जेएनयू के ‘फ्रीडम स्क्वायर’ पर नहीं कर सकेंगे प्रदर्शन, हाईकोर्ट ने लगाई रोक

जवारहलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के ‘फ्रीडम स्क्वायर’ यानी ऐड ब्लॉक पर अब किसी तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं हो पाएगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने यहां के 100 मीटर के दायरे में विरोध प्रदर्शन पर पाबंदी लगा दी है.

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जवारहलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के ‘फ्रीडम स्क्वायर’ यानी ऐड ब्लॉक पर अब किसी तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं हो पाएगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने यहां के 100 मीटर के दायरे में विरोध प्रदर्शन पर पाबंदी लगा दी है.

New Delhi: JNUSU President Kanhaiya Kumar addresses students after reaching at the JNU campus upon his release on bail, in New Delhi on Thursday. PTI Photo by Vijay Verma (PTI3_3_2016_000232B)
जेएनयू का प्रशासनिक भवन. (फोटो: पीटीआई)

हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के अनुसार, हाईकोर्ट ने पुलिस को यह भी निर्देश दिया है कि यूजीसी 2016 के नए नोटिफिकेशन के ख़िलाफ़ विश्वविद्यालय में चल रहे प्रदर्शनों के बीच छात्र-छात्राएं किसी भी तरीके से कुलपति और दूसरे अधिकारियों या कर्मचारियों को ऐड ब्लॉक (प्रशासनिक भवन) में जाने से न रोक पाएं.

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव सचदेव ने निर्देश दिया है कि इस आदेश को लागू करने के लिए अगर ज़रूरत पड़े तो पुलिस बल का प्रयोग करे. हालांकि, अदालत ने पुलिस को यह भी निर्देश दिया कि वह किसी तरह की अप्रिय घटना के मामले में छात्र-छात्राओं के साथ निपटने के तरीके के बारे में संवेदनशील रहे.

प्रशासनिक भवन जाने के लिए बनीं सीढ़ियां पिछले साल नौ फ़रवरी की घटना के बाद ‘फ्रीडम स्क्वायर’ के नाम से चर्चित हो गईं. नौ फरवरी को कैंपस में देशविरोधी नारे लगाने की बात सामने आई थी.

बहरहाल, छात्रों का मानना है कि उन्होंने यह स्थान सिर्फ़ विरोध प्रदर्शन और अपनी आवाज़ उठाने के लिए इस्तेमाल किया है, चाहे वो फेलोशिप की बात हो या रोहित वेमुला के आत्महत्या या नजीब अहमद के लापता होने का मामला.

जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा है, ‘असल में उन्होंने प्रशासनिक भवन के आसपास 200 मीटर तक के दायरे में कोई आंदोलन या प्रदर्शन न हो, इसकी मांग की थी. प्रशासनिक भवन की जगह छात्र कमल कॉम्प्लेक्स के पीछे या टेफ्लास के पास जहां छात्रसंघ का कार्यालय है वहां आंदोलन या प्रदर्शन कर सकते हैं.’

जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष मोहित पांडेय ने अदालत की इस आदेश पर आपत्ति जताई है. वे कहते हैं, ‘प्रदर्शन करना हमारा अधिकार है और इस आदेश के पीछे कुलपति का हाथ है. वह हमारा अधिकार छीनना चाहते है. इस आदेश के ख़िलाफ़ हम राजनीतिक और कानूनी रूप से लड़ाई लड़ेंगे.’

दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू छात्रसंघ के पदाधिकारियों को भी अगली सुनवाई में हाज़िर होने का आदेश दिया है. साथ ही प्रशासनिक भवन पर प्रदर्शन करने के कारणों को स्पष्ट करने को कहा है. अदालत का यह भी मानना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों के बीच की समस्या को संवाद और सलाह के सहारे हल किया जा सकता है.

बता दें कि ‘फ्रीडम स्क्वायर’ वहीं स्थान है जहां राष्ट्रवाद को लेकर जेएनयू के शिक्षकों ने बहुत सारे लेक्चर दिए थे. यहां पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी जेल से छूटने के बाद भाषण दे चुके हैं.