य में नशे की समस्या के समाधान के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने लड़कियों के शराब पीने को लेकर भी चिंता प्रकट की.
राज्य विधानसभा विभाग की ओर से आयोजित राज्य युवा संसद को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने शुक्रवार को कहा, ‘मुझे अब डर लगने लगा है क्योंकि अब तो लड़कियों ने भी बियर पीना शुरू कर दिया है. सहन शक्ति की सीमा टूट रही है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं हर किसी की बात नहीं कर रहा. मैं उनकी बात नहीं कर रहा जो यहां बैठे हैं.’
गोवा में नशीले पदार्थों के कारोबार पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मादक द्रव्यों के नेटवर्क के खिलाफ अभियान जारी है और यह मादक द्रव्यों के दिखने तक जारी रहेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह शून्य पर पहुंचेगा. निजी तौर पर मुझे नहीं लगता कि कॉलेजों में (नशीले पदार्थों का) ज्यादा प्रसार हो रहा.’
उन्होंने कहा, कानून के मुताबिक अगर एक व्यक्ति कम मात्रा में नशीले पदार्थों के साथ पकड़ा जाता है तो उसे 8 से 15 दिन या एक महीने में जमानत मिल जाती है. हमारे अदालतें इस पर नरम रुख रखती हैं. लेकिन कम से कम दोषी पकड़े तो जा रहे हैं.’
पर्रिकर ने कहा कि राज्य पुलिस को उन्होंने मादक द्रव्य कारोबार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए जिसके बाद मादक द्रव्य की तस्करी के आरोप में 170 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार बेरोजगारी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि गोवा का युवा कड़ी मेहनत से भागता है. सरकारी विभागों में क्लर्क की निचले स्तर की नौकरी के लिए दावेदारों की लंबी कतार देखी जा सकती है. क्योंकि वे कठोर परिश्रम नहीं करना चाहते. उन्हें लगता है कि सरकारी नौकरी मतलब कोई काम नहीं करना.
गोवा में सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीना दंडनीय अपराध होगा
बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बीते एक फरवरी को कहा था कि गोवा में सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीना जल्द ही दंडनीय अपराध होगा और इसके लिए 5000 रुपये तक का जुर्माना लगेगा. इससे पहले दिल्ली में भी इस तरह का नियम लागू किया जा चुका है.
उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार विधानसभा के बजट सत्र के बाद इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी करेगी.
गौरतलब है कि बजट सत्र इसी महीने शुरू होना है. पर्रिकर ने कहा कि सड़कों पर इधर-उधर पड़ी हुई शराब की ख़ाली बोतलों से सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फैलता है, इसे रोकने के लिए दंडनीय प्रावधान की ज़रूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सरकार कचरा प्रबंधन क़ानून में संशोधन करेगी जिसके तहत इस तरह के अपराधों पर जुर्माने का प्रावधान होगा.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)