एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस 22 मामलों के साथ इस सूची में पहले स्थान पर हैं और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ सबसे कम आपराधिक मामले दर्ज हैं.
नई दिल्ली: एक अध्ययन के अनुसार भारत के करीब 35% मुख्यमंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं और 81% मुख्यमंत्री करोड़पति हैं. राजनीतिक दलों पर निगाह रखने वाले संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के नेशनल इलेक्शन वॉच (न्यू) के साथ मिलकर किए गए एक आकलन से यह बात सामने आई है.
दोनों संगठनों ने देशभर के 29 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के विधानसभा चुनावों के दौरान मौजूदा मुख्यमंत्रियों द्वारा स्वयं जमा किए गए हलफनामों का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है.
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 31 मुख्यमंत्रियों में से 11 ने स्वयं के खिलाफ आपराधिक मामले दायर होने की घोषणा की है. यह कुल संख्या का 35% है.
इस अध्ययन में पता चला है कि सबसे ज़्यादा आपराधिक मामले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के ख़िलाफ़ दर्ज हैं. फड़णवीस के ख़िलाफ़ 22 आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं सबसे कम आपराधिक मामले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ दर्ज हैं.
इनमें से आठ मुख्यमंत्रियों (26%) के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, धोखाधड़ी जैसे इत्यादि गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसी प्रकार 25 मुख्यमंत्रियों यानी 81% करोड़पति हैं. इनमें से दो मुख्यमंत्रियों के पास 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है.
मुख्यमंत्रियों की औसत संपत्ति 16.18 करोड़ रुपये है.
आकलन के अनुसार देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू हैं, जिनकी घोषित संपत्ति 177 करोड़ रुपये है. वहीं सबसे कम संपत्ति वाले मुख्यमंत्री त्रिपुरा के मणिक सरकार है जिनकी संपत्ति 27 लाख रुपये है.
सबसे ज़्यादा आपराधिक मामले देवेंद्र फड़णवीस के ख़िलाफ़
इस अध्ययन में पता चला है कि सबसे ज़्यादा आपराधिक मामले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के ख़िलाफ़ दर्ज हैं. वहीं सबसे कम आपराधिक मामले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ दर्ज हैं.
1. देवेंद्र फड़णवीस: महाराष्ट्र में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के ख़िलाफ़ सबसे ज़्यादा 22 मामले दर्ज हैं. इनके ख़िलाफ़ कुछ आरोपों में गंभीर आरोप शामिल हैं. जैसे- हथियारों के इस्तेमाल से चोट पहुंचना, अवैद्य सभा, दंगेबाज़ी, मारपीट आदि.
2. पिनाराई विजयन: इस सूची में दूसरे नंबर पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का नाम है. इनके ख़िलाफ़ 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं. जैसे- धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति जुटाना और आपराधिक षड्यंत्र आदि.
3. अरविंद केजरीवाल: इस सूची में तीसरे नंबर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम है. उनके ख़िलाफ़ 10 मामले दर्ज हैं. जैसे- अवैध सभा, मानहानि और सरकारी कर्मचारी के काम में विघ्न डालना.
4. रघुबर दास: गंभीर आपराधिक मामलों की सूची में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास चौथे स्थान पर हैं. उनके ख़िलाफ़ आठ मामले हैं. जैसे: किसी अन्य व्यक्ति के क़ानूनी काम में रुकावट डालना, चोट पहुंचाना, चोट पहुंचाने की नीयत से हमला करना, सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालना आदि.
5. अमरिंदर सिंह: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह इस सूची में पांचवें स्थान पर हैं. उनके ख़िलाफ़ चार आपराधिक मामले दर्ज है. उन पर धोखाधड़ी, सबूत मिटाने, ज़मीन हड़पने और बईमानी जैसे मामले दर्ज हैं.
6. योगी आदित्यनाथ: चार आपराधिक मामलों के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में छठे स्थान पर हैं. उनके ख़िलाफ़ दंगा, कब्रिस्तान में अतिक्रमण, अग्नि या विस्फोटक पदार्थ और आपराधिक धमकी देने जैसे मामले हैं.
7. एन. चंद्रबाबू नायडू: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री इस सूची में सातवें स्थान पर हैं. उनके ख़िलाफ़ तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं, लेकिन एडीआर ने मामलों की सूची ज़ाहिर नहीं की है.
8. के. चंद्रशेखर राव: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव इस सूची में आठवें स्थान पर हैं. उनके ख़िलाफ़ दो आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें आपराधिक धमकी देना और अवैध सभा करने का मामला है.
9. वी. नारायणसामी: पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी इस सूची में 9वें स्थान पर हैं. उनके ख़िलाफ़ दो आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें लोक सेवक द्वारा विधिवत रूप से प्रख्यापित आदेश को अवज्ञा करना शामिल है.
10. महबूबा मुफ़्ती: जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती पर एक आपराधिक मामला दर्ज है जो कि मानहानि से जुड़ा हुआ है.
11. नीतीश कुमार: बिहार के मुख्यमंत्री इस सूची में 11वें स्थान पर हैं. उनके ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)