224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा के लिए इस साल अप्रैल या मई में चुनाव होने की संभावना है.
कर्नाटक चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करने का अगर कोई दावा करता है और उसे साबित नहीं कर पाता तो उसे छह महीने की जेल की सज़ा का प्रावधान होगा. टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य चुनाव आयोग के अध्यक्ष संजीव कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह घोषणा की.
संजीव ने कहा, ‘ईवीएम और वोटर वेरीफाएबल पेपर आॅडिट ट्रेल (वीवीपैट) के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. मीडिया के एक धड़े की ओर से ईवीएम से छेड़छाड़ की बात को हवा दे रहे हैं. चुनाव आयोग इसे एक गंभीर मुद्दा मानता है. अगर इस संबंध में कोई ग़लत ख़बर प्रकाशित होती है या किसी तरह की अफवाह फैलाने की कोशिश की जाती है तो चुनाव आयोग उस व्यक्ति या संस्था के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराएगा.’
टाइम्स आॅफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ मीडिया रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर गुजरात से ईवीएम लाए गए हैं, जिसमें भाजपा को जिताने के मक़सद से छेड़छाड़ की गई है.
इन आरोपों को ग़लत ठहराते हुए राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘यह बहुत सामान्य प्रक्रिया है कि एक राज्य का ईवीएम किसी दूसरे राज्य के चुनाव में इस्तेमाल हो. पंजाब के ईवीएम गुजरात चुनावों के दौरान इस्तेमाल किए गए थे.’
आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 85,650 बैलट यूनिट (बीयू) और 66,700 कंट्रोल यूनिट (सीयू) अतिरिक्त ईवीएम गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश से मंगवाए गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार प्रत्येक ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन लगाना अनिवार्य है, ताकि मतदाता को पता चल सके कि उसका वोट सही जगह गया है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 73,850 वीवीपैट मशीनों की आवश्यकता है. 60,700 वीवी पैट (एम3 मॉडल) को बेंगलुरु बीईएल ने बनाया है और 1300 वीवीपीएटी गुजरात से आने वाली हैं.
224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा के लिए इस साल अप्रैल में चुनाव होने वाले हैं. विधानसभा में बहुमत के लिए 113 सीटों की ज़रूरत होती है.