राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘पहले ललित, फिर माल्या, अब नीरव भी हुआ फरार. कहां है ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ कहने वाला देश का चौकीदार? साहेब की खामोशी का राज़ जानने को जनता बेकरार, उनकी चुप्पी चीख चीख कर बताए वो किसके हैं वफादार.’
देश का सबसे बड़ा बैंक घोटाला करके 11000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम लेकर विदेश भाग गए नीरव मोदी पर देश में सियासत गर्म हो गई है.
केवल विपक्षी दल के नेता ही नहीं, भाजपा के अपने नेता और उसके सहयोगी दल भी पूरे मामले में सरकार की कार्यशैली को सवालों के कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. साथ ही, पूरे मामले में प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं.
भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने लिखा है कि ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’ के नारे के जरिए देश में भ्रष्टाचार को खत्म करने की प्रधानमंत्री की घोषणा असफल हो गई है. सामना में छपे संपादकीय में आरोप लगाए गए हैं कि हीरा कारोबारी भाजपा का ‘साझेदार’ रहा था और उसने चुनावों के लिए धन जुटाने में पार्टी की मदद की थी.
आगे लिखा गया है, ‘यह प्रकाश में आया है कि नीरव मोदी जनवरी में ही देश से भाग गया था. हालांकि कुछ सप्ताह पहले ही वह (विश्व आर्थिक फोरम के दौरान) दावोस में प्रधानमंत्री के साथ देखा गया था.’
पार्टी ने आरोप लगाया कि ऐसे कई नीरव मोदी थे जो भाजपा को चुनावों में जीत दिलाने और उसका खजाना भरने में उसकी मदद कर रहे थे. पार्टी ने पूछा कि नीरव के खिलाफ प्राथमिकी पहले ही दर्ज की जा चुकी थी, तब वह दावोस जाने और उद्योगपतियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी से मिलने में कैसे सफल हो गया? प्रवर्तन निदेशालय केवल तब हरकत में आया और नीरव की संपत्तियों को तब सील किया जब वह देश छोड़ चुका था.
मराठी दैनिक में शिवसेना के हवाले से कहा गया, ‘छगन भुजबल और लालू प्रसाद जैसे नेता भ्रष्टाचार के मामलों में जहां जेल में हैं, वहीं शराब कारोबारी विजय माल्या और नीरव मोदी ठीक सरकार की नाक के नीचे से देश छोड़कर भाग गए. ‘भ्रष्टाचारमुक्त भारत’ और ‘पारदर्शी सरकार’ की बातें महज तीन साल में ही खोखली साबित हो गई हैं. किसान आत्महत्या कर रहे हैं क्योंकि वे 100 से लेकर 500 रुपये तक का ऋण नहीं चुका सकते, लेकिन यहां ऐसे लोग भी हैं जो लाखों-करोड़ों रुपये डकारने के बाद भाग गए हैं.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी भी मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हैं. रेड्डी ने कहा, ‘हर मुद्दे पर प्रधानमंत्री प्रतिक्रिया देते हैं, ट्वीट और टिप्पणी करते हैं, लेकिन जब ऐसी संगीन घटनाएं होती हैं तो वह क्यों नहीं बोलते हैं या टिप्पणी करते हैं?’
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में हरि प्रसाद नामक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री कार्यालय को मामले की शिकायत की थी और नीरव मोदी की गिरफ्तारी का अनुरोध किया था. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसलिए नीरव मोदी के देश से भागने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय जिम्मेदार है. हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री इस पर प्रतिक्रिया दें.
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने घोटाले में भाजपा सरकार के शीर्ष नेतृत्व के शामिल होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अरबपति नीरव मोदी के देश से भागने का कारण शायद यही हो. उन्होंने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है कि नीरव मोदी और शराब कारोबारी विजय माल्या को कब गिरफ्तार किया जाएगा?
उन्होंने कहा, ‘11,000 करोड़ रूपये का घोटाला कर नीरव देश से भाग निकला, जो कि केवल संयोग नहीं हो सकता. कई एजेंसियां इसमें शामिल हैं और शीर्ष स्तर की सहमति के बगैर यह संभव नहीं है.’
वे आगे बोले, ‘इसलिए यह साफ है कि केंद्र सरकार की शीर्ष पंक्ति इस मामले में शामिल है. वरना यह कैसे संभव है कि विजय माल्या 9000 करोड़ रूपये ले कर और नीरव मोदी 11,000 करोड़ रूपये ले कर भाग जाए?’
राहुल गांधी ने भी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के घोटाले में शामिल होने की आशंका व्यक्त की है. उन्होंने कहा, इतना बड़ा घोटाला बिना शीर्ष स्तर के संरक्षण के नहीं हो सकता.
साथ ही उन्होंने भी प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, ‘पहले ललित, फिर माल्या, अब नीरव भी हुआ फरार. कहां है ‘न खाऊँगा, न खाने दूँगा’ कहने वाला देश का चौकीदार? साहेब की खामोशी का राज़ जानने को जनता बेकरार, उनकी चुप्पी चीख चीख कर बताए वो किसके हैं वफादार?’
पहले ललित फिर माल्या
अब नीरव भी हुआ फरार
कहाँ है 'न खाऊँगा, न खाने दूँगा' कहने वाला देश का चौकीदार?साहेब की खामोशी का राज़ जानने को जनता बेकरार
उनकी चुप्पी चीख चीख कर बताए
वो किसके हैं वफादार#ModiRobsIndia— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 19, 2018
वहीं, हमेशा अपने बगावती सुरों से भाजपा की नाक में दम करने वाले शत्रुघ्न सिन्हा ने इस बार भी अपने शब्दबाणों से प्रधानमंत्री पर हमला किया है. उन्होंने एक के बाद एक तीन ट्विट करते हुए लिखा, ‘हे प्रधान सेवक, हे प्रधान रक्षक, चौकीदारे वतन, सभी घोटाला करके दिन-दहाड़े एक के बाद विदेश उड़ गए. क्या हमें इसके लिए भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरु जी को जिम्मेदार ठहराना चाहिए जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए एयरलाइंस को लायसेंस दिया?’
हे प्रधान सेवक, हे प्रधान रक्षक! चौकिदारे वतन। All people who’ve frauded & done ghotala दिन-दहाड़े flew out of india one after the other. Wah ji wah! Balle balle! Can we blame the hon'ble first PM of India Nehruji for giving international operations licence to airlines/AirIndia?
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) February 16, 2018
उन्होंने आगे लिखा, उम्मीद है कि हमारे चौकीदार-ए-वतन का कैशलेस होने का सपना पीएनबी वाले मामले में गंभीरता से न ले लिया गया हो’
अगले ट्वीट में उन्होंने तीन ‘पी’ का जिक्र किया. उन्होंने कहा ‘तीन पी ने इस वक्त भारत में बहुत शोर और कहर मचा रखा है. पकौड़ा, पीएम और पीएनबी.’ उन्होंने ट्वीट में आगे प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा ‘बड़ा चौकीदार सो गया, छोटा दमदार खो गया, और हम सब देखते रह गए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)