नतीजे से हैरान अखिलेश यादव ने स्वीकारी हार

अखिलेश ने कहा, बसपा प्रमुख ने ईवीएम पर उठाए सवाल, सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए.

Akhilesh Yadav, state party president and son of the Samajwadi Party President Mulayam Singh Yadav, speaks during a news conference at their party headquarters in the northern Indian city of Lucknow March 6, 2012. India's Congress party trailed in fourth place as vote counting neared its end in Uttar Pradesh on Tuesday, a bitter election blow to Rahul Gandhi who had staked his political future on reviving his party's fortunes in the populous northern state. The runaway winner was the socialist Samajwadi Party, which means former wrestler Mulayam Singh Yadav will become chief minister for a fourth term since 1989, ousting the flamboyant lower-caste leader Mayawati. REUTERS/Stringer (INDIA - Tags: POLITICS ELECTIONS) - RTR2YX69

अखिलेश ने कहा, बसपा प्रमुख ने ईवीएम पर उठाए सवाल, सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए.

Akhilesh Yadav, state party president and son of the Samajwadi Party President Mulayam Singh Yadav, speaks during a news conference at their party headquarters in the northern Indian city of Lucknow March 6, 2012. India's Congress party trailed in fourth place as vote counting neared its end in Uttar Pradesh on Tuesday, a bitter election blow to Rahul Gandhi who had staked his political future on reviving his party's fortunes in the populous northern state. The runaway winner was the socialist Samajwadi Party, which means former wrestler Mulayam Singh Yadav will become chief minister for a fourth term since 1989, ousting the flamboyant lower-caste leader Mayawati. REUTERS/Stringer (INDIA - Tags: POLITICS ELECTIONS) - RTR2YX69
अखिलेश यादव. (फोटो: रॉयटर्स)

उत्तर प्रदेश में ‘काम बोलता है’ का नारा देकर कांग्रेस के साथ चुनाव में उतरे अखिलेश यादव को प्रचंड हार का सामना करना पड़ा है. हार से स्तब्ध अखिलेश परिणाम घोषित हो जाने के बाद शाम को मीडिया के सामने आए और अपनी हार स्वीकार की.

अखिलेश ने कहा, ‘मुझे जो पांच साल मौका मिला था, लगातार हमने उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने का काम किया. अब हम सरकार से बाहर हैं. उम्मीद हैं जो नई सरकार आएगी वह हमसे अच्छा काम करेगी. लोकतंत्र में यही निर्णय होता है, हम उस निर्णय को स्वीकार करते हैं. बसपा नेता ने ईवीएम पर सवाल उठाया है, मैं भी देख समझकर उस पर अपनी बात रखूंगा. बूथ का विष्लेषण करने के बाद मैं कुछ कह पाउंगा. लेकिन अगर सवाल उठा है तो सरकार को जांच करानी चाहिए. अगर एक पार्टी सवाल उठा रही है तो जांच होनी चाहिए.’

अपने कामकाज से संतुष्ट अखिलेश ने निराशा जताते हुए कहा, ‘कभी कभी लोकतंत्र में समझाने से नहीं, बहकाने से वोट मिलता है. पहली कैबिनेट मीटिंग में देखिएगा कि किसानों के कर्ज माफ़ होते हैं या नहीं, एक्सप्रेस वे से अच्छा भी विकास होता है या नहीं. मैं समझता हूं तो जनता इससे भी अच्छा काम चाहती है. हमने एक्सप्रेस वे बनाया, हो सकता है जनता बुलेट ट्रेन चाहती हो. हमने किसानों का कर्ज माफ किया था, 1600 करोड़ का. भाजपा इसे आगे बढ़ाए, इससे ज़्यादा ख़ुशी किस बात की होगी.’

चुनाव के ठीक पहले पारिवारिक कलह में उलझे अखिलेश फिलहाल उस मसले पर कुछ कहने से बचे और पत्रकारों के सवालों को टाल गए. शिवपाल के ‘घमंड की हार’ के बयान पर कहा, हमें तो आप जानते ही हैं, लगता है हमारी किसी परछाईं के घमंड के बारे में बात कर रहे होंगे. उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन जारी रखने का का दिया संकेत. नोटबंदी पर अखिलेश ने कहा कि अब देखना है कि नोटबंदी का पैसा ग़रीबों तक कैसे पहुंचता है!

हार से स्तब्ध अखिलेश ने कहा, ‘मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि जो लोग भारी संख्या में हमारी सभाओं में आ रहे थे, क्यों उन्होंने वोट नहीं दिया. नतीजे से हैरान हूं. हमें इंतज़ार होगा कि समाजवादी सरकार से भी अच्छा काम हो. कई जगह से हमें सूचना मिली है कि वोट पहले से ज़्यादा मिला है, लेकिन इसके बावजूद हमारे लोग हार गए. मुझे लगता है कि जनता कुछ और सुनना चाहती रही होगी.’

हार की ज़िम्मेदारी के सवाल पर अखिलेश बोले, ‘मुख्यमंत्री मैं था, राष्ट्रीय अध्यक्ष मैं हूं, समीक्षा के बाद ज़िम्मेदारी लूंगा. हमारे साथ ट्यूबलेस साइकिल थी, उसमें हवा ही नहीं थी. राजनीति में कब क्या हो जाए, पता ही नहीं होता.’ काम बोलता है के नारे पर उन्होंने कहा, ‘जब तक कोई हमसे अच्छा नहीं करेगा, तब तक काम बोलेगा. हमें जितना वोट मिलना था, वो मिला है. हमारे एलायंस को 29 प्रतिशत वोट मिला है. यह गठबंधन ठीक है, दो नये नेताओं का गठबंधन है.’