सीबीआई ने नीरव मोदी को ईमेल भेजकर जांच में शामिल होने को कहा था. ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है. मेहुल चौकसी समूह की 1,217 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क.
नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने सीबीआई जांच में सहयोग से इनकार कर दिया है.
सीबीआई ने मोदी को दो अरब डॉलर (तकरीबन 12 हज़ार करोड़ रुपये) के कथित घोटाले में उसके समक्ष पेश होने को कहा था. नीरव मोदी ने अपनी कामकाजी व्यस्तता का हवाला देने हुए सीबीआई के समक्ष पेश होने में असमर्थता जताई है.
अधिकारियों ने बताया कि मोदी को ई-मेल के जरिये समन किया गया था. लेकिन उसने ‘विदेश में कामकाज की व्यस्तता’ होने को वजह बताते हुए पेश होने से मना कर दिया.
CBI on #NiravModi: CBI again wrote a mail to Nirav Modi to contact the High Commission of the concerned country and CBI will arrange his travel. CBI directed him to join investigation next week mandatory. pic.twitter.com/wJCJKY5LEh
— ANI (@ANI) February 28, 2018
इसके बाद एजेंसी ने मोदी को अधिक कड़ा पत्र जारी कर अगले सप्ताह उसके समक्ष पेश होने को कहा है.
इसके अलावा नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है. साथ ही नीरव की चार और संपत्ति को भी जब्त कर लिया गया है.
इस बीच, सीबीआई ने इस मामले में पीएनबी के आंतरिक मुख्य आॅडिटर एमके शर्मा को गिरफ्तार किया है. वह मुख्य प्रबंधक स्तर के अधिकारी हैं. यह बैंक के किसी आॅडिटर की पहली गिरफ्तारी है.
शर्मा, स्केल-चार स्तर के अधिकारी हैं, उन पर बैंक की ब्रैडी हाउस शाखा की प्रणालियों और कामकाज के तौर तरीकों की आॅडिट की जिम्मेदारी थी. इसी शाखा से शपथ पत्र (एलओयू) जारी किए गए जिससे नीरव मोदी ने अन्य बैंकों की विदेशी शाखाओं से कर्ज लिया.
इस बीच, एक कड़े पत्र के जरिये सीबीआई ने नीरव मोदी को निर्देश दिया कि वह जिस देश में है वहां भारतीय दूतावास से संपर्क करे, जिससे उसकी भारत यात्रा के लिए व्यवस्था की जा सके.
सीबीआई ने मोदी से कहा है कि किसी भी आरोपी को जांच में शामिल होने के लिए बुलाने पर पेश होना अनिवार्य है. मोदी को सीबीआई ने अगले सप्ताह पूछताछ के लिए बुलाया है.
इससे पहले एजेंसी ने मोदी को उसके आधिकारिक मेल पर संदेश भेजकर 12,636 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच में शामिल होने को कहा था.
प्रवर्तन निदेशालय ने की मेहुल चौकसी समूह की 1,217 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क
पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गीतांजलि जेम्स और इसके प्रवर्तक मेहुल चौकसी की 41 संपत्तियों को कुर्क किया है जिनकी कीमत 1,200 करोड़ रुपये से अधिक है.
निदेशालय ने इस मामले में धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) रोकथाम अधिनियम के तहत संपत्तियों की कुर्की के अस्थायी आदेश दिए हैं.
इन संपत्तियों में मुंबई के 15 फ्लैट और 17 कार्यालय परिसर, कोलकाता का एक मॉल, अलीबाग में चार एकड़ का फार्म हाउस और नासिक, नागपुर, पनवेल और तमिलनाडु के विलिपुरम में कुल 231 एकड़ के भूखंड शामिल हैं.
निदेशालय ने बताया कि हैदराबाद के रंगा रेड्डी जिले में भी 170 एकड़ के एक पार्क को कुर्क किया गया है जिसकी कीमत 500 करोड़ रुपये से ऊपर है.
निदेशालय ने बताया कि चौकसी के नियंत्रण वाली कुल 41 संपत्तियां जब्त की गई हैं जिनकी कुल अनुमानित लागत 1,217.2 करोड़ रुपये है.
उल्लेखनीय है कि चौकसी और उनके रिश्तेदार नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक के साथ लगभग 12,000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी करने का आरोप है.
इस मामले में निदेशालय समेत अन्य कई एजेंसियां जांच कर रही हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)