एनडीए का साथ छोड़ महागठबंधन में शामिल हुए जीतनराम मांझी

दो दिन पहले मांझी ने मार्च में होने वाले राज्यसभा की छह सीटों के चुनाव के लिए बिहार से अपनी पार्टी के व्यक्ति को एनडीए उम्मीदवार घोषित किए जाने की मांग की थी. कांग्रेस के चार एमएलसी जदयू में शामिल.

Patna: RJD leader Tejashwi Yadav being garlanded along with former Bihar CM and HAM(S) Chief Jitan Ram Manjhi during a joint press conference in Patna on Wenesday. Manjhi quit the Bharatiya Janata Party (BJP)-led ruling National Democratic Alliance (NDA). PTI Photo (PTI2_28_2018_000212B)

दो दिन पहले मांझी ने मार्च में होने वाले राज्यसभा की छह सीटों के चुनाव के लिए बिहार से अपनी पार्टी के व्यक्ति को एनडीए उम्मीदवार घोषित किए जाने की मांग की थी. कांग्रेस के चार एमएलसी जदयू में शामिल.

Patna: RJD leader Tejashwi Yadav being garlanded along with former Bihar CM and HAM(S) Chief Jitan Ram Manjhi during a joint press conference in Patna on Wenesday. Manjhi quit the Bharatiya Janata Party (BJP)-led ruling National Democratic Alliance (NDA). PTI Photo (PTI2_28_2018_000212B)
पटना में राजद नेता तेजस्वी यादव और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. राज्यसभा की छह सीटों पर चुनाव से पहले मांझी महागठबंधन में शामिल हो गए हैं. (फोटो: पीटीआई)

पटना: बिहार में बुधवार का दिन नाटकीय ढंग से काफी उथल-पुथल भरा रहा. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राजग का दामन छोड़ राजद-कांग्रेस के महागठबंधन में शामिल होने की घोषणा की और कहा कि इसका विधिवत ऐलान जल्द किया जाएगा. वहीं कांग्रेस के छह विधान परिषद सदस्यों में से चार ने जदयू का दामन थाम लिया.

मांझी ने यह घोषणा करने से पहले बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव तथा लालू प्रसाद के विश्वासपात्र राजद विधायक भोला यादव से मुलाकात की थी.

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाराज चल रहे मांझी ने भोला यादव के आवास पर मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘हमलोगों में बात हो गई है और हम महागठबंधन में जाएंगे और इसकी विधिवत घोषणा रात आठ बजे प्रेस कांफ्रेंस कर की जाएगी.’

बताया जा रहा है कि राजग में उन्हें तरजीह नहीं मिल रही थी जिसे लेकर वो काफी समय से नाराज चल रहे थे. वह समय-समय पर इसको लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुके थे. यही नहीं, उन्होंने कई मुद्दों पर केंद्र व राज्य सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया था.

मांझी ने बीते दिनों जहानाबाद उप चुनाव में टिकट न मिलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए चुनाव प्रचार न करने की बात कही थी.

ज्ञात हो कि राजग में महत्व न मिलने से नाराज मांझी ने पिछले हफ्ते आगामी 23 मार्च को बिहार से राज्यसभा की छह सीटों के लिए होने वाले चुनाव में अपनी पार्टी के एक व्यक्ति को राजग का उम्मीदवार घोषित किए जाने की मांग की थी.

साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर राजग नेतृत्व ने उनकी मांग नहीं मानता है तो उनकी पार्टी के नेता व कार्यकर्ता बिहार में 11 मार्च को अररिया लोकसभा सीट और जहानाबाद और भभुआ विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए प्रचार नहीं करेंगे.

दूसरी ओर ऐसा बताया जा रहा है कि राजद की तरफ से लगातार मांझी को एनडीए छोड़ महागठबंधन में शामिल होने का ऑफर दिया जा रहा था.

मांझी ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह राजग से अलग हो गए हैं. तेजस्वी ने कहा कि उन्हें मांझी के महागठबंधन में आने की खुशी है.

तेजस्वी ने यह पूछे जाने पर कि मांझी को राजग में जो सम्मान न मिलने की बात कही जा रही है, वह क्या महागठबंधन में आने पर उन्हें मिलेगा, जवाब दिया कि जो बातें उनसे हुई हैं वह उनके विधिवत महागठबंधन में शामिल होने के समय प्रेस वार्ता में बता दी जाएंगी.

उन्होंने कहा कि गुरुवार को एक साझा प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में इस गठबंधन का आधिकारिक ऐलान किया जाएगा.

इससे पहले बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता राबड़ी देवी ने बुधवार सुबह जीतनराम मांझी से मुलाकात की थी. इसी मुलाकात के बाद हिंदुस्तान आवाम मोर्चा अध्यक्ष ने राजग से नाता तोड़ दिया है.

मांझी ने राबड़ी देवी से मुलाकात के बाद मीडिया के सामने आकर इस संबंध में घोषणा की. इस दौरान पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव भी उनके साथ रहे.

तेजस्वी ने कहा कि मांझी हमारे माता-पिता के पुराने दोस्त हैं. हम इनका स्वागत करते हैं.

कांग्रेस के छह विधान परिषद सदस्यों में से चार जदयू में शामिल

बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी अपनी पार्टी के तीन अन्य विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) रामचंद्र भारती, दिलीप कुमार चौधरी और तनवीर अख़्तर के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में शामिल हो गए.

बुधवार देर शाम इसकी घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गत जुलाई महीने से जिस तरह से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर उन्हें अपमानित किया उसके कारण हमलोग यह निर्णय लेने को विवश हुए.

पटना स्थित अपने आवास पर कांग्रेस के इन तीनों एमएलसी के साथ पत्रकारों से बातचीत करते हुए चौधरी ने कांग्रेस छोड जदयू में शामिल होने की घोषणा कर दी.

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के महामंत्री और बिहार प्रभारी सीपी जोशी पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नज़दीकी होने का ग़लत फ़ायदा उठाकर हमारे ख़िलाफ़ षडयंत्र रचकर एक व्यक्ति विशेष को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष (काकब कादरी) बनाने के लिए प्रदेश में पूरी पार्टी को तितर बितर कर दिया. जबतक पार्टी किसी भी कार्यकर्ता को सम्मान नहीं देगी वह अपने दल के लिए कैसे काम कर सकता है.

उन्होंने कहा कि पार्टी विधानमंडल दल की बैठक के दौरान मुझ पर आरोप लगाया कि भभुआ में वे पार्टी उम्मीदवार को हराने में लगे हुए हैं जिसके बाद उन्हें लगा कि अब इस दल में बने रहने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है.

अशोक चौधरी ने कहा कि बुधवार को वे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार जी से मिले और उनसे अपनी पार्टी में शामिल कर लेने का आग्रह किया और उन्हें अपनी पार्टी में जगह देने के लिए उनके प्रति हम आभार व्यक्त करते हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या वह सरकार में भी शामिल होंगे तो चौधरी ने कहा कि नीतीश जी से किसी पद को लेकर उनकी कभी बात नहीं हुई. हम उस तरह की राजनीति में विश्वास नहीं करते. अगर मेरे अंदर मेरिट होगा तो मुझे जदयू के एक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने के लिए कहा जाएगा तो वे उसके लिए तैयार हैं, पार्टी नेता का निर्णय क्या होगा वे जानें.

उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस के कई अन्य विधायक उनके संपर्क में हैं और उनके ही रास्ते पर चलने की संभावना है.

बिहार प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष कौकाब कादरी ने कहा कि इन चारों एमएलसी को पार्टी विरोधी गतिविधियों को देखते हुए उन्हें आज शाम में ही पार्टी से निष्कासित कर दिया था.